सीता अम्मान मंदिर श्रीलंका
श्रीलंका में एक ऐसा मंदिर है, जहां मुख्य रूप से सीता माता की पूजा-अर्चना होती है। इस मंदिर में सीता माता की भव्य प्राण प्रतिमा प्रतिष्ठित है। यहां के तमिल भाषी लोग न हिंदी बोल पाते हैं और न ही हिंदी समझ पाते हैं, फिर भी यहां हनुमान चालीसा पढ़ी व गुनगुनाई जाती है। साथ ही सीता माता को देवी के रूप में सम्मान दिया जाता है। यह सीता इलिया अथवा सीता अम्मान मंदिर श्रीलंका के ‘न्यूवार इलिया’ नामक पर्वत पर बसे न्यूवार इलिया कस्बे से 5 किलोमीटर दूर केंडी रोड पर स्थित है। सीता माता के इस एकमात्र भव्य मंदिर का निर्माण यद्यपि 1998 में ही हुआ है, किंतु मान्यताओं एवं किंवदंतियों के अनुसार यह वही स्थल है, जहां असुरराज रावण ने सीता माता को बंदी बनाकर रखा था।
शांत, रमणीक ग्रामीण पृष्ठभूमि के इस क्षेत्र में एक झरने के निकट बने इस मंदिर की गोलाकार छत बहुरंगी पौराणिक चित्रों से समृद्ध प्रतीत होती है। पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण दर्शनीय स्थल होने की आशा से श्रीलंका सरकार ने इसे सीता इलिया प्रोजेक्ट का नाम दिया है। श्रीलंका को मंदिरों का देश कहें, तो गलत नहीं होगा। आइए जानते हैं यहां के कुछ अन्य प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में।
गंगारामया मंदिर- यह प्राचीन मंदिर आधुनिकता और सांस्कृतिक वास्तुकला का मिश्रण कहा जा सकता है। यह कोलंबो के बीच में स्थित है। यहां पहुंचने के लिए कोलंबो एयरपोर्ट से 40 मिनट का समय लगता है।
दलदा मालीगावा – अगर कोई व्यक्ति श्रीलंका में आध्यात्मिक समय व्यतीत करना चाहता है, तो वह श्री दलदा मालीगावा मंदिर के दर्शन करने अवश्य जाए। यह बहुत ही भव्य मंदिर है और यहां पर होने वाले धार्मिक कार्यक्रम भी देखने योग्य होते हैं।
नागुलेश्वरम मंदिर – श्रीलंका के सबसे मशहूर मंदिरों में से एक है नागुलेश्वरम। इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा होती है। यह कीरिमलाई वॉटर स्प्रिंग के सामने स्थित है। यहां वातावरण बहुत ही पवित्र व धार्मिक है। इस मंदिर में पूजा करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
शंकरी देवी मंदिर – मान्यता है कि इसे रावण ने बनवाया था। यह मंदिर कोनेश्वरम के पास स्थित है। बड़ी संख्या में हिंदू इस मंदिर में शिव साधना के लिए पहुंचते हैं। इस मंदिर से बहुत ही खूबसूरत समुद्र का नजारा देखा जा सकता है।
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