झंडा रस्म के साथ छेश्चु मेला संपन्न
सैकड़ों बौद्ध श्रद्धालु बने गवाह, समारोह में बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी ने बतौर मुख्यातिथि की शिरकत
लक्ष्मीदत्त शर्मा-रिवालसर
प्राचीन बौद्ध मठ के प्रांगण में छेश्चु मेले की अंतिम धार्मिक झंडा रस्म निभाई गई, जिसके सैकड़ों बौद्ध श्रद्धालु गवाह बने। इस धार्मिक रस्म में झंडे को लेकर लगाए गए पोल से सैकड़ों की संख्या में लगी पुरानी झंडियों को उतारा गया तथा उनके स्थान पर पर विभिन्न रंगों के मंत्र लिखित नई झंडियों को जिन्हें बौद्ध संस्कृति में दारछेन कहा जाता है, उन्हें पोल पर चढ़ाया गया ।
वहीं झंडे के रूप में लगे पुराने दारछेन को बौद्ध अनुयायियों ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। बौद्ध अनुयायियों के अनुसार पवित्र झंडे में लगा दारछेन को घर में रखने से बुरी आत्मायें नजदीक नहीं आती हैं तथा सुखसमृद्धि बनी रहती है। बौद्ध अनुयायी अच्छी फसल की पैदावार के लिए इन झंडियों को अपने खेतों व बागीचों में लगाते हैं। धार्मिक झंडा रस्म संपन्न होते ही हिमालय क्षेत्रों से आए बौद्ध अनुयायियों का अपने घरों में लौटने का क्रम भी शुरू हो गया। मंगलवार के समापन समारोह में बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मेले त्यौहार हमारी समृद्ध सांस्कृति की विरासत हैं।
इनके आयोजनों से हमें अपनी लोक संस्कृति और लोक विधा का सरंक्षण करने की प्रेरणा मिलती है। मेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की जयराम सरकार बचनबद्ध है। इस अवसर पर मुख्यातिथि ने सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने वाले विभिन्न महिला मंडलों के कलाकारों को इनाम व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर एसडीएम बल्ह आशीष शर्मा, मेला अधिकारी सुरेंद्र कुमार, अध्यक्ष नगर पंचायत रिवालसर रीता देवी, उपाध्यक्ष कश्मीर सिंह, कौशल्या देवी, पद्मसिंह भाटिया, धर्मा शर्मा, दौलत राम, लाभ सिंह, रुद्र प्रकाश, यशपाल, ढ़मेश्वर ठाकुर, तेजलाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कई गणमान्य उपस्थित रहे। एचडीएम
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