मंत्र जाप से सिद्धि प्राप्ति में बाधा नहीं आती

By: Nov 7th, 2020 12:20 am

ऋष्यादिन्यास : ओउम गणक ऋषये नमः (शिरसि)। ओउम निचृद्गायत्री छंदसे नमः (मुखे)। ओउम एकाक्षर गणपति देवतायै नमः (हृदये)। ओउम गं बीजाय नमः (गुह्ये)। ओउम आं अः शक्तये नमः (पादयोः)। ओउम ग्लौं कीलकाय नमः (नाभौ)। ओउम विनियोगाय नमः (सर्वांगे)। कर-हृदयादिन्यास : ओउम गां (अंगुष्ठाभ्यां नमः, हृदयाय नमः)। ओउम गीं (तर्जनीभ्यां नमः, शिरसे स्वाहा)। ओउम गूं (मध्यमाभ्यां नमः, शिखायै वषट्)। ओउम गैं (अनामिकाभ्यां नमः, कवचाय हुम्)। ओउम गौं (कनिष्ठिकाभ्यां नमः, नेत्रत्रयाय बौषट्)। ओउम गः (करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः, अस्त्राय फट्)…

-गतांक से आगे…

एकाक्षर गणपति मंत्र सिद्धि

सर्वप्रथम स्नान, संध्या एवं वंदन आदि से निवृत्त हो लें। फिर पूर्वाभिमुख होकर आसन बिछाकर शांति के साथ बैठ जाएं। अपने सामने गणपति का चित्र स्थापित करें। इसके बाद नित्य की भांति गणपति की पूजा आदि करके गुरुचतुष्टय को निम्नवत प्रकार से नमस्कार करें :

ओउम गं गुरुभ्यो नमः। ओउम पं परमगुरुभ्यो नमः।

ओउम गं परमेष्ठि गुरुभ्यो नमः। ओउम पं परात्पर गुरुभ्यो नमः।

इसके पश्चात निम्नवत मंत्रों द्वारा आचमन करें :

ओउम गं आत्म तत्वाय नमः स्वाहा। ओउम गं विद्या तत्वाय नमः स्वाहा। ओउम गं शिव तत्वाय नमः स्वाहा। ओउम गं सर्व तत्वाय नमः स्वाहा।

फिर हाथ धोकर ‘ओउम गणपतये नमः’ मंत्र से दोनों हाथों का संशोधन करके हाथों के अग्रभाग से लेकर कोहनी पर्यंत भाग का स्पर्श करें। ऐसा करने से सिद्धि प्राप्ति में साधक को कोई भी बाधा नहीं सताती।

विनियोग

ओउम अस्य श्री एकाक्षरी गणपति मंत्रस्य गणक ऋषिः निचृद्गायत्री छंदः एकाक्षर गणपति देवता गं बीजम् आं अः शक्तिः ग्लौं कीलकम् मम श्रीगणपतिप्रसाद सिद्धयर्थे अमुक कार्य (कामना) सफलतार्थ जपे विनियोगः।

ऋष्यादिन्यास

ओउम गणक ऋषये नमः (शिरसि)। ओउम निचृद्गायत्री छंदसे नमः (मुखे)। ओउम एकाक्षर गणपति देवतायै नमः (हृदये)। ओउम गं बीजाय नमः (गुह्ये)। ओउम आं अः शक्तये नमः (पादयोः)। ओउम ग्लौं कीलकाय नमः (नाभौ)। ओउम विनियोगाय नमः (सर्वांगे)।

कर-हृदयादिन्यास

ओउम गां (अंगुष्ठाभ्यां नमः, हृदयाय नमः)। ओउम गीं (तर्जनीभ्यां नमः, शिरसे स्वाहा)। ओउम गूं (मध्यमाभ्यां नमः, शिखायै वषट्)। ओउम गैं (अनामिकाभ्यां नमः, कवचाय हुम्)। ओउम गौं (कनिष्ठिकाभ्यां नमः, नेत्रत्रयाय बौषट्)। ओउम गः (करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः, अस्त्राय फट्)।

(अगले अंक में साधना से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी। साधना का सबसे सरल मार्ग है कि काम करते हुए भी जितना संभव हो सके, भगवान का नाम जपते रहें। अपने इष्ट को मनाने का यह सबसे सरल मार्ग है।)


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App