कब्जाधारकों को मालिकाना हक

By: Apr 24th, 2021 12:02 am

यमुनानगर, 23 अप्रैल (निस)

नगर निगम मेयर मदन चौहान ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा मंत्रिमंडल में नगर निकायों द्वारा दुकानों, मकानों की बिक्री नीति को स्वीकृति देने पर आभार जताया है। इस नीति के तहत शहरों में 20 साल पुराने दुकान व मकान कब्जाधारकों को संपत्तियों पर मालिकाना हक मिलेगा। सरकार के इस फैसले से नगर निगम में मौजूद इस तरह की संपत्तियों के विवादों का निपटारा होगा। गुरुवार को मंत्रिमंडल में इस नीति को स्वीकृति दी गई। नगर निगम महापौर मदन चौहान ने बताया कि नगर निकायों द्वारा दुकानों, मकानों की बिक्री नीति के तहत जिस किराएदार को किसी दुकान या मकान पर 20 साल से कब्जा है, वह उसे खरीदकर उसका मालिक बन सकता है। मालिकाना हक न लेने वाले कब्जाधारकों को सरकार की संशोधित नीति अनुसार बढ़ा हुआ किराया देना होगा। अभी इन संपत्तियों का स्वामित्व नगर निगम के बजाय अन्य संस्थाओं, व्यक्तियों के पास 20 वर्ष या इससे अधिक समय से है। इस नीति से शहर के हजारों लोगों को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह नीति न केवल नगर निगम की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि छोटे दुकानदारों और अन्य पट्टेदारों को संपत्तियों के स्वामित्व का अधिकार भी देगी।

ऐसे मिलेगा मालिकाना हक

मेयर मदन चौहान ने बताया कि एकल कब्जाधारक को मंजिलों की संख्या अधिक होने के बावजूद कलेक्टर रेट अनुसार कीमत चुकानी होगी। जहां दो मंजिल हैं और प्रत्येक मंजिल को अलग-अलग कब्जाधारक को स्थानांतरित किया जाना है, वहां भूतल के कब्जाधारक के लिए कीमत आधार दर का 60 प्रतिशत और प्रथम तल के कब्जाधारक के लिए आधार दर का 40 प्रतिशत चार्ज होगी। जहां तीन मंजिल हैं और इसे एक से अधिक कब्जेदारों को हस्तांतरित किया जाना है, तो वहां भू-तल के कब्जाधारक के लिए कीमत आधार दर का 50 प्रतिशत, प्रथम तल के कब्जाधारक के लिए 30 प्रतिशत और द्वितीय तल के कब्जाधारक के लिए आधार दर का 20 प्रतिशत होगी।


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