चारों शहरों की दृष्टि पर मतदाता की आंख

By: Apr 7th, 2021 12:08 am

घोषणाओं के जरिए नगर निगम की डगर लांघने के लिए भाजपा-कांग्रेस ने वादों की बरसात कर दी है। देखना दिलचस्प होगा कि शहर की जनता इन वादों के सामने क्या इरादे रखती है। चार में से तीन नगर निगमों में पहली बार चुनाव हो रहे हैं, जाहिर है जनता के लिए एक नया अनुभव है और सियासी दलों ने भी अपना विजन पेश कर पांच साल की तस्वीर सामने रख दी है। अब जनता का फैसला क्या है, आज शाम को पता चल जाएगा…

सूत्रधारः अमन अग्निहोत्री, पवन कुमार शर्मा, जयदीप रिहान, सौरभ शर्मा

धर्मशाला में पर्यटन, स्थानीय समस्याएं निपटाने पर जोर

नगर निगम चुनावों के लिए कांग्रेस व भाजपा ने अपने-अपने घोषणापत्र जारी कर मतदाताओं को लुभाने के साथ-साथ अपना विजन भी दिखाया है। पहले कांग्रेस ने फिर भाजपा ने अपना विजन डाक्यूमेंट पेश किया। कांगे्रस ने 33 वादे, तो भाजपा ने 36 वादे अपने दृष्टिपत्र में किए हैं। कांग्रेस ने धर्मशाला के महत्व को देखते हुए पर्यटन से जुड़े अहम मसलों को दृष्टिपत्र में शामिल करते हुए अपना बड़ा विजन दिखाया है। पर्यटन नगरी में एयर व रेल कनेक्टिविटी की बात कर क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी बढ़ाने के लिए यहां आने वाले देशी व विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने का भी काम कर रहे हैं। कांग्रेस की दृष्टि में क्षेत्र के बृद्धिजीवी व शिक्षाविदों, युवाओं एवं महिलाओं को यह बात खूब पसंद आ रही है। भाजपा ने स्थानीय समस्याओं को हल करने के वादों पर जोर दिया है। भाजपा ने गोरखा समुदाय पर फोकस करने का भी प्रयास किया है। खेल नगरी में दोनों ही दलों ने अपने-अपने प्लान व योजनाओं पर विजन दिखाया है। हर वार्ड में पार्किंग बनाने और बढ़ाने के दावे दोनों ओर से किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर कितना काम हो पाता है, यह देखने वाली बात होगी।

