ये जन्माष्टमी घरों में

By: Aug 11th, 2020 12:20 am

कोरोना महामारी के चलते राजधानी में जन्माष्टमी पर्व पर पसरा सन्नाटा

नगर संवाददाता,शिमला-श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर के लिए राजधानी के बाजार अभी से ही सज गए हैं। दुकानों पर राधा-कृष्ण की मूर्तियां, उनकी पोशाक, नई तकनीक के झूले  देखकर ग्राहक आकर्षित हो रहे हैं। रक्षाबंधन के बाद अब जन्माष्टमी की तैयारी शुरू हो गई है। लोअर बाजार, राम बाजार, गंज बाजार शहर में कई स्थानों पर राधा-कृष्ण की आकर्षक झाकियां लगती हैं। इसे देखने के लिए बच्चे-बूढे़ व महिलाए बड़ी संख्या में लोग परिवार के साथ पहुंचते थे, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के चलते बाजारों में जन्माष्टमी पर्व की कुछ खास रौनक देखने को नहीं मिल रही है। हालांकि लोअर बाजार में बाल गोपाल के सुंदर मूतियां लोगों को अपनी ओर जरूर आकर्षित कर रही हैं। इस बार कोरोना वायरस के चलते शहर के सबसे बड़े राधा कृष्ण मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से नहीं मनाई जाएगी। मंदिर के पुजारी ने लोगों से आह्वान किया है कि वह घरों में रहकर ही व्रत व पूजा करें।

गौर रहे कि हर साल राजधानी में जन्माष्टमी पर्व बड़ी धूम धाम से मनाया जाता था। मंदिरों में भी एक सप्ताह पहले से ही साज-सजावट का कार्य शुरू हो जाता था। बाल कृष्ण की सुंदर झाकियां हर किसी का मन मोह लेती थी। लेकिन इस साल इस तरह की कोई रौनक नहीं देखी जा रही है। मंदिर बंद हैं, ऐसे में लोगों को इस साल की जन्माष्टमी पर्व अपने घरों में ही मनानी पड़ेगी। जबकि हर साल इस अवसर पर भक्त व्रत रखते थे। रात 12 बजे तक मंदिरों में भजन कीर्तन का दौर चलता था। लेकिन इस साल ऐसा कुछ नहीं है,  मंदिर बंद है, लोग अपने घरों में ही जन्माष्टमी मनाएगें। इस मौके पर कृष्ण भक्त अपने घरों में कई तरह के पकवान भी बनाएंगे, जो विशेष तौर पर श्री कृष्ण को पसंद है।

राधा-कृष्ण की मूर्तियां बनीं लोगों की पसंद

सोमवार को शिमला के लोग बच्चों के लिए भी राधा-कृष्ण की पोशाकें खरीदते नजर आए। पोशाक और मूर्तियों के विक्रेता संदीप कुमार ने बताया कि ज्यादा बिक्री राधा-कृष्ण की मूर्तियों, उनके गहने तथा पोशाक की हो रही है। पिछले कुछ समय से कृष्ण का पालना भी हाईटेक हो गया है। पहले केवल रस्सी से झूलाया जा सकने वाला पालना अथवा झूला अब बिजली व बैटरी चालित हो गया है। इसके अलावा इस झूले पर फूलों की सजावट के साथ-साथ लाइटों की सज्जा भी देखने को मिल रही है। इसकी खूबसूरती नेट से बनी मच्छरदानी व मखमल की खूबसूरत रंगों में आई चादर बढ़ा रही है। शहर के थोक विक्रेता शमशाद ने बताया कि श्रीकृष्ण की पालकी सजाने के लिए भी लोग सजावट की सामग्री खरीद रहे हैं। सोमवार को  बाजार में ग्राहकों की भीड़ रही।


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