निजी स्कूलों पर कोरोना की ज्यादा मार

By: Apr 15th, 2021 12:01 am

कार्यालय संवाददाता-पांवटा साहिब

निजी स्कूल एसोसिएशन सिरमौर ने प्राइवेट स्कूलों को परेशान करने और उनकी बात न सुनने का आरोप सरकार पर जड़ा है। यहां जारी एक संयुक्त बयान में एसोसिएशन ने कहा कि पिछले एक साल से भी अधिक समय से निजी स्कूल बंद पड़े हुए हैं, लेकिन स्कूलों को लेकर प्रदेश सरकार कुछ नहीं सोच रही है। कोरोना के माहौल में देश का भविष्य विद्यार्थी घर बैठे हुए हैं। इस शिक्षक समाज ने इस दौरान संस्थानों को खोलने के लिए आवाज तक नहीं उठाई है। इस दौरान निजी स्कूल एसोसिएशन सिरमौर के प्रधान एमएस राठौर, अक्षय शर्मा व भूपेंद्र शर्मा ने एक बयान जारी करते हुए  निजी स्कूल के बारे में सरकार को अवगत करवाया है। एमएस राठौर ने कहा कि एक वर्ष से भी अधिक समय से छात्रों को घर बैठे हुए हो गया है, परंतु आश्चर्य की बात तो यह है कि आज तक भी कहीं से इस शिक्षित समाज से शिक्षण संस्थाओं को खोलने की आवाज तक नहीं उठी है। उन्होंने माना कि समय ठीक नहीं है और देश में महामारी फैली है, परंतु यह महामारी मात्र स्कूलों में ही विराजमान है।

 अब तो ऐसा लगने लगा है कि कोरोना मात्र शिक्षण संस्थाओं में छुपी बैठी है। उन्होंने कहा कि बाहर तो सब कुछ सामान्य है और अब तो यह भी लगने लगा है कि यह बीमारी वैक्सीन से उतनी जल्दी नहीं जाती, जितनी जल्दी चुनावी रैलियों से चली जाती है। आज देश की सरकार हर समस्या पर कोई न कोई पॉलिसी बना रही है, परंतु किसी भी देश की उन्नत्ति की जड़ शिक्षा पर सरकार की कोई पॉलिसी नहीं है। आज निजी शिक्षण संस्थान बंद होने की कगार पर हैं, परंतु अभी तक भी सरकार ने शिक्षा के प्रति अपनी सकारात्मक सोच का परिचय नहीं दिया है। पिछले एक वर्ष से अधिक समय से स्कूलों के खर्च वहन करते करते निजी स्कूल प्रबंधकों की कमर टूट चुकी है। यदि अब भी सरकार ने जल्द ही शिक्षण संस्थाओं को खोलने एवं उन संस्थाओं से जुड़े बच्चों, अध्यापकों एवं अन्य स्टाफ के भविष्य के लिए कोई सहयोग नहीं किया, तो मजबूरन निजी स्कूल प्रबंधकों को इन संस्थानों को बंद करना या आंदोलन की राह पर चलना होगा।


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