भाजपा

7500 स्ट्रीट लाइट्स लगाना

हर वार्ड में पार्किंग

एनओसी प्रक्रिया सरल करना

हर वार्ड में परिवहन सुविधा

स्वच्छता का उचित प्रबंध

वार्ड में जल संरक्षण यूनिट

सीसीटीवी कैमरा

सुविधाओं के लिए ऐप

बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान

एमसी धर्मशाला के जोन वाइज कार्यालय

डंपिगं साइट की उचित व्यवस्था

शहर में 24 घंटे बिजली-पानी

हर पार्षद की धन व संपति का ब्यौरा

हर वार्ड में पुस्तकालय

त्रियूंड टेंटेड कालोनी बनाकर युवाओं को रोजगार

रोप-वे तीन माह में शुरू करना

सामुदायिक भवन

शहर में घर बनाने के लिए ज़मीन उपलब्ध कराना

कांग्रेस

24 घंटे हर घर को पेयजल

चरान खड्ड से भागसूनाग के लिए यूनिकुलर रेल संचालन

स्काई-वे परियोजना को पुनः लागू करना

नगर निगम को सीवरेज से जोड़ना

ई-बस और ई-रिक्शा सेवा

सिद्धबाड़ी में इंडोर स्टेडियम व झील निर्माण

पीपीपी, एफडीआई में मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल

नक्शे पास करने की प्रक्रिया सरल करना

शहर में सीसीटीवी कैमरा स्थापित करना

हर वार्ड में पार्किंग, कूड़े कचरे का उचित प्रबंधन

धर्मशाला पर्यटन योजना को लागू करना

धर्मशाला बस टर्मिनल का निर्माण

रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए दुकानें

दाड़ी में गोरखा म्यूजियम और क्लब हाउस

सभी सर्टिफिकेट ऑनलाईन उपलब्ध करवाना

लावारिस पशुओं के लिए आश्रय

बिजली की तारें अडर ग्राउंड करना, फ्री वाई-फाई

मोक्ष धामों का नवीनीकरण, इलेक्ट्रिक शवदाह गृह

नगर निगम धर्मशाला में भाजपा व कांग्रेस के विजन डाक्यूमेंट पर बुद्धिजीवि एसएस बैंस का कहना है कि अब वोटर स्मार्ट व चालाक हो गए हैं।  जनता भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के विजन का पैनी नज़र से आकलन कर रही है। दोनों ही पार्टियों ने आश्वासन देने का प्रयास जरूर किया है,  लेकिन भाजपा केंद्र व प्रदेश में सरकार होते हुए निगम में उनकी सरकार न होने का बहाना लगाने का प्रयास करती दिखी है,  वहीं कांग्रेस राज्य में सरकार न होने का रोना भी रो रही है, तो बहुत से पुराने कार्य, जो कहीं गायब हो गए थे, उन्हें फिर से दर्शाया गया है।

मंडी में वही पुरानी कहानी, देंगे पार्किंग सीवरेज और पानी

नगर निगम मंडी के पहले ही चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस अपने-अपने घोषणा पत्र जारी कर लोगों से कई वादे कर चुकी है। दोनों ही दलों ने अपने वादों से हर वर्ग को साधने की कोशिश की है। भाजपा के पिटारे में जहां शिवधाम और मंडी को बड़ा पर्यटन हब बनाने का जिक्र है, तो वहीं कांग्रेस ने भी विकास योजनाओं के साथ गृह कर, पेयजल, सीवरेज और पार्किंग शुल्क में 50 फीसदी कटौती का वादा किया है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों से पांच साल तक कोई टैक्स न लेने को लेकर दोनों ही दलों ने अपने लिखित दस्तावेजों में कोई जानकारी नहीं दी है, जबकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ग्रामीण क्षेत्रों से पांच साल तक कोई टैक्स न लेने और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर जब तक सुविधाएं नहीं, तब तक कोई टैक्स न लेने का ऐलान कर चुके हैं। तीन दशकों से शहर जिन समस्याओं से जूझ रहा है और दोनों दलों के नेता जिन समस्याओं को दूर करने की घोषणाएं करते आ रह हैं, उन्हीं समस्याओं को दूर करने के वादे भाजपा-कांग्रेस ने किए हैं।

कांग्रेस गृह कर में करेगी 50 फीसदी कटौती

कांग्रेस ने गृह कर, पेयजल, सीवरेज और पार्किंग के शुल्क में भी 50 फीसदी कटौती का वादा किया है। कांग्रेस ने जब तक ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाएं नहीं, तब तक टैक्स न लेने का वादा किया है। भाजपा का घोषणा पत्र लोक कल्याण संकल्प पत्र है, जिसे मुख्यमंत्री की ओर से जारी किया गया है, जबकि कांग्रेस ने नारा दिया है कि सपने नहीं दिखाएंगे-हकीकत में बदलाव लाएंगे। इसे पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने जारी किया है।

