संक्रांति से श्रावण मास की शुरुआत; सावन का पहला सोमवार 20 जुलाई को

By: Jul 13th, 2020 12:06 am

संक्रांति से श्रावण मास की शुरुआत; कोरोना संकटकाल के चलते मंदिरों में नहीं दिखेगी रौनक

धर्मशाला  – हर वर्ष शिवभक्त बड़ी उत्सुकता से श्रावण माह का इंतजार करते हैं। हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष सावन माह की शुरुआत संक्रांति अर्थात 16 जुलाई से हो रही है। इसके बाद इस महीने आने वाले सोमवार को व्रत और त्योहार भी शुरू हो जाएंगे। इस बार कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए श्रावण माह में हर साल की तरह मंदिरों में धूमधाम देखने को नहीं मिलेगी। सावन का महीना शिव की अराधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि जो भक्त इस महीने में माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हैं, उन्हें भोलेनाथ की असीम कृपा मिलती है। सावन का पहला सोमवार 20 जुलाई को होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है। इस महीने में भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, शिवभक्त गंगा नदी या अन्य पवित्र नदियों से जल लाते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। श्रावण या सावन महीने को सर्वोत्तम माह कहा जाता है। पौराणिक तथ्य बताते हैं कि भगवान शिव के भक्तों के लिए यह महीना इसलिए भी खास है, क्योंकि मान्यताओं के अनुसार भोलेनाथ सावन के महीने में धरा पर अवतरित होकर अपनी ससुराल गए थे। जहां पर उनका स्वागत अर्घ्य और जलाभिषेक से किया गया था। प्रत्येक वर्ष सावन माह में महादेव अपनी ससुराल जाते हैं। शिवमंदिरों में भक्तों का हर-हर महादेव का जय घोष और भोलेनाथ के प्रति उनकी अटूट आस्था देखते ही बनती है। बरसात का मौसम भी शिवभक्तों के उत्साह और भोलेनाथ के प्रति उनके मन में भक्तिभाव में किसी तरह की कमी नहीं आने देता। सावन के पहले सोमवार से ही मंदिरों में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के दर्शनों और पूजा के लिए भक्त पंक्तिबद्ध होकर बारी की प्रतीक्षा करते हैं। इस बार कोरोना वायरस महामारी के कारण भक्तों को अपने घरों में रहकर ही सावन में शिवार्चना करनी होगी। महाकाल के भक्तों को पूरी उम्मीद है कि भगवान शिव के आशीर्वाद और सभी के सहयोग से शीघ्र ही विश्व कठिन समय से बाहर निकलने में सफल रहेगा।

व्रत रखने से पूरी होती है मनोकामना

शिव पुराण में उल्लेख है कि भगवान शिव स्वयं ही जल हैं। इसलिए जल से उनकी अभिषेक के रूप में अराधना सर्वोत्तम फल है। ऐसा भी व्याख्यान है कि इस महीने में भगवान शंकर की पूजा करने और उनके लिए व्रत रखने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जिला कांगड़ा के बैजनाथ में शिव मंदिर और महाकालेश्वर, इंदौरा के काठगढ़, देहरा के कालेश्वर महादेव, धर्मशाला के नजदीक अघंजर महादेव, प्राकृतिक शिव मंदिर त्रिलोकपुर इत्यादि धार्मिक स्थलों पर इस महीने में शिवभक्तों का काफी आना-जाना रहता है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App