प्रबंधन शिक्षा का महत्त्व

डा. वरिंदर भाटिया

कालेज प्रिंसिपल

भारतीय उद्योग जगत ने पश्चिम को बताया है कि प्रबंधकीय विशेषज्ञता में वह भी उनसे कंधे मिला सकता है। आज कई बहुराष्ट्रीय भारतीय कंपनियों ने विदेशों में जाकर अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों से न केवल टक्कर ली है, बल्कि उनसे ज्यादा अच्छे परिणाम दिए हैं। देश में पॉलिटिकल फ्रंट पर कामयाबी का आधार भी बेहतर प्रबंधन है। आम जीवन में समय प्रबंधन भी आपको कम समय में और कम प्रयासों के साथ अपने कार्यों को पूरा करने में मदद करता है। इस प्रकार यह तनाव से निपटने का भी एक शानदार तरीका है। ऐसा कहा जाता है कि ‘यदि आप अपना समय प्रबंधन नहीं कर सकते हैं, तो आप अपने जीवन के किसी अन्य हिस्से की व्यवस्था नहीं कर पाएंगे।’ इसलिए सफलता की दिशा में पहला कदम कुशलतापूर्वक अपने समय का प्रबंधन करना है। अगर आप इसमें महारथ हासिल कर लेते हैं तो कार्यों को बेहतर ढंग से कर सकेंगे…

देश में प्रबंधन शिक्षा को गति देने के लिए ओडिशा के प्रबंधन संस्थान आईआईएम संबलपुर को प्रधानमंत्री ने स्थायी कैंपस का तोहफा दिया है। पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस डिजिटल कैंपस की आधारशिला रखी। पीएम ने कहा कि देश के अलग-अलग स्थानों से नए क्षेत्रों में नए तरह के अनुभव लेकर निकल रहे मैनेजमेंट एक्सपर्ट भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। आज के दौर में प्रबंधन शिक्षा का बहुत अधिक महत्त्व है। प्रबंधन के बिना उत्पादन के साधन केवल साधन ही रह जाते हैं। प्रबंधन निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु उत्पादन के विभिन्न साधनों में प्रभावपूर्ण समन्वय स्थापित कर न्यूनतम प्रयासों से अधिकतम परिणामों की प्राप्ति संभव बनाता है।

प्रबंधन संस्था के उपलब्ध साधनों में उपयुक्त समन्वय स्थापित कर मनुष्यों का विकास करता है। अच्छे एवं कुशल प्रबंधन में दूरदर्शिता, योजनाओं के निर्माण की क्षमता, क्रियाओं के निर्धारण की क्षमता, देश की आर्थिक स्थिति का सही मूल्यांकन करने की क्षमता, ग्राहकों की रुचि का अध्ययन करने की क्षमता आदि होती है, जो कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए महत्त्वपूर्ण है। प्रबंधन द्वारा प्रारंभ में आधारभूत नीतियों का निर्माण किया जाता है और बाद में जरूरत के अनुसार विभिन्न नीतियों का निर्धारण किया जाता है। प्रबंधक समाज को स्थिरता प्रदान करने वाला तथा परंपराओं का संरक्षक है। व्यक्तियों के विकास में प्रबंधन का अत्यंत महत्त्व है। प्रबंधन की समस्त क्रियाएं मानवीय विकास से संबंधित होती हैं।

