चुनाव ड्यूटी में लापरवाही पर दो एआरओ निलंबित

By: Jan 26th, 2021 12:12 am

जिला निर्वाचन अधिकारी की कार्रवाई से हड़कंप; तीन को शो कॉज नोटिस, पंचायत चुनावों में चूक की लगातार आ रही थीं शिकायतें   

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-धर्मशाला 

पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में लापरवाही और दूसरों को लाभ पहुंचाने के हैरतअंगेज मामले सामने आने पर पांच अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर गाज गिरी है। कांगड़ा जिला में पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों के दौरान मतगणना सहित अन्य गड़बडि़यों पर चुनाव आयोग के सख्त रुख के बाद चुनाव ड्यूटी पर तैनात रहे दो सहायक निर्वाचन अधिकारियों (एआरओ) को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, इसके अलावा एक एआरओ और दो पंचायत सचिवों के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इन तीनों को बीते 23 जनवरी को चुनाव आयोग की ओर से कारण बताओ नोटिस भेजे गए थे। निलंबित किए गए दो एआरओ में इंदौरा उपमंडल के तहत बसंतपुर पंचायत में चुनाव ड्यूटी के दौरान बतौर एआरओ तैनात दीप कुमार और हलेड़कलां पंचायत तैनात रहे एआरओ अनिल कुमार शामिल हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति ने राज्य चुनाव आयोग की सिफारिश के बाद इन्हें निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं।

उपायुक्त कांगड़ा ने पुष्टि करते हुए बताया कि उक्त दोनों अधिकारियों के खिलाफ राज्य चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद आयोग की सिफारिश पर इन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उधर, इनके अलावा इंदौरा ब्लॉक की बसंतपुर पंचायत के पंचायत सचिव धर्मपाल के खिलाफ भी चुनाव ड्यूटी के दौरान प्रधान के मतगणना परिणाम की शीट परिणाम घोषित करने से पहले ही सोशल मीडिया में वायरल करने के चलते उसके खिलाफ भी कार्रवाई  की सिफारिश की गई है। इसके अलावा थुरल उपमंडल के भेडू़ महादेव ब्लॉक की कानासूआ पंचायत के वार्ड नंबर तीन में चुनाव मैदान में उतरे पांच में से एक उम्मीदवार का नाम बैलेट पेपर में प्रकाशित न होने के चलते यहां तैनात रहे एआरओ विनोद कुमार के खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं, पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा का धर्मशाला ब्लॉक के तहत रक्कड़ पंचायत में वोटर लिस्ट से नाम गायब होने के लिए पंचायत सचिव अतिम कपूर के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश चुनाव आयोग ने की है। गौरतलब है कि पूर्व मंत्री ने इस बाबत राज्य चुनाव आयोग के सचिव को शिकायत भेजी थी जिसमें उन्होंने बताया था कि इस बार वोटर लिस्ट में उनका नाम ही नहीं है, जिसके चलते वह मतदान करने में असमर्थ रहे। उनकी शिकायत पर राज्य चुनाव आयोग ने उपायुक्त कांगड़ा को जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद जांच में पंचायत सचिव की कोताही के चलते उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


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