डिजिटल मुद्रा का जमाना आएगा

चीन भी अपनी डिजिटल मुद्रा को लॉन्च करके मुद्रा और भुगतान प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में कार्य कर रहा है। ऐसे में भारत के लिए डिजिटल करंसी को लॉन्च करना न केवल वित्तीय प्रणाली में बदलाव लाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह रणनीतिक दृष्टि से भी काफी आवश्यक है…

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि इसकी आंतरिक समिति केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा जारी करने के तौर-तरीकों पर विचार कर रही है और बहुत जल्दी इस बारे में अपनी सिफारिश देगी। आरबीआई से जुड़े गैर आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी लाने पर विचार कर रहा है। केंद्रीय बैंक डिजिटल करंसी की संभावनाओं के अध्ययन और दिशा-निर्देश तय करने के लिए आरबीआई ने एक अंतर-विभागीय समिति भी बना दी है, जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी पर फैसला लेना है। प्रस्तावित सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी एक लीगल करंसी है और डिजिटल तरीके से सेंट्रल बैंक की लाइबिलिटी है जो सॉवरेन करंसी के रूप में उपलब्ध है। यह करंसी का इलेक्ट्रॉनिक रूप है जिसे कैश से तब्दील किया जा सकता है। आरबीआई ने पूर्व में भी आधिकारिक रूप से डिजिटल मुद्रा लाने की घोषणा की थी। डिजिटल मुद्रा को क्रिप्टो करंसी भी कहा जाता है। लाइटकोइन, जैकैश, एथ्यूरम, बिटकॉइन आदि सभी डिजिटल मुद्राओं के उदाहरण हैं जिनमें से बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय है। डिजिटल मुद्रा का लेनदेन मूलतः इंटरनेट पर होता है। डिजिटल वॉलेट एक तरह का अकाउंट है जिसमें आप अपनी डिजिटल मुद्रा रखते हैं। इंटरनेट के माध्यम से डिजिटल मुद्रा का एक डिजिटल वॉलेट से दूसरे डिजिटल वॉलेट में ट्रांसफर होता है। इस प्रक्रिया में हमें बैंक के माध्यम से जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। डिजिटल वॉलेट को फोन, कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से इस्तेमाल किया जा सकता है।

आप डिजिटल मुद्रा को किसी भी अन्य मुद्रा जैसे रुपया, डॉलर आदि के बदले में डिजिटल मुद्रा एक्सचेंजों पर खरीद सकते हैं। इस मुद्रा को लेकर कई चिंताएं भी हैं। सरकार ने पिछले सप्ताह निजी क्रिप्टो करंसी बंद करने के लिए कदम उठाया था। बिटकॉइन जैसी निजी क्रिप्टो करंसी पर प्रतिबंध लगाने से पहले केंद्र सरकार निवेशकों को इससे बाहर निकलने का मौका दे सकती है। डिजिटल करंसी बिल 2021 में जुर्माना देकर क्रिप्टो करंसी की रकम को एसेट में बदलने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में जिन्होंने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करंसी में निवेश किया है तो जुर्माना भरकर इसे वैध करा सकते हैं। देश में इस पर प्रतिबंध लगाने से पहले केंद्र सरकार निवेशकों को यह राहत दे सकती है। संसद में लिस्ट किए गए विधेयक में इस बात के प्रावधान हैं। प्रस्तावित क्रिप्टो करंसी बिल में ऐसी सभी निजी क्रिप्टो करंसी से निवेशकों को बाहर निकालने के प्रावधान हैं। इसमें क्रिप्टो निवेशक करंसी को कानूनी तौर पर एसेट यानी संपत्ति में बदल सकेंगे। हालांकि उन्हें भारी भरकम जुर्माना चुकाना होगा। वित्त मंत्रालय द्वारा इस बिल को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। इसलिए जुर्माना कितना होगा, यह बताना अभी मुमकिन नहीं है। डिजिटल करंसी बिल 2021 का मकसद भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा या सरकारी क्रिप्टो करंसी के निर्माण के लिए एक कानूनी रास्ता तैयार किया जाना है। लोकसभा सचिवालय ने एक बुलेटिन में भी कहा है कि भारत में सभी निजी क्रिप्टो करंसी को प्रतिबंधित करने की कवायद चल रही है। यह  कानून क्रिप्टो करंसी की तकनीक और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों की अनुमति देगा।

