बच्चों में दांतों की सड़न के मामले बढ़े

By: Oct 20th, 2020 12:10 am

आईजीएमसी डेंटल अस्पताल में लगातार आ रही शिकायतें, अभिभावक परेशान

नगर संवाददाता,शिमला-शिमला के आईजीएमसी डेंटल अस्पताल में इन दिनों छोटे बच्चों के दांतों में कीड़ा लगने से सड़न की शिकायत से परेशान मरीज पहुंच रहे हैं। डेंटल ओपीडी में अधिकतर छह से 12 वर्ष के बच्चों में दांतों की सड़न का ग्राफ बढ़ रहा है। अस्पताल में देखने में आ रहा है कि कोरोना के चलते भी बच्चों के दांतों में काफी शिकायतें सामने आ रही हैं, जिसमें मुख्यत दांतों में सड़न से होने वाली दर्द है।

 वहीं अस्पताल में कोरोना के चलते इन दिनों मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इसके लिए अस्पताल आने वाले हर मरीज की थर्मल स्क्रैनिंग की जा रही है। सप्ताह के पहले दिन सोमवार को भी अस्पताल में काफी संख्या में इलाज के लिए मरीज पहुंचे। इन दिनों बच्चों के दांतों में कीड़ा लगने की जो शिकायत है। उससे बच्चों के दांत खराब हो जाते है जिससे उनमें काफी दर्द होती है।

ब्रश न करने और मीठे की अधिक सेवन करने से बच्चों के दातों में कीड़े लगना आम बात है। वैसे तो यह बहुत आम समस्या है, लेकिन इसका इलाज न करने पर यह बड़ी बीमारियों का कारण भी बन सकती है। ज्यादातर बच्चों के दातों में कीड़ा लगने की समस्या ब्रश न करने, मीठे के अधिक सेवन, टूथ डिकेय और चॉकलेट के कारण होती है। डॉक्टर बता ते है कि कीड़ा लगने के कारण बच्चों के दांत कमजोर हो जाते है और दातों में दर्द और खून निकलने जैसी समस्याएं होने लगती है। अधिक मात्रा में मीठे और चिपकने वाली चीजें जैसे कैंडीज ,चिप्स, क्रीम बिस्कुट आदि खाने से दांतों में सड़न पैदा होने लगाती है। डॉक्टर भी सलाह देते है कि इन चीजों को कम खाना चाहिए। बच्चे अधिक जिद करें तो बच्चों को ह ते में एक दिन तय करके यह चीजें खाने को दें। जब भी खाने को दें तो उसके बाद दांतों को ब्रश करवाना न भूलें। मार्केट में मिलने वाले कई प्रोडक्ट्स आपके दांतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जैसे ज्यादा मात्रा में सोडा, कोल्ड ड्रिंक आदि पीना दांतों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

इन्हें ज्यादा लेने से दांतों की ऊपरी परत यानी इनेमल को नुकसान पहुंचता है और दांत सेंसेटिव हो जाते हैं जिससे कुछ भी गर्म-ठंडा दांतों में लगने लगता है। वहीं डॉक्टर यह भी बताते है कि कुछ अनचाही आदतें जैसे कि रात को सोते वक्त दांतों का कटकटाना, मुंह में पेंसिल या पिन को लागतार चबाते रहना, बर्फ चबाना आदि दांतों पर अधिक दवाब डालते हैं जिसकी वजह से दांतों की इनेमल और जुड़ी हड्डियों पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए अगर आपको रात में ही दांतों को कटकटाने की आदत है तो डेंटिस्ट से सलाह लेकर रात को पहने जाने वाले माउथगार्ड बनवा सकते हैं।

दांतों का रखें ध्यान

आईजीएमसी डेंटल अस्पताल के बाल दत्त चिकित्सक विशेषयज्ञ डॉ.दीपक चौहान छोटे बच्चों के दांतों का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है। बच्चों के अभिभावकों को चाहिए कि वह बच्चों को दिन में दो बार दांतों को साफ करने की आदत डाले। इसके साथ ही खाना खाने के बाद भी अच्छे से कुरला करने की आदत डाले। बच्चों को मिठ्ठे का सेवन कम करवाएं। ब्रशिंग के साथ माउथवॉश और  लॉसिंग भी जरूरी हैं । दांतों के बीच में जो खाना फंसता है वो दांतों की सड़न और मसूड़ों के इंफेक्शन का एक बड़ा कारण होता हैं। ऐसे में छोटे बच्चों के दांतों में किसी तरह की सड़न हो रही हो तो उसे समय पर डेंटल अस्पताल लाया जाना चाहिए।


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