भाजपा के संकल्प

मल निकासी सुविधा

कांगधी में शिवधाम

कागनी में संस्कृति सदन

70 करोड़ की सीवरेज योजना

सर्किट हाउस मंडी का विस्तारीकरण

सौ करोड़ से यू-ब्लॉक में पार्किंग

आधुनिक कूड़ा निष्पादन संयंत्र

सभी वार्डों के मुख्य स्थानों पर कूडे़दान

सुकेती खड्ड चैनेलाइजेशन के लिए 308 करोड़

81 मंदिरों का संरक्षण

नगर निगम और आसपास के क्षेत्र बनेंगे पर्यटन केंद्र

ब्यास और सुकेती खड्ड में कृत्रिम झीलें

लोेगों की सुविधा के लिए कैफे हाउस

फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज-अंडर पास का निर्माण

कांग्रेस के वचन

शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिलाना

तारों के जाल से शहर को मुक्ति

धार्मिक स्थलों एवं घाटों का सौंदयींकरण

शहर में आधुनिक पुस्तकालय

वरिष्ठ नागरिक भवन और ऑडिटोरियम निर्माण

चिल्ड्रन पार्क, ओपन एयर जिम

आवारा पशुओं से निजात

दक्ष युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार

स्किल डिवेलपमेंट के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण केंद्र

पुलघराट से पुराने सुकेती पुल के बीच खड्ड का तटीकरण

बाइपास रोड के साथ वार्डों को जोड़ने के लिए सर्कुलर

टीसीपी नियमों का सरलीकरण

पेयजल व सीवरेज शुल्क, गृहकर में 50 फीसदी कटौती

मंडी शहर के वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार मुरारी शर्मा कहते हैं कि भाजपा का घोषणा पत्र लोक कल्याण संकल्प पत्र है, जबकि कांग्रेस ने वचनबद्धता पत्र के माध्यम से नारा दिया है कि सपने नहीं दिखाएंगे, हकीकत में बदलाव लाएंगे। दोनों ही दलों की ओर से मंडी शहर में अब तक हुए विकास कार्यों का श्रेय लेने की कोशिश की गई है, जबकि हकीकत यह है कि दोनों ही दलों ने दशकों से चली आर रही मंडी शहर की समस्याओं को आज भी हल करने का ही दावा किया है। पर्किंग और टैक्स के मुद्दे एक समान हैं।

पालमुपर में वादों की रिमझिम

पालमपुर नगर निगम चुनावों में जनता को लुभाने के लिए दोनों दलों ने पिटारा खोला है। भाजपा ने नारा दिया है ‘संकल्प और विश्वास से-पालमपुर चमकेगा विकास से, वहीं तो कांग्रेस ने भी पालमपुर के चहुंमुखी विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। भाजपा का दावा है कि पालमपुर नगर निगम को सभी मूलभूत एवं अत्याधुनिक सुविधाओं से नवाजा जाएगा। दोनों दलों के संकल्प पत्रों में काफी समानताएं हैं, हालांकि भाजपा नेताओं ने जहां पांच साल टैक्स होली-डे की बात की थी, वहीं कांग्रेस ने टैक्स में छूट का समय दस साल करने की बात कही है।

भाजपा ने पालमपुर नगर निगम के अंदर सबको स्वच्छ पेयजल, सुंदर सड़कें, जगमगाती स्ट्रीट लाइट्स, पार्किंग, लोकल बस सुविधा, सीवरेज, भूमिगत बिजली की तारों जैसी सुविधाएं प्रदान करने की बात कही है और ऐसा ही वादा कांग्रेस का भी है। भाजपा ने प्रदेश में स्वच्छता अभियान को कारगर रूप से शुरू करने वाली आइमा पंचायत की तर्ज पर सभी वार्डों से कूड़ा-कचरा घर-घर एवं सार्वजनिक स्थलों से योजनाबद्ध तरीके से एकत्रित करने के वादा किया है, तो कांग्रेस ने भी कुछ ऐसा ही कहा है। भाजपा ने प्रमुख पर्यटक स्थल सौरभ वन विहार को चंडीगढ़ के रॉक गार्डन की तर्ज पर विकसित करने का वादा किया है।

