जंगलों की आग… वन संपदा राख

By: Apr 4th, 2021 12:55 am

स्टाफ रिपोर्टर- जोल
कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के तहत गत दिनों से जंगलों में लगी भीषण आग से कई हेक्टेयर वन संपदा जलकर खाक हो गई है, लेकिन वन विभाग मूक दर्शक बना सब देख रहा है। गर्मी का मौसम शुरू होते ही जंगलों में आग का तांडव शुरू हो गया है, लेकिन वन विभाग ने आग से निपटने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं किए हैं। जंगलों को आग से बचाने के लिए, फायर सीजन को ध्यान में रखते हुए वन कर्मियों को हर वर्ष टीमें बनाकर आग बुझाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। मगर वन विभाग के पास आग बुझाने का पर्याप्त सामान नहीं होने के कारण वन फायर कर्मी हाथ खड़े कर रहे हैं। उपमंडल बंगाणा के तहत गत दिनों से रामगढ़ धार,सोलहसिंगी धार, समेत अन्य वनपरिक्षेत्र के समूचे जंगलों में आग की लपटें दिन और रात देखने को मिल रही हैं। जंगल में लगी आग से जंगली जानवरों का अस्तित्व खतरे में जंगल में हर रोज सुलग रही आग में हजारों की संख्या में बेकसूर जंगली पशु और पक्षियों का अस्तित्व खतरे में आ गया है। कई दिनों से जंगलों में सुलगी आग में दुर्लभ वन्यप्राणी और पशु-पक्षी भारी तादाद में मर रहे हैं, इसका आकलन करना असंभव है। इसके साथ ही ऐसी बहुमूल्य वन संपदा भी नष्ट हुई है, जो जैव विविधता की पर्याय थी। साथ ही कई जंगली जानवरों का अस्तित्व खत्म होने की कगार
पर है।

वनाधिकारियों को संकेतों को समझने की है जरूरत
गर्मी के मौसम में चारों तरफ सूखा ही सूखा है। चाहे सूखे पेड़ हों चाहे पेड़ों की पत्तियां या फिर सूखी झाडिय़ां। ये सब गर्मी के मौसम में आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। ये ऐसे प्राकृतिक संकेत हैं, जिन्हें वनाधिकारियों को समझने की जरूरत है, ताकि आगजनी की घटना से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम पूर्व में किए जा सकें।
आग की घटनाओं के लिए जनता जिम्मेदार
अपने थोड़े से सुख के लिए गर्मी का मौसम आते ही गांवों के लोग जंगलों में आग लगा रहे हैं। इनका आग लगाने का मकसद जंगलों में बेकार उगे पौधों और पेड़ों से गिरे सूखे पत्तों तथा कांटेदार झाडियों को कम करना है। ऐसा करने से धरती में जहा-जहां नमी होती है, वहां-वहां घास की नूतन कोंपलें फूटने लगती हैं। जो मवेशियों के लिये पौष्टिक आहार का काम करती है।
आग लगाना कानून अपराध
वन मंडलाधिकारी मृत्युजंय माधव ने कहा कि जंगलों में आग लगाना कानूनन अपराध है, लेकिन लोग अपने थोड़े से सुख के लिए हजारों की तादाद में जंगल में रह रहे पशु और पक्षियों को मौत के घाट उतार रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगजनी पर काबू पाने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। जहां से भी सूचना मिलती है। तुरंत जाकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया जाता है। साथ ही उन्होंने क्षेत्रवासियों से आह्वान किया कि जंगलों को आग की भट्टी न बनाएं।
लोगों को जागरूक करेंगे वाहन
उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि फायर सीजन के दौरान वनों की निगरानी व लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से वन विभाग को वाहन प्रदान किए है। जिला प्रशासन ऊना द्वारा वन विभाग को फायर सीजन के लिए तीन वाहन मुहैय्या करवाए गए हैं। डीसी राघव शर्मा ने बताया कि यह वाहन फायर सीजन के दौरान जिला भर में सक्रिय रहेंगे।


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