स्नोव्हाइट और सात बौने

By: Nov 14th, 2020 12:20 am

‘‘मैं तुम्हें दिखाता हूं।’’ सयाने बौने ने उत्तर दिया। वह सेबों की एक टोकरी को उठाकर पास के एक पेड़ के नीचे ले गया।  पेड़ पर बहुत से बंदर बैठे थे। सयाना बौना सेबों की टोकरी वहीं छोड़ कर पीछे हट गया। उसके वहां से हटते ही पेड़ पर से बंदर नीचे उतर आए और छीना-झपटी करते हुए सेब खाने लगे। सेब खा चुकने के बाद वे फिर से पेड़ पर चढ़ गए।  ‘‘देखो, उस बंदर ने सारे सेब खा लिए, परंतु उन्हें कुछ नहीं हुआ। सब सही सलामत हैं और अब देखना, ‘‘ऐसा कुछ कहते हुए सयाने बौने ने राजकुमारी के हाथ से सेब छुड़ाया…

-गतांक से आगे…

जब वे अपने घर पहुंचे तो उन्होंने स्नोव्हाइट को गलियारे में फर्श पर अचेत पड़े देखा। पास में ही एक सेबों की टोकरी थी। राजकुमारी के दाएं हाथ में सेब था, जिसमें से एक टुकड़ा काट कर खाया जा चुका था। ‘‘मुझे गहरा शक था।’’

सयाना बौना बोला— ‘‘सेबों से भरी वह टोकरी मेरे संदेह का कारण है। न तो वह टोकरी हमारी है और न ही इस जंगल में कहीं सेब के पेड़ हैं। राजकुमारी के हाथ में एक सेब है। उसमें से केवल एक टुकड़ा खा लिया गया है।’’  ‘‘तुम साबित क्या करना चाहते हो?’’ दूसरे बौने ने पूछा।

‘‘मैं तुम्हें दिखाता हूं।’’ सयाने बौने ने उत्तर दिया। वह सेबों की एक टोकरी को उठाकर पास के एक पेड़ के नीचे ले गया।  पेड़ पर बहुत से बंदर बैठे थे। सयाना बौना सेबों की टोकरी वहीं छोड़ कर पीछे हट गया। उसके वहां से हटते ही पेड़ पर से बंदर नीचे उतर आए और छीना-झपटी करते हुए सेब खाने लगे। सेब खा चुकने के बाद वे फिर से पेड़ पर चढ़ गए।

‘‘देखो, उस बंदर ने सारे सेब खा लिए, परंतु उन्हें कुछ नहीं हुआ। सब सही सलामत हैं और अब देखना, ‘‘ऐसा कुछ कहते हुए सयाने बौने ने राजकुमारी के हाथ से सेब छुड़ाया। उसने वह अधखाया सेब ले जाकर उसी पेड़ के नीचे रख दिया। फिर जैसे ही सयाना बौना वहां से हटा, बंदर नीचे कूद आए।

उनमें से एक फुर्तीले बंदर ने सेब हथिया लिया। उसे मुंह से पकड़कर वह पेड़ पर चढ़ गया और डाली पर बैठ गया, ताकि आराम से सेब खा सके। जैसे ही उसने सेब में दांत गड़ाकर खाने के लिए टुकड़ा काटा वह बेहोश होकर नीचे गिरा और गिरते ही बंदर मर गया। ‘‘अब तुम समझे कि मैं क्या कहना चाहता हूं? राजकुमारी मर चुकी है। उसे सेब द्वारा जहर देकर मारा गया है।’’

यह समाचार देते-देते सयाने बौने की आंखों में

आंसू भर आए थे। दूसरे बौने भी शोकागुल होकर रोने लगे। ‘‘अब रोने का क्या फायदा? भगवान ने उसे हमारे पास बस कुछ दिनों के लिए ही भेजा  था। अब वापस बुला लिया। चलो उसे दफना दें। राजुकमारी की लाश अधिक देर ऐसे ही पड़ी रही तो सड़ने लगेगी।’’ एक बौने ने कहा।

 (स्नोव्हाइट और सात बौने की कहानी आपको अच्छी लगी होगी, ऐसी हमें आशा है। अभी इस कहानी में ट्विस्ट आने वाला है, यह कहानी पहले से भी ज्यादा रोचक हो जाएगी। इस कहानी का आनंद लेने के लिए आप हमारी पत्रिका ‘आस्था’ से निरंतर जुड़े रहें।)


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