 भाजपा का एक बड़ा व आकर्षक वादा है। हर वार्ड में अलग-अलग थीम आधारित पार्क और स्मारक बनाए जाएंगे। मसलन आक्सीजन पार्क, चाय पर चर्चा पार्क, शहीद सम्मान युद्ध पार्क, कृर्षि पार्क, विज्ञान पार्क, धौलाधार पार्क, हर्बल पार्क आदि। कांग्रेस ने शहीद स्मारक के निर्माण को प्राथमिकता पर रखा है। एक करोड़ 75 लाख रुपए से चौकी खलेट में बनने वाले स्वर्ण जयंती पार्क को एक वर्ष के भीतर पूरा करने का वादा भाजपा ने किया है, तो कांगेस ने ट्रिपल पी मोड के तहत सरकारी स्कूलों को मार्डन स्कूल बनाने की बात कही है। संकल्प पत्र में भाजपा ने एक बड़ा मुद्दा उठाया है, वह है प्रदेश कृषि विवि को केंद्रीय कृषि विवि के रूप में परिवर्तित करने का प्रयास करना हालांकि कांग्रेस की ओर से इस विषय पर कुछ नहीं कहा गया है।

भाजपा के आश्वासन

टैक्सों में छूट की अवधि पांच साल

स्वच्छता एवं जन स्वास्थय

वन संरक्षण व पर्यटन विकास

पेयजल आपूर्ति

सड़क एवं यातायात

गरीबी उन्मूलन व रोजगार

शिक्षा विकास

स्वास्थय सुविधाएं

युवा एवं महिला विकास

गृह निर्माण,

विद्युत आपूर्ति एवं स्ट्रीट लाइट्स

प्रशासनिक सुधार

कांगड़ा चाय के लिए टी ऑक्शन सेंटर

कांग्रेस के संकल्प

टैक्सों में 10 वर्ष तक छूट

कूड़ा-कचरा निष्पादन

लाइटों की व्यवस्था

शहीद स्मारक का निर्माण

भूमिहीनों को मकान

पार्किंग व जिम का निर्माण

गांव के लिए ई-बस और ई रिक्शा की सुविधा

सरकारी स्कूलों को मॉडर्न स्कूल बनाना

नक्शे पास करने की प्रक्त्रिया को सरल बनाना

रेहड़ी-फड़ी वालों करे बूथ

नगर निगम आपके द्वारा कार्यक्रम

शहरी आजीविका योजना को लागू करना

लेखिका नीलम सूद का कहना है कि भाजपा के संकल्प पत्र में कही गई बातों की व्यवहारिकता 60 प्रतिशत मानी जा सकती हैं। स्वच्छता के मुद्दे पर भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए कार्यक्रम पर अच्छा काम कर रही है। भाजपा ने पालमपुर अस्पताल को लेकर जो बातें कहीं हैं, वे व्यवहारिक नहीं लग रहीं। कांग्रेस के घोषणापत्र में भाजपा द्वारा की गई बातें ही नजर आ रही हैं। कांग्रेस का घोषणापत्र व्यवहारिकता से बहुत दूर दिखाई दे रहा है

सोलन में वादों को धन कहां से आएगा

सोलन में संकल्प पत्र जारी करने में भाजपा कांग्रेस से बीस ही साबित हुई है। कांग्रेस का संकल्प पत्र चार पन्नों में सिमटा है और इसमें शहर की विभिन्न समस्याओं, घोषणाओं व भविष्य की योजनाओं को 25 प्वाइंट में समेटा गया है, जबकि दूसरी ओर भाजपा का संकल्प पत्र आठ पन्नों का है और इसमें घोषणाओं व भविष्य की योजनाओं को विस्तारपूर्वक शामिल किया गया है। हालांकि दोनों ही पार्टियों ने शहर के मुख्य मुद्दों पेयजल व्यवस्था, कचरा प्रबंधन, पार्किंग सहित सीवरेज व्यवस्था को सुदृढ़ करने के वादे किए हैं। भाजपा के संकल्प पत्र की बात करें, तो उन्होंने इसे टैगलाइन……विकास किया है, विकास करेंगे। झूठे वादे नहीं करेंगे, के साथ जारी किया है, जबकि कांग्रेस का संकल्प पत्र बिना किसी टैगलाइन के जारी किया गया है। संकल्प पत्र में किए गए वादों की यदि बात करें तो दोनों प्रमुख दलों ने सोलन की जनता को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे तो किए हैं, लेकिन इन विकासात्मक वादों को पूरा करने के लिए अपने स्तर पर धनोपार्जन किस तरह किया जाएगा, इसका उल्लेख कहीं भी नहीं किया गया है। उल्टा दोनों ही दल हाउस टैक्स, सेनिटेशन टैक्स सहित पानी के बिलों में कटौती किए जाने का वादा जनता से कर रहे हैं।

