बेरोजगारी का दंश

By: Jul 17th, 2020 12:05 am

-शशि राणा, रक्कड़

वर्तमान समय में हमारा देश अनेक समस्याओं से जूझ रहा है क्योंकि राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले सक्षम नवयुवक स्वयं स्वावलंबी नहीं हैं। बेरोजगारी समाज के लिए एक अभिशाप है। इससे न केवल व्यक्तियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है, बल्कि बेरोजगारी समस्त समाज को भी प्रभावित करती है। जब किसी प्रदेश या देश के डिग्री धारक युवा चतुर्थ श्रेणी के पद के लिए हजारों की तादाद में आवेदन करते हैं तो यह आसानी से समझ आता है कि उस प्रदेश या देश में बेरोजगारी किस स्तर पर है। वर्तमान समय में बेरोजगारी हमारे देश को दीमक की तरह चाट रही है। इस समस्या के कारण ही अन्य समस्याएं जैसे अनुशासनहीनता, भ्रष्टाचार, आतंकवाद आदि उत्पन्न हो रहे हैं। जैसे कि कहा जाता है कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है। बेरोजगारी की बढती समस्या निरंतर हमारी प्रगति, शांति और स्थिरता के लिए चुनौती बन रही है। हमारे देश में बेरोजगारी के अनेक कारण हैं जैसे कि बढ़ती हुई जनसंख्या, मशीनीकरण, हमारी शिक्षा व्यवस्था आदि। वहीं वर्तमान समय में कोविड-19 महामारी भी बेरोजगारी का एक कारण बन गई है जिसके चलते कई लोगों की नौकरियां छूट गई हैं। स्वाभाविक तौर पर इस ओर उचित कदम उठाने की आवश्यकता है और बेरोजगारी का दंश मिटाने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्रों में अवसर बढ़ाने होंगे।


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