सेब की तर्ज पर निर्धारित हो आम का मूल्य

By: Jul 8th, 2020 12:18 am

घुमारवीं-त्यूंन सरयून किसान एवं श्रमिक कल्याण सभा हरलोग के अध्यक्ष आशीष ठाकुर ने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है। कोरोना ने किसानों की कमर तोड़ दी है, पर सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बार निचले हिमाचल में आम की बहुत बढि़या फसल हुई है, पर बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश सरकार का इस और जरा भी ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि तूफान और बारिश की वजह से किसानों की आम की काफी ज्यादा तबाह हुई है। पर समझ से परे है कि आज तक निचले हिमाचल में पैदा होने वाली फसलों का सरकार मूल्य निर्धारित नहीं कर पाई है और न ही प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की मुआवजा राशि की कोई व्यवस्था नहीं है, जबकि ऊपरी हिमाचल में होने वाली मुख्य फसल सेब का मूल्य भी सरकार ने निर्धारित कर रखा है और आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई भी सरकार उन किसानों को करती आई है। उन्होंने कहा कि एक ही प्रदेश को दो भागों में बांट दिया गया है। किसान हर जगह एक से ही होते हैं। मेहनत मजदूरी हर फसल के लिए बराबर ही लगती है। उन्होंने कहा कि इससे भी बड़े दुर्भाग्य की बात है कि सरकार के कृषि उपज विपणन समिति की तरफ  से भी कोई व्यक्ति इन किसानों की सुध लेने के लिए नहीं पहुंचा है। आज किसानों की फसलें मंडी में न पहुंचने की वजह से तबाह हो रही है। आशीष ठाकुर ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द सेब की फसल की तर्ज पर निचले हिमाचल में होने वाली फसलों का मूल्य प्रदेश सरकार निर्धारित करे और कृषि विभाग को आदेश जारी करें कि प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया जाए और किसानों को आर्थिक मदद मिले।


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