जम्मू कश्मीर के डोडा से छड़ी लेकर चंबा पहुंचे शिव भक्त, भरमौर में लगाएंगे जयकारे, जन्माष्टमी पर डल झील में डुबकी
सलूणी – कोरोना ने हिमाचल की सबसे लंबी धार्मिक यात्रा निगल ली। इस बार प्रसिद्ध और ऐतिहासिक चंबा की मणिमहेश यात्रा नहीं होगी, पर इस सबके बीच यहां पर सदियों से चली आ रही धार्मिक रस्में निभाने के लिए जम्मू कश्मीर के डोडा भद्रवाह के शिव भक्तों का टोला पहुंच गया है। शनिवार को पड़ोसी राज्य के शिव भक्त हिमाचल में सीमा में दाखिल होते हुए मणिमहेश के लिए रवाना हो गए। ये भक्त अपनी छड़ी को जन्माष्टमी तक भरमौर पहुंचाएंगे। बताते चलें कि हर वर्ष हजारों की संख्या में शिव भक्त पड़ोसी राज्य जम्मू कश्मीर से सैकड़ों किलोमीटर का पैदल सफर तयकर मणिमहेश पहुंचते हैं और जन्माष्टमी के अवसर पर डल झील में डुबकी लगाकर अपनी यात्रा पूरी करते हैं।
इस बार कोरोना के कहर के चलते यात्रा पर रोक लगा दी गई है और यह इस बार महज रस्मों तक ही सीमित होकर रह गई है। इसी के चलते परम्परा अनुसार रस्मों को निभाने के लिए डोडा प्रशासन व चम्बा प्रशासन से अनुमति लेकर भद्रवाह के चिन्ता क्षेत्र से 9 शिव भक्तों का टोला छड़ी लेकर चम्बा पहुंच गया है। ये भक्त भरमौर तक छड़ी पहुंचाएंगे और 12 अगस्त को लौट जाएंगे। छड़ी पहुंचाने की रस्म यात्रा के दौरान वह रहने खाने का तमाम सामान खुद ही लाते हैं। भगवान शिव के इन भक्तों में गूर राजिन्दर प्रसाद के साथ दिनेश कुमार,अमरेश शर्मा,रमेश कुमार अन्य गुरों में संजू शर्मा, डॉक्टर मनोज,राजेश,लोडेश व ऋषि शामिल हैं।
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