कूड़े के ढेर में जिंदगी की तलाश, ललहेड़ी रोड चौक पर पुल के नीचे कागज इकट्ठा करने में जुटे बच्चे

By: May 7th, 2021 12:06 am

खन्ना, 6 मई (तेजिंद्र आर्टिस्ट)

लॉकडाउन में गरीबों के बच्चे पेट की आग बुझाने के लिए कूड़े के ढेरों को खंगाल रहे है, देश की आज़ादी के बाद भी ये तस्वीरें सरकारों के दावों की पोल खोल रही है। पंजाब में बाल मजदूरी को पूर्ण समाप्त करने के लिए जहां सरकारों द्वारा सख्त कानून बनाने के दावे किए जा रहे हैं, परंतु इसके बावजूद पारिवारिक मजबूरी और पेट की आग बुझाने के लिए बाल मजदूरी का सिलसिला लगातार जारी है। इसकी ताज़ा मिसाल गुरुवार को खन्ना के नेशनल हाई-वे जीटी रोड पर ललहेड़ी रोड चौक, पुल के नीचे देखने को मिली, जब छोटी उम्र के बच्चे जो गलियों, बाजारों से कागज चुनकर इकट्ठा करते हैं, यहां कूड़े को देखकर ऐसे लपके, मानो उन्हें कोई खजाना नजर आ गया हो।

‘दिव्य हिमाचल’ के पत्रकार ने जब बच्चों से कागज़ चुनने व स्कूल न जाने का कारण पूछा, तो उन्होंने बताया कि हमारे माता-पिता बहुत ही गरीब हैं, वे हमारे स्कूल का खर्चा नहीं भर सकते, इसलिए वे हमें बाजारों, गलियों और जहां से भी कूड़े के ढेरों में से लिफाफे, प्लास्टिक व अन्य सामान आदि इकट्ठा करने के लिए भेज देते हैं, ताकि हमारे घरों का गुजारा चल सके। इस संबंध में शहर की समाजसेवी संस्थाओं लोक आवाज मंच पंजाब, सीवरेज पाओ संघर्ष कमेटी के चेयरमैन, प्रधान व मेंबरों ने सरकार व प्रशासन के उच्चाधिकारियों से मांग की है बाल मजदूरी करने वाले बच्चों को भोजन, राशन व सरकारी खर्चे पर स्कूल में दाखि़ल करवाया जाए।


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