पुल-ए-आलम — अफगानिस्तान में लोगार प्रांत की राजधानी पुल-ए-आलम में शुक्रवार को हुए कार बम विस्फोट में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 70 अन्य घायल हो गए। शुरुआती जानकारी के अनुसार एक कार में सवार एक आत्मघाती हमलावर ने उस समय बम विस्फोट कर दिया जब लोग शाम साढ़े छह बजे रोजा खोल रहे थे। सूत्रों के अनुसार इस विस्फोट ...

आईपीएल इतिहास की दो सबसे सफल टीमें मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स यहां शनिवार को आईपीएल-14 ...

भरूच — गुजरात के भरूच में शुक्रवार देर रात एक निजी अस्पताल के आईसीयू में आग लग जाने से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में कम से कम दो अस्पताल कर्मी भी शामिल बताए गए हैं। मृतकों की संख्या और बढऩे की आशंका है। पुलिस ने बताया कि भरूच-जंबुसर बायपास रोड पर स्थित पटेल वेलफेयर हॉस्पिटल में यह घटना ...

मुंबई — वूट सिलेक्ट ओरिजनल, इलीगल के स्टार कास्ट में तनुज वीरवानी शामिल हो गए हैं, जो नेहा शर्मा के प्रेमी के रूप में नजर आएंगे। वूट सिलेक्ट ओरिजिनल इलीगल एक रोचक कोर्टरूम ड्रामा है। इस सीरीज में दर्शकों को गुरु और शिष्य के बीच पावर का वह घमासान देखने का मिला। कानून व्यवस्था की कमजोरियों की पोल खोलते इस शो के पहले ...

पुष्टिमार्ग के इस प्रवर्तक की जयंती वैशाख के पावन मास में मनाई जाती है। माना जाता है कि वैशाख मास की कृष्ण एकादशी को कृष्णभक्ति के मार्ग को दिखाने वाले सूरदास को लीलाधर की लीलाओं से परिचित कराने वाले वल्लभाचार्य का जन्म हुआ था। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष इनकी जयंती 7 मई को

यह व्रत करने से सभी प्रकार के पाप व ताप दूर होते हैं, अनंत शक्ति मिलती है और स्वर्गादि उत्तम लोक प्राप्त होते हैं। सुपात्र ब्राह्मण को दान देने, करोड़ों वर्ष तक ध्यानमग्न तपस्या करने तथा कन्यादान के फल से बढ़कर वरुथिनी एकादशी का व्रत है… वरुथिनी या वरूथिनी एकादशी को ‘वरूथिनी ग्यारस’ भी कहा

-गतांक से आगे… विचित्र-रत्न-पृथिवी-कल्प-शाखि-तल-स्थिता। रत्न-द्वीप-स्फुरद-रक्त-सिंहासन-विलासिनी।। 111।। षट्-चक्र-भेदन-करी परमानन्द-रूपिणी। सहस्र-दल-पद्यान्तश्चन्द्र-मण्डल-वर्तिनी।। 112।। ब्रह्म-रूप-शिव-क्रोड-नाना-सुख-विलासिनी। हर-विष्णु-विरिंचिन्द्र-ग्रह-नायक-सेविता।। 113।। शिवा शैवा च रुद्राणी तथैव शिव-वादिनी। मातंगिनी श्रीमती च तथैवानन्द-मेखला।। 114।। डाकिनी योगिनी चैव तथोपयोगिनी मता। माहेश्वरी वैष्णवी च भ्रामरी शिव-रूपिणी।। 115।। अलम्बुषा वेगवती क्रोध-रूपा सु-मेखला। गान्धारी हस्ति-जिह्वा च इडा चैव शुभंकरी।। 116।। पिंगला ब्रह्म-सूत्री च सुषुम्णा चैव गन्धिनी। आत्म-योनिर्ब्रह्म-योनिर्जगद-योनिरयोनिजा।। 117।। भग-रूपा