यह व्यक्तियों की कार्यकुशलता में वृद्धि करता है और उनका सर्वांगीण विकास करता है। प्रबंधक प्रत्येक व्यवसाय का गतिशील एवं जीवनदायक तत्त्व होता है। उसके नेतृत्व के अभाव में उत्पादन के साधन केवल साधन-मात्र ही रह जाते हैं, कभी उत्पाद नहीं बन पाते हैं। प्रबंधन की आवश्यकता केवल व्यावसायिक क्षेत्रों में ही नहीं, अपितु गैर-व्यावसायिक क्षेत्र जैसे स्कूल, कॉलेज, धार्मिक एवं राजनीतिक संस्थाओं, सामाजिक कार्यों, यहां तक कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जैसे घर, खेल का मैदान आदि में भी रहती है। देश की समृद्धि में भी प्रबंधन का काफी महत्त्व रहता है। कुशल प्रबंधक जब न्यूनतम लागत पर अधिकतम उत्पादन संभव बनाते हैं, श्रम समस्याओं को सुलझाते हैं, समाज के विभिन्न अंगों के प्रति अपने उत्तरदायित्व को भली-भांति निभाते हैं, जिससे राष्ट्र समृद्धि की ओर बढ़ता है। मैनेजमेंट का मतलब केवल काम लेना या काम करने की योजना भर बनाना नहीं, बल्कि इसे कला व विज्ञान दोनों कहा जाता है। मैनेजमेंट का मतलब लोगों को और अधिक कार्यशील बनाना है, यह कला हो गई और इसे कैसे कर सकते हैं, यह विज्ञान हो गया। यहां सबसे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि किसी भी कंपनी या उद्योग में आखिर मैनेजमेंट करने वाले मैनेजर की जरूरत ही क्यों पड़ती है? इसका सबसे अच्छा उदाहरण है कि किसी भी कंपनी में चार कर्मी मिलकर आठ घंटे की एक शिफ्ट में प्रतिदिन 6 इकाइयां बनाते थे। अब अगर वहां कंपनी ने मैनेजर रखा और उत्पादन वही है, तब मैनेजर की जरूरत ही नहीं। 6 की जगह 8 इकाइयां बनती हैं, तब मैनेजर वहां काम कर रहा है, यह सिद्ध होता है। यह बात केवल उद्योग पर लागू नहीं होती, बल्कि सेवा-क्षेत्र, रिटेल व अन्य क्षेत्रों में भी मैनेजमेंट की यही बात लागू होती है। जिस तरह से आजादी के बाद हरित क्रांति के कारण कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आया, उसी तरह से औद्योगिक क्रांति के कारण भारत ने अपना परचम विश्व में लहराया है।

भारतीय उद्योग जगत ने पश्चिम को बताया है कि प्रबंधकीय विशेषज्ञता में वह भी उनसे कंधे मिला सकता है। आज कई बहुराष्ट्रीय भारतीय कंपनियों ने विदेशों में जाकर अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों से न केवल टक्कर ली है, बल्कि उनसे ज्यादा अच्छे परिणाम दिए हैं। देश में पॉलिटिकल फ्रंट पर कामयाबी का आधार भी बेहतर प्रबंधन है। आम जीवन में समय प्रबंधन भी आपको कम समय में और कम प्रयासों के साथ अपने कार्यों को पूरा करने में मदद करता है।

इस प्रकार यह तनाव से निपटने का भी एक शानदार तरीका है। ऐसा कहा जाता है कि ‘यदि आप अपना समय प्रबंधन नहीं कर सकते हैं, तो आप अपने जीवन के किसी अन्य हिस्से की व्यवस्था नहीं कर पाएंगे।’ इसलिए सफलता की दिशा में पहला कदम कुशलतापूर्वक अपने समय का प्रबंधन करना है। अगर आप अपने समय को व्यवस्थित करने की कला में महारथ हासिल कर लेते हैं तो आप अपने कार्यों को बेहतर ढंग से संभालने में सक्षम होंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि समय प्रबंधन करना बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है। यह प्रेरणा स्तर को बढ़ाता है। यह आपको अधिक उत्पादकता प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। जब आप समय प्रबंधन की तकनीक पर काम करते हैं तो काम की गुणवत्ता में वृद्धि होती है। कुशल समय प्रबंधन आपके तनाव के स्तर को कम करने में मदद करता है। समय प्रबंधन की युक्तियां हैं- जैसे कि हर सुबह जो काम निपटाने हैं, उनकी सूची तैयार करें। अपने कार्यों को प्राथमिकता दें। अपने प्रत्येक कार्य को पूरा करने के लिए समय निर्धारित करें। अपनी सूची पर नज़र रखें और कार्यों को पूरा करने के बाद सूची से मिलान करते रहें। अपने कार्यों के बीच में ब्रेक लें।

प्रत्येक दिन कुछ समय के लिए ध्यान लगाएं। आज देश में मैनेजमेंट शिक्षा और स्किल्स को और मजबूत किया जाना चाहिए ताकि देश और समाज के विकास की गति को अधिक हुलारा मिल सके। देश में जितने अधिक कुशल प्रबंधक होंगे, उतने ही अधिक विकास कार्यों की योजनाएं बन सकेंगी तथा उन्हें अपने अंजाम तक पहुंचाया जा सकेगा। देश में समृद्धि और विकास लाने में प्रबंधन अहम भूमिका निभा सकता है। छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए हर राज्य में कम से कम एक आईआईएम होना जरूरी है। भारतीय प्रबंधन संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त छात्र देश की समृद्धि और विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

ईमेल ः hellobhatiaji@gmail.com


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