देवी यशोदा जयंती

By: Feb 27th, 2021 12:25 am

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष के छठे दिन यानी षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जाती है। श्रीकृष्ण की माता यशोदा का जन्म पर्व गुजरात, महाराष्ट्र तथा दक्षिण भारतीय राज्यों में भी मनाया जाता है। इस बार मां यशोदा जयंती 4 मार्च को मनाई जाएगी…

भगवान श्रीकृष्ण की माता मैया यशोदा वात्साल्य की देवी हैं। उनकी गोद में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण खेले, ऐसा यश और किसी को प्राप्त नहीं हुआ। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष के छठे दिन यानी षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जाती है। श्रीकृष्ण की माता यशोदा का जन्म पर्व गुजरात, महाराष्ट्र तथा दक्षिण भारतीय राज्यों में भी मनाया जाता है। इस बार मां यशोदा जंयती 4 मार्च को मनाई जाएगी। देशभर में भगवान कृष्ण के मंदिरों के साथ ही दुनियाभर में फैले इस्कॉन मंदिरों में भी यशोदा जयंती का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार को गोकुल में धूमधाम से मनाया जाता है, क्योंकि यहीं पर भगवान कृष्ण ने माता यशोदा के साथ अपना बचपन बिताया था। श्रीकृष्ण द्वारका के राजा थे, जो आज गुजरात में है, इसलिए गुजरात में भी यशोदा जयंती का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन यहां के लोग अपने घरों को माता यशोदा और कृष्ण की तस्वीरों से सजाते हैं।

माता यशोदा की जन्म कथा

ब्रह्मा जी के आशीर्वाद से फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की षष्ठी तिथि को ब्रज में स्थित सुमुख नाम के गोप और उनकी पत्नी पाटला के यहां कन्या रूप में यशोदा का जन्म हुआ। उनका विवाह ब्रज के राजा नंद से किया गया। नंद पिछले जन्म में द्रोण थे। एक अन्य कथा के अनुसार पूर्व जन्म में माता यशोदा ने भगवान विष्णु की घोर तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें वर मांगने को कहा। यशोदा माता ने कहा कि मेरी तपस्या तभी पूर्ण होगी जब आप मुझे पुत्र के रूप में प्राप्त होंगे। भगवान ने प्रसन्न होकर कहा कि मैं वासुदेव और माता देवकी के घर जन्म लूंगा, लेकिन मुझे मातृत्व का सुख आपसे ही प्राप्त होगा। समय के साथ ऐसा ही हुआ, माता यशोदा ने ही श्रीकृष्ण को मातृत्व सुख दिया।

यशोदा जयंती का महत्त्व

यशोदा जयंती का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन मनाया जाता है। यशोदा जयंती के दिन माता यशोदा की गोद में विराजमान श्रीकृष्ण के बाल रूप और मां यशोदा की पूजा की जाती है।शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन माता यशोदा और श्री कृष्ण की पूजा करने से सभी प्रकार की संतान संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं। जो भी व्यक्ति इस दिन मां यशोदा और श्री कृष्ण की पूजा करता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अगर कोई स्त्री सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ यशोदा जयंती के दिन भगवान श्री कृष्ण और यशोदा जी की पूजा करती है, तो उसे भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप के दर्शन होते हैं और उसकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।


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