विस चुनावों का घोषणा पत्र

कांग्रेस व भाजपा ने अपने-अपने घोषणा पत्रों में कुछ ऐसी घोषणाएं की हैं, जिससे ऐसा लग रहा है कि यह संकल्प पत्र निगम चुनाव नहीं, बल्कि विधानसभा चुनावों के लिए बनाया गया है। कांग्रेस का संकल्प पत्र कई मायनों में नगर निगम का घोषणा पत्र कम और विधायक का घोषणा पत्र ज्यादा लग रहा है।

हाउस टैक्स का फंडा

नगर निगम सोलन बनाने के लिए आसपास की आठ पंचायतों के शामिल किए गए क्षेत्रों के ग्रामीणों को रिझाने के लिए भी दोनों पार्टियां कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही हैं। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को रिझाने के लिए पहले पांच वर्षों तक हाउस टैक्स माफी करने की घोषणा की थी। इसके पश्चात कांग्रेस ने हाउस टैक्स माफी की अवधि को 15 वर्षों तक करने की घोषणा कर पैंतरा फैंक दिया।

कांग्रेस की घोषणाएं

स्वच्छ पेयजल, घर से कचरा उठाने का प्रबंध

हाउस टैक्स/सेनीटेशन टैक्स की दरों में कटौती

ऑनलाइन टैक्स पेमेंट की व्यवस्था

नक्शों एवं एनओसी को 45 दिनों में स्वीकृति देना

शहर को सीवरेज लाइनों सें जोड़ना।

शहर में स्ट्रीट लाइट्स, सीसीटीवी कैमरा

हर वार्ड में ओपन जिम, पार्क, फुटपाथ

शुलभ शौचालयों की प्रणाली पर काम

वैंडर मार्केट का निर्माण

हर वार्ड में सामुदायिक भवन/केंद्रों का निर्माण

लैंडस्केप विशेषज्ञों के  परामर्श के आधार पर शहर में पार्क और रोज गार्डन

भूमिगत पारपंथ, सड़कें और पार्किंग का निर्माण।

बहुमंजिला पार्किंग, सभी वार्डों में एंबुलेंस रोड

सड़कों पर इंटरलॉक टाइल बिछाना

भाजपा के वादे

हर घर को प्रर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी

घरों को सीवरेज व्यवस्था से जोड़ना

पानी की निकासी का प्रबंध

हर मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट्स

वार्ड में सामुदायिक पार्किंग

चकाचक सड़कें और रास्ते

हर वार्ड के नाले को पक्का करना

सभी मोहल्लों में एंबुलेंस रोड

हर घर से कूड़ा-कचरा एकत्रित करना

फ्री वाईफाई एरिया विकसित करना

इंडोर स्टेडियम, ओपन एयर जिम

एक बड़ा खेल मैदान

लोकल ट्रांसपोर्टेशन में सुधार

डीसी ऑफिस से शामती तक फुटपाथ

रेहड़ी-फड़ी लगाने की व्यवस्था

सोलन के अशोक गौतम कहते हैं कि भाजपा व कांग्रेस के घोषणा पत्रों को पढ़कर लगता है कि यह 2021 का चुनाव नहीं, बल्कि 20 वर्ष पूर्व का चुनाव है। जो मुद्दे 20 वर्ष पूर्व घोषणा पत्रों में होते थे, अधिकतर वहीं मुद्दे इस वर्ष के चुनाव में भी अपनी यथावत स्थिति बनाए हुए हैं। शहर के लोग भलीभांति जानते हैं कि इन मुख्य मुद्दों को लेकर  दोनों ही दलों ने कितना कार्य किया है। शहर के आधारभूत ढांचे में सुधार सहित आम जनमानस के लिए कल्याणकारी योजनाओं को ज्यादा तरजीह नहीं दी गई है।


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