‘वेदना’ में संवेदनाओं की अभिव्यक्ति

By: Aug 9th, 2020 12:03 am

पुस्तक समीक्षा

बिजनौर निवासी प्रसिद्ध साहित्यकार डा. अशोक रस्तोगी का नया कहानी संग्रह ‘वेदना’ संवेदनाओं की अभिव्यक्ति की दृष्टि से सफल संग्रह है। इसमें वेदना, तिरस्कार, काला तिल, मिट्टी का माधो, करमजली, निर्वासन, दावानल, बंजर धरती, प्रेम की मंजिल, राजद्रोही देशभक्त, राजसी साध्वी, अरमान, कंगला, दंभ और बाबू जी जैसी 21 कहानियों को संग्रहित किया गया है।

आर्यावर्त प्रिंटर्स, अमरोहा से प्रकाशित यह कहानी संग्रह 250 रुपए मूल्य का है। डा. रस्तोगी की रचनाओं में मानव मूल्यों के प्रति सत्यनिष्ठा स्पष्ट परिलक्षित होती है। उनकी कहानियां हृदयस्पर्शी, सारगर्भित और परिवेश से बातें करती प्रतीत होती हैं। पारिवारिक, सामाजिक, सामयिक व राष्ट्रीय विषयों पर मुखरता से चली उनकी लेखनी प्रशंसनीय व स्तुत्य है। भाषा और शैली की दृष्टि से उनकी कहानियां सरल व रोचक हैं।

डा. रस्तोगी सशक्त एवं भावपूर्ण साहित्य सर्जक हैं। उनका यह कथा संग्रह भावों को उद्वेलित करने वाला है। डा. रस्तोगी की कहानियां पाठकों को संदेश देने के साथ-साथ उनका मनोरंजन करने में भी सफल रही हैं। आशा है कि यह संग्रह पाठकों को पसंद आएगा।

-राजेंद्र ठाकुर


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