उत्तराखंड आपदा में चीन का हाथ

By: Feb 24th, 2021 12:01 am

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — मंडी

भारत-तिब्बत सहयोग मंच के वरिष्ठ सलाहकार एवं उपसभापति निर्वासित तिब्बती संसद आचार्य येशी फुंछोक का कहना है कि उत्तराखंड में हाल में आई आपदा के पीछे भी चीन के हाथ से इन्कार नहीं किया जा सकता। किन्नौर में पारछु झील से आई बाढ़ के पीछे भी चीन का ही हाथ था। तिब्बत में कोई ऐसी झील नहीं है, इस झील को बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह कोरोना भी चीन की बनाई हुई आपदा है। मंडी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चीन पर्यावरण से छेड़छाड़ कर अपने पड़ोसी देशों को नुकसान पहुंचाने की फिराक में है। पड़ोसी देशों को भी चीन भारत के खिलाफ उकसाने में लगा हुआ है। चीन की भारत से कोई सीमा नहीं है, लेकिन तिब्बत को कब्जे में लेकर चीन उस सीमा को अपनी बताकर अब भारत की भूमि को हड़पने की फिराक में है।

इसलिए जब तक तिब्बत की आजादी नहीं हो जाती, तब तक चीन का मसला भी हल नहीं हो सकता है। चीन अब तो दलाईलामा के अवतार को लेकर भी हस्तक्षेप करने में लगा हुआ है। चीन अवतार को मानने को लेकर तैयार नहीं है। भारत सरकार का लगातार तिब्बत समुदाय का सहयोग मिल रहा है। तिब्बत को आजाद करवाने के लिए विश्वभर में संघर्ष जारी है। विश्व भर में 250 से अधिक तिब्बत सहयोग समूह गठित हैं, जो कि तिब्बत को आजाद करवाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मंडी जिला में भी रिवालसर, मंडी, पंडोह, कुल्लू और मनाली में ऐसे समूह गठित हैं। चीन तिब्बत की संस्कृति को नष्ट करने में लगा हुआ है। भारत में तिब्बत की संस्कृति और तिब्बतियों को सरंक्षण मिला हुआ है। हम सब अपनी संस्कृति को बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।


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