इस बिल में निजी क्रिप्टो करंसी की होल्डिंग, सेल्स, इश्युइंग, माइनिंग, ट्रांसफरिंग और क्रिप्टो करंसी का उपयोग करने पर दंडनीय अपराध घोषित किया जा सकता है। इसके तहत भारी जुर्माना, कैद या दोनों का प्रावधान होगा। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक सरकार ने सभी निजी क्रिप्टो करंसी और इससे संबंधित सभी तरह के संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यानी इसकी जद में क्रिप्टो करंसी के ट्रेड के लिए चलने वाले निजी एक्सचेंज भी आएंगे। डिजिटल रुपया बैंकों की अनुमति अथवा उनके साथ साझेदारी किए बिना भारत की लगभग सभी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों को फिनटेक कंपनी के रूप में परिवर्तित कर देगा। तकनीकी कंपनियों के लिए उन ग्राहकों को लुभाना आसान होगा जिनकी पहुंच बैंकिंग सिस्टम तक नहीं है। सरकार द्वारा समर्थित आधिकारिक डिजिटल मुद्रा आम उपयोगकर्त्ताओं और उपभोक्ताओं को नकदी का उपयोग न करने के प्रति प्रोत्साहित करने में महत्त्वपूर्ण हो सकती है, जो कि कर चोरी पर नियंत्रण हेतु काफी उपयोगी होगा।  डिजिटल रुपया स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट की मदद से कैशबैक, पैसे भेजने, ऋण देने, बीमा-शेयर खरीदने और दूसरे वित्तीय लेन-देनों को आसान बना देगा। अगर डिजिटल करंसी चलन में आ जाती है तो हमारे वित्तीय ट्रांजैक्शन और उसके तरीके काफी हद तक बदल जाएंगे। इस बेहतर शुरुआत से नोटों और सिक्कों की जगह डिजिटल करंसी का इस्तेमाल होगा जो भारत में नया चलन होगा। लेन-देन के तरीकों में पारदर्शिता बढ़ने से बदलाव तो होगा ही, इससे ब्लैक मनी पर भी थोड़ी बहुत रोक लग सकती है। डिजिटल करंसी आने से केंद्रीय बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी का पालन सहज  हो जाएगा। इसमें डिजिटल लेसर तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकेगा और इस तकनीक से विदेश में लेन-देन का पता लगाना भी बेहद आसान हो जाएगा। देश के लोग इसे किस हद तक स्वीकार कर पाएंगे, इस बारे में अभी ठीक से कहना मुश्किल है, लेकिन इससे हमारे रोज के लेनदेन में अभूतपूर्व तकनीकी ताकत युक्त बदलाव देखने को मिलेगा।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समर्थित डिजिटल रुपया भारतीय नागरिकों को सशक्त बनाने और उन्हें तेज़ी से बढ़ती वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में अपना स्थान तलाशने में मदद करेगा। साथ ही इससे भारतीय नागरिकों को देश की पुरानी बैंकिंग प्रणाली से भी मुक्ति मिलेगी और भारत के बैंकिंग मॉडल में एक नया आयाम जुड़ सकेगा। अर्थव्यवस्था में तरलता, बैंकिंग प्रणाली और वित्तीय बाज़ार आदि पर डिजिटल रुपए के प्रभाव को देखते हुए यह आवश्यक है कि भारत के नीति निर्माताओं द्वारा भारत में सरकार समर्थित डिजिटल मुद्रा की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार किया जाए। केंद्रीय बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को किसी संपत्ति अथवा पारंपरिक मुद्रा का समर्थन प्राप्त होगा, जिसके कारण इसका मूल्य अन्य डिजिटल मुद्राओं जैसे एथरियम और बिटकॉइन की तरह अस्थिर नहीं होगा। आने वाले समय में चीन और अमरीका के बीच छद्म डिजिटल मुद्रा युद्ध देखने को मिल सकता है। इसलिए यदि ऐसे में भारत भी अपनी डिजिटल मुद्रा लॉन्च करता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय तनाव का सामना करना पड़ सकता है और हमें इसके लिए पहले से ही तैयार रहना चाहिए। चीन भी अपनी डिजिटल मुद्रा को लॉन्च करके मुद्रा और भुगतान प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में कार्य कर रहा है। ऐसे में भारत के लिए डिजिटल करंसी को लॉन्च करना न केवल वित्तीय प्रणाली में बदलाव लाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह रणनीतिक दृष्टि से भी काफी आवश्यक है। विश्व भर में आज ऐसे तमाम देश हैं जो सरकार द्वारा समर्थित डिजिटल मुद्रा की संभावना की तलाश कर रहे हैं। ऐसे में भारत को डिजिटल मुद्रा विकसित करने हेतु प्रतिस्पर्द्धा में पीछे नहीं रहना चाहिए और जल्द से जल्द इस प्रकार की संभावनाओं की तलाश करनी चाहिए।

ईमेल : hellobhatiaji@gmail.com


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