अफवाहों ने तोड़ दी ट्रांसपोर्ट सेक्टर की कमर; 50 प्रतिशत से ज्यादा रूट बंद, कई अन्य पर संकट
लॉकडाउन और कर्फ्यू की झूठी खबरों ने बसों की आक्यूपेंसी 80 फीसदी तक तोड़ी; 50 प्रतिशत से ज्यादा रूट बंद, कई अन्य पर संकट
स्टाफ रिपोर्टर — मंडी
झूठी सूचनाओं ने प्रदेश के परिवहन क्षेत्र को तबाह कर दिया है। बाहरी राज्यों के लिए रूट मर्ज करने और 50 फीसदी सवारियों का नियम लागू करने पर एचआरटीसी समेत निजी बस संचालकों की हालत पतली होना शुरू हो गई है। सवारियां न मिलने के कारण एचआरटीसी के प्रदेश भर में 50 फीसदी रूट बंद हो गए हैं। विभिन्न जिलों से आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य के भीतर और बाहर जाने वाले 50 फीसदी से ज्यादा रूट बंद कर दिए गए हैं। सबसे ज्यादा रूट एचआरटीसी ने बंद किए हैं। ज्यादातर रूट दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्वार के अलावा पड़ोसी राज्यों के हैं। वहीं प्रदेश के मंडी मंडल के अधीन मंडी, कुल्लू, लाहुल के करीब पचास फीसदी रूट निगम को रद्द करने पड़े हैं। वहीं निजी बस आपरेटर्ज ने जिला में 470 रूटों में से 220 रूट रद्द किए हैं।
अगर यही आलम रहा, तो निजी बस संचालक बसें खड़ी करने की तैयारी कर रहे हैं। जिला मंडी के मुख्य बस अड्डों के हालात कुछ इस कदर रहे। गद्दीधार करसोग वाया सरकाघाट बस में सोशल डिस्टेंसिंग के तहत दस ही सवारियां बैठीं। अधिकतर बसें बिना सवारियों की दिखीं। बस अड्डा प्रभारी कृष्ण कुमार ने बताया कि मंडी डिपो के 210 रूटों में से 40 रूट रद्द हुए हैं। सवारियां कम होने के चलते बसों को नहीं भेजा जा रहा है। वहीं पचास फीसदी लांग रूट बाधित हैं। केवल मंडी-हरिद्वार, चंडीगढ़, मंडी, दिल्ली, मंडी और चंडीगढ़ रूट पर बसें भेजी जा रही हैं। निजी बस आपरेटर यूनियन के चेयरमैन गुलशन कुमार, दीवान प्रधान, सुरेश कुमार ठाकुर महासचिव और हंसराज ने बताया कि बसों में 20 प्रतिशत सवारियां भी नहीं मिल पा रही हैं। बसों में चार-चार सवारियां ही मिल रही हैं, जिससे निजी बस संचालकों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
यही हाल रहा तो एक-दो दिन में बसों को चलाना बंद करना पड़ेगा। जिला में निजी 470 रूटों में से 220 रूट रद्द करने पड़े हैं। वहीं अगर बात बस अड्डा सुंदरनगर की करें, तो निगम के डीडीएम बीके ठाकुर का कहना है कि बसों को सेनेटाइज किया जा रहा है और सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत 50 फीसदी क्षमता के साथ ही बसों को यात्रियों के साथ चलाया जा रहा है। चालक और परिचालकों को भी सख्त निर्देश दिए हैं कि बस में बिना मास्क के किसी भी यात्री को बस में प्रवेश न दिया जाए और 50 फीसदी क्षमता से अधिक सवारियां बस में न बिठाई जाएं। बस अड्डा सुंदरनगर के प्रभारी रामलाल ठाकुर सहित अन्य कर्मचारी आम जनता को लाउडस्पीकर के माध्यम से कोविड-19 के तहत दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जागरूक करते दिखे। उधर, एचआरटीसी मंडल मंडी के डीएम एके सलारिया का कहना है कि मंडी मंडल में निगम ने 50 फीसदी लांग रूट पर बस चलाना बंद कर दी हैं। प्रबंधन ने यह फैसला लांग रूट पर यात्री न मिलने के चलते लिया है। उन्होंने कहा कि बसों को सेनेटाइज करके भेजा जा रहा है और चालक-परिचालक से आग्रह किया है कि वह बिना मास्क लगे किसी भी यात्री को बस में प्रवेश न करने दें और सरकार की ओर से जारी की गई दिशा निर्देश का सख्ती से पालना करें।
अफवाहों से ज्यादा नुकसान
लॉकडाउन और कर्फ्यू की अफवाहों ने परिवहन क्षेत्र की कमर तोड़ दी है। एक हफ्ते से ज्यादा समय से प्रदेश भर का सोशल मीडिया और कुछ अति उत्साही पत्रकार लॉकडाउन की खबरें फैला रहे हैं। लॉकडाउन तो नहीं लगा, पर ट्रांसपोर्ट सेक्टर ठप हो गया। परिवहन क्षेत्र से जुड़े उद्यमी सरकार से ऐसे पत्रकारों व सोशल मीडिया पर लगाम की मांग कर रहे हैं।
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