एटीयू की रैंकिंग में एचपीटीयू देश में अव्वल; उत्तर प्रदेश दूसरा, तो छत्तीसगढ़ टेक्निकल यूनिवर्सिटी को मिला तीसरा स्थान

By: Apr 9th, 2021 12:06 am

टैक्यूप-3 के परफॉर्मेंस ऑडिट में मिला पहला स्थान; उत्तर प्रदेश दूसरा, तो छत्तीसगढ़ टेक्निकल यूनिवर्सिटी को मिला तीसरा स्थान

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — हमीरपुर

हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर ने तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (टैक्यूप-3) परियोजना की एटीयू (ऐफिलेटिंग टेक्निकल यूनिवर्सिटी) में देश भर में पहला स्थान हासिल किया है। वर्ल्ड बैंक द्वारा संचालित इस परियोजना को लागू करने में तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर ने असम, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों की टेक्निकल यूनिवर्सिटीज को पीछे छोड़ दिया है। आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय ने जहां पहला स्थान हासिल किया है, वहीं उत्तर प्रदेश दूसरे और छत्तीसगढ़ की टेक्निकल यूनिवर्सिटी तीसरे स्थान पर रही है। एचपीटीयू के वीसी प्रो. एसपी बंसल ने बताया कि टैक्यूप-3 परियोजना के तहत तकनीकी विवि को एटीयू के 1.2 क्रम में शामिल किया गया है। इसका परफार्मेंस ऑडिट मार्च में विश्व बैंक द्वारा नियुक्त स्वतंत्र अंकेक्षक से किया गया।

 इसमें निर्धारित मापदंडों में तकनीकी विवि हमीरपुर ने 53 में सर्वश्रेष्ठ रैंक, 12 में दूसरा और सिर्फ एक में तीसरा स्थान हासिल किया, जबकि ओवर ऑल रैंकिंग फर्स्ट रही। उन्होंने बताया कि भारत में राष्ट्रीय परियोजना कार्यान्वयन इकाई (एनपीआईयू) की देखरेख में तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम चलाया गया। इसके तहत लगभग 16 करोड़ रुपए का बजट तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता और सुधार लाने के लिए मिला था।  वहीं राज्यपाल एवं कुलाधिपति बंडारू दतात्रेय ने शिमला से दूरभाष पर कुलपति प्रो. बंसल व परियोजना से जुड़ी पूरी टीम को एटीयू की रैंकिंग में तकनीकी विवि को पहला स्थान हासिल करने के लिए बधाई दी है। उधर, टैक्यूप-3 के प्रदेश परियोजना अधिकारी डा. दिनकर बुराथोकी ने विवि की इस उपलब्धि की सराहना की। इस मौके पर टैक्यूप-3 के समन्वयक प्रो. कुलभूषण चंदेल, अधिष्ठाता प्रो. राजेंद्र गुलेरिया, अधिष्ठाता प्रो. धीरेंद्र शर्मा व वित्त अधिकारी उत्तम पटियाल मौजूद रहे।

कोर्सेज को बढ़ावा देने पर फोकस

कुलपति प्रो. बंसल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के स्कूलों, कालेजों और विश्वविद्यालयों में आने वाले समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, डाटा कम्प्यूटिंग और कौशल व व्यावसायिक (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग डाटा कम्प्यूटिंग एंड स्किल वोकेशनल) के कोर्सां को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया जाएगा। इसके लिए हिमाचल प्रदेश तकनीकी विवि एक नोडल विभाग की भूमिका निभाने को पूरी तरह तैयार है।


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