निर्वासित तिब्बती संसद आचार्य येशी फुंछोक बोले, उत्तराखंड की आपदा में भी चीन का ही हाथ

By: Feb 23rd, 2021 3:00 pm

मंडी — भारत तिब्बत सहयोग मंच के वरिष्ठ सलाहकार एवं उप सभापति निर्वासित तिब्बती संसद आचार्य येशी फुंछोक का कहना है कि उत्तराखंड में हाल में आई आपदा के पीछे भी चीन का हाथ है। किन्नौर में पारछु झील से आई बाढ़ के पीछे भी चीन का ही हाथ था। तिब्बत में कोई ऐसी झील नहीं है। इस झील को बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह से कोरोना भी चीन की बनाई हुई आपदा है।

चीन अब तो दलाईलामा जी के अवतार को लेकर भी हस्ताक्षेप करने में लगा हुआ है। चीन अवतार को मानने को लेकर तैयार नहीं है। भारत सरकार का लगातार तिब्बत समुदाय को सहयोग मिल रहा है। चीन अब तिबब्बत के बाद भारत के क्षेत्र पर भी कब्जा करना चाह रहा है। इसीलिए भारत-तिब्बत सीमा पर बार बार विवाद पैदा किया जा रहा है।

तिब्बत को आजाद करवाने के लिए विश्वभर में संघर्ष जारी है। तिब्बत में ही 40 लाख तिब्बती आजादी के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। विश्व भर में 250 से अधिक तिब्बत सहयोग समूह गठित हैं, जो कि तिब्बत को आजाद करवाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मंडी जिला में भी रिवालसर, मंडी, पंडोह, कुल्लू और मनाली में ऐसे समूह गठित हैं।

चीन तिब्बत की संस्क्रति को नष्ट करने में लगा हुआ है। तिब्बत आठ हजार से अधिक मठों की सांस्कृतिक विरासत को नष्ट किया जा रहा है। आज भी पांच हजार से अधिक तिब्बती चीन की जेलों में बंद हैं। तिब्बत में दलाईलामा का नाम लेना भी गुनाह है। 15 वर्ष के युवा आज भी बलिदान कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि डोकलाम, लद्दाख में वर्तमान हालातों को लेकर हम पहले भी बोलते आए हैं, लेकिन तब कोई नहीं मानता था। पर आज सारी बाते सामने आ चुकी हैं। भारत में तिब्बत की संस्क्रति और तिब्बतियों को सरंक्षण मिला हुआ है। हम सब अपनी संस्कृति को बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।


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