जुनून और करुणा

By: Aug 29th, 2020 12:15 am

ओशो

हम जानते हैं कि जुनून क्या है इसलिए ये जानना मुश्किल नहीं है कि करुणा क्या होती है। जुनून का मतलब है एक जैविक बुखार की स्थिति, ये गर्म होती है। आप जैविक, अवचेतन ऊर्जा से भरे हैं। आप अपने मालिक नहीं, बल्कि आप अपने दास हैं। करुणा का मतलब है कि आपने जैविक और शारीरिक हालातों को पार कर लिया है। अब आप दास नहीं, बल्कि मालिक हो गए हैं। अब आप चेतना के साथ काम करते हैं। आप किन्हीं अवचेतन शक्तियों द्वारा संचालित, खींचे और धक्का नहीं दिए जाते हैं। आप खुद तय कर सकते हैं कि आप अपनी ऊर्जा का क्या करना चाहते हैं। आप पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। तब वही ऊर्जा जो जुनून है, करुणा में बदल जाती है। जुनून एक लालसा है, जबकि करुणा प्रेम है। जुनून दूसरों को एक साधन के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है, जबकि करुणा दूसरों के व्यक्तित्व को मान कर उसका सम्मान करती है। जुनून आपको पृथ्वी और कीचड़ तक ही सीमित रखता है और आप कभी भी कमल नहीं

बन पाते।

करुणा आपको कमल बना देती है। आप चाहत, लालच और क्रोध की कीचड़ की दुनिया से ऊपर उठना शुरू कर देते हैं। करुणा आपकी ऊर्जा का परिवर्तन है।

सामान्य तौर पर आप बिखरे और बंटे हुए हैं। आपकी ऊर्जा, आपके क्रोध, लालच, वासना और दूसरी चीजों में बर्बाद हो जाती है। यदि ये सारी ऊर्जा बर्बाद नहीं होती, तो वह आपके अस्तित्व को भरना शुरू कर देती है। आप पूर्ण हो जाते हैं। आपके भीतर एक प्रकाश पैदा होता है। जब आप उसमें बहना शुरू कर देते हैं, तो आप बुद्ध बन जाते हैं। आप एक कभी खत्म न होने वाले स्रोत पर पहुंच जाते हैं। करुणा मुख्य शब्द है, लेकिन आप इसे तभी समझ पाएंगे जब आप गहरे ध्यान

में जाएंगे।

जुनून को करुणा में बदलने के लिए ध्यान कुंजी है। आपको ज्यादा सचेत बनना होगा। ये अंधे लोगों का समाज है। आंखें रखने का मतलब है खतरे को आमंत्रण देना। लेकिन जागरूकता को बढ़ाए बिना आप कभी भी सुंदर वरदानों को, जिन्हें सृष्टि ने आपको प्रदान किया है, जानने में सक्षम नहीं हो पाएंगे। आप कभी भी उस महान अवसर को नहीं समझ पाएंगे जो आपको आगे बढ़ने के लिए मिला है। आप सूर्य के प्रकाश से भरी पर्वत की चोटी हो सकते हैं लेकिन आप केवल अंधेरी गुफा हैं। सुकरात कहते हैं कि अगर आपको मालूम है कि आपको जानकारी नहीं है, तो यह एक महान शुरुआत है। इसके बाद आपके लिए जानकारी प्राप्त करना संभव हो जाता है। ये समझना कि मैं अज्ञानी हूं? अपने भीतर की सच्चाई और अपने सच को खोजने और जानने की संभावना को बढ़ा देता है। करुणा जुनून का आखिरी पड़ाव है। जब आप मेरे पास आते हैं तो जागरूक बन कर नहीं आते हैं इसलिए आते हैं ताकि आप सुंदर और मीठे सपने देख सकें।

ये आप के आने का उद्देश्य होता है, लेकिन हमारे यहां होने का ये उद्देश्य नहीं है। एक बार आप यहां आते हैं और पकड़ लिए जाते हैं। फिर धीरे-धीरे मैं आपके सपनों को बाहर निकालना शुरू कर देता हूं। उसके बाद धीरे-धीरे आपके भ्रमों को तोड़ता हूं। एक बार आपके भ्रम दूर हो जाते हैं, तो आपके सपने भी चकनाचूर हो जाते हैं और इसके बाद एक महान ज्ञान आपके लिए इंतजार कर रहा होता है। एक ऐसा ज्ञान जो आपको बुद्ध बना देता है और करुणामय कर देता है।


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