मधुर महागणपति मंदिर

By: Aug 29th, 2020 12:21 am

गणेशजी के प्राचीन मंदिरों में से एक केरल में मधुरवाहिनी नदी के तट पर स्थित है। यहां मधुर महागणपति नाम का एक मंदिर है। इसका इतिहास 10वीं शताब्दी का माना जाता है। प्रारंभ में यहां शिवजी का ही मंदिर था, लेकिन बाद में ये गणेशजी का मुख्य मंदिर बन गया। इस संबंध में क्षेत्र में कई मान्यताएं प्रचलित हैं…

दीवार पर उभरी है गणेश प्रतिमा- क्षेत्र में प्रचलित मान्यता के अनुसार प्रारंभ में यहां सिर्फ शिवजी का ही मंदिर था। उस समय यहां पंडित के साथ उसका पुत्र भी रहता था। पंडित के छोटे बच्चे ने एक दिन मंदिर की दीवार पर गणेशजी की आकृति बना दी। बाद में ये चित्र धीरे-धीरे अपना आकार बढ़ाने लगा और ये आकृति बड़ी और मोटी होती गई। दीवार पर चमत्कारी रूप से उभरी इस प्रतिमा के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आने लगे। बाद में यहां गणेशजी की पूजा मुख्य रूप से होने लगी। मंदिर के पास ही मधुरवाहिनी नदी है। इस नदी के नाम पर ही मधुर महागणपति के नाम से मंदिर प्रसिद्ध हुआ है।

मंदिर से जुड़ी अन्य बातें- ये मंदिर केरल के कासरगोड शहर से करीब 7 किमी. दूर स्थित है। यहां मोगराल नदी यानी मधुरवाहिनी नदी बहती है। मंदिर में एक तालाब है। यहां प्रचलित मान्यता के अनुसार तालाब का पानी औषधीय गुणों से भरपूर है। मुदप्पा सेवा यहां मनाया जाने वाला एक विशेष त्योहार है, जिसमें भगवान गणपति की प्रतिमा को मीठे चावल और घी के मिश्रण से ढंक दिया जाता है, जिसे मुदप्पम कहते हैं।

कैसे पहुंचें मंदिर तक- केरल देश के सभी बड़े शहरों से हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। केरल पहुंचने के बाद कासरगोड शहर पहुंचना होगा। यहां से 7 किमी. की दूरी पर ये मंदिर स्थित है। यहां का प्राकृतिक वातावरण बहुत ही मनमोहक है। इसीलिए यहां हजारों पर्यटक पहुंचते हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App