बंदर…किसानों ने छोड़ी दी खेती

By: कार्यालय संवाददाता-पांवटा साहिब Oct 30th, 2020 12:30 am

पांवटा उपमंडल में बंदरों के आतंक से किसानों से खेती से मुंह फेरना शुरू कर दिया है। बंदरों द्वारा फसलें तबाह करने के कारण किसान परेशान हो रहे है। विशेषकर गिरिपार क्षेत्र मे तो बंदरों ने फसलों पर हमला किया हुआ है जिस कारण कई गांवों मे पारंपरिक फसलों की खेती लगभग बंद हो चुकी है। पहाड़ी क्षेत्रों के अलावा दून में भी बंदरों ने किसानों को खासा परेशान किया हुआ है। जानकारी के मुताबिक गिरिपार के आंजभोज में तो किसानो ने बंदरों से परेशान होकर खेती से मुंह फेर लिया है। साथ ही कफोटा क्षेत्र के केरका, बरता और खतवाड़ आदि उपगांवों मे भी किसानों ने मक्की व गेंहू की खेती से किनारा कर लिया है। किसान अब अदरक आदि की खेती कर रहे हैं लेकिन बंदर उन्हे भी तबाह कर रहे है। उपमंडल के दून क्षेत्र के सतीवाला व बातामंडी इलाके मे भी बंदरों ने डेरा डाल किसानो को दुःखी कर रखा है। किसानों का कहना है कि अब वह खेतों मे फसलें नही लगा सकते क्योंकि बंदर उन्हें तबाह कर देते है। इसके साथ ही शहर में भी बंदरों ने आतंक मचा रखा है। आलम यह है कि थोड़ी देर के लिए भी छत पर जाना दुश्वार हो चुका है।

पांवटा की विभिन्न कलोनियों मे बंदरों ने डेरा डाल रखा है जिससे लोग आतंकित है। कई बार यह बंदर इतने गुस्सैल रूप में आ जाते हैं कि लोगों को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ता है। पांवटा की सभी गलियों में बंदरों का आतंक लोगों को सता रहा है। लोग अपने ही घरों में खुद को सुरक्षित नहीं मान रहे है। क्योकि बंदर किसी भी समय उन पर हमला बोल देते है। खासतौर पर शहर की गृहिणियां और बच्चें इनका शिकार बन रहे है। गृहिणियों को बाहर कोई भी सामान रखने में उसे सुरक्षित नही समझा जा रहा। बंदरों ने छतों पर रखे कपडे़ व अन्य सामान को इधर.उधर करने और फाड़ने में कोई भी कसर नही छोड़ी है। किसानों और शहर के लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने बंदरों से लोगों को निजात दिलाने के लिए बंदरों को इक्ट्ठा कर उनकी नसबंदी भी की गई लेकिन लगता है कि यह मुहिम सिरे नही चढ़ पाई है। किसानों ने सरकार से इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। वहीं डीएफओ पांवटा कुनाल अंग्रीश ने बताया कि इस समस्या का स्थायी समाधान जल्द किया जाएगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App