टुकड़े-टुकड़े ज़िंदगी : एक सेवक ऐसा भी
Jul 28th, 2020 6:02 pm
ऐसी जिंदगी किसी की न हो
मुखिया मानसिक पीड़ित, बुजुर्ग खाट पर
यह जीना भी कोई जीना है
आदर्श पंचायत में क्यों दर ब दर हुआ ये परिवार
क्या यही है जिंदगी ! बेटे मानसिक रोगी, मां को लकवा मार गया
टुकड़े-टुकड़े ज़िंदगी – हे ईश्वर! ऐसी ज़िंदगी मत देना
ऐसी ज़िंदगी से मौत ही अच्छी।
जंगल में बनी झोंपड़ी में रहने को मजबूर
पौंग के जाल में मछुआरे
बेटी को आखिर मैकेनिक क्यों बनना पड़ा
तो इन्हें जहर दे दीजिए सरकार