फसल बीमा योजना से नुकसान की भरपाई, एक लाख किसानों को मिले 19.54 करोड़ रुपए

By: विशेष संवाददाता - शिमला Sep 21st, 2020 1:06 pm

प्रदेश भर के लोग उठा रहे स्कीम का लाभ, अब तक एक लाख किसानों को मिले 19.54 करोड़ रुपए

प्रदेश के किसानों द्वारा उगाई जाने वाली मुख्य फसलों जैसे गेंहू, मक्की, धान व जौ को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सहायक सिद्ध हो रही है। इस योजना से किसानों को उनके नुकसान की अब भरपाई होने लगी है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में किसान हित में लागू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का सीधा लाभ अब प्रदेश के किसानों को मिलने लगा है। लोगों द्वारा उगाई जाने वाली मुख्य फसलों के अलावा नकदी फसलों, टमाटर, मटर, अदरक, लहसुन, श्ामला मिर्च सहित अन्य मौसम आधारित नकदी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि आग, आसमानी बिजली, सूखा, शुष्क अवधि, बाढ़, जल भराव, ओलावृष्टि, चक्रवात, तूफान, भू-स्खलन, बादल फटना, कीट व रोगों आदि से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल किया गया है।

सरकार के वर्तमान कार्यकाल में राज्य में अब तक 1,01585 प्रभावित किसानों को फसलों को हुए नुकसान की एवज में 19.54 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति की गई है। योजना के अंतर्गत जिला बिलासपुर में 8436, मंडी में 1081, सिरमौर में 1764, सोलन में 2659, चंबा में 3108, हमीरपुर में 45875, कांगड़ा में 22997, ऊना में 15652 और कुल्लू जिला में 13 किसानों को रबी व खरीफ की फसलों को हुए नुकसान की एवज में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत क्षतिपूर्ति की गई है। योजना के अंतर्गत फसल का बीमा करवाने के लिए किसानों के लिए प्रीमियम दर बीमित राशि पर अधिकतम पांच प्रतिशत रखी है, जबकि मौसम आधारित फसलों के लिए खरीफ मौसम के लिए बीमित राशि के अनुसार दो प्रतिशत व रबी के मौसम के लिए 1.5 प्रतिशत रखी गई है। प्रीमियम दर यदि पांच प्रतिशत से अधिक होती है, तो वह राज्य व केंद्र सरकार 50ः50 के अनुपात में वहन करेगी। मौसमी व्यवहार को भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल किया गया है। अगर किसान कम वर्षा या प्रतिकूल मौसमी व्यवहार के कारण समय पर अपने खेतों में फसल की बुआई नहीं कर पाता है, तो उसे भी बीमा आवरण में कवर किया गया है।

खरीफ  मौसम के लिए ये नकदी फसलें भी शामिल

खरीफ  मौसम के लिए जिला सोलन, बिलासपुर, शिमला, सिरमौर कांगड़ा, कुल्लू व मंडी के चुने हुए क्षेत्रों में टमाटर की खेती, जिला सोलन, बिलासपुर, सिरमौर जिले की अदरक की फसल, जिला शिमला, किन्नौर, लाहुल-स्पीति, मंडी, कुल्लू व चंबा की मटर की फसल, जिला चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहुल-स्पीति, मंडी, शिमला, सिरमौर व ऊना की आलू की फसल, जिला कुल्लू व शिमला (ठियोग) की बंदगोभी, शिमला ठियोग व लाहुल-स्पीति की फूलगोभी की फसल को भी मौसम आधारित फसल बीमा योजना में शामिल किया गया है।


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