अपात्रों को भी स्मार्ट-आयुष्मान कार्ड, समाजसेवी ने सीबीआई से जांच को उठाई आवाज, कार्रवाई मांगी
खन्ना, 6 मई (निसं)
आरटीआई एक्टिविस्ट व समाज सेवी विपन कथूरिया ने सीबीआई डायरेक्टर दिल्ली से मांग कर आटा-दाल स्कीम के गलत ढंग से कार्ड बनाने वाले अधिकारियों के खिलाफ शिकायत में यह भी लिखा है कि पिछले कई सालों से पंजाब में भारत सरकार के सहयोग से आटा दाल स्कीम के स्मार्ट कार्ड गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को सुविधा दी जा रही है तथा मेडिकल सुविधा के फ्री बीमा आयुष्मान कार्ड भी बनाए गए हैं। इसके अलावा बिजली के बिलों में भी माफी दी जा रही है। तथा स्मार्ट कार्ड के साथ और कई सुविधाएं भी भारत सरकार द्वारा पंजाब सरकार के साथ मिलकर दी जा रही है। परंतु पंजाब के फूड सप्लाई विभाग के दफ्तर, लोकल बाडीज विभाग, पटवार खाने के पटवारी अपनी जानकारी गलत दे रहे हैं।
जिस कारण उन गलत लोगों के कार्ड बनाकर उन्हें सुविधाएं दी जा रही हैं। स्मार्ट कार्ड उन लोगों के बनाए गए हैं, जिनके बड़े-बड़े मकान, कार तथा अन्य सुख-सुविधा उन लोगों के पास है, जो कि यह दर्शाता है कि इन लोगों ने यह कार्ड गलत ढंग से अलग-अलग विभाग से मिलीभगत कर बनवाया है, जबकि यह कार्ड गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के बनने चाहिए थे। यह सब पंजाब के खन्ना शहर में भी हो रहा है। यहां शहर के अलग-अलग इलाके में जो आटा दाल स्कीम में कार्ड बनाए गए हैं, यहां दफ्तर में बैठकर ही बनाए गए हैं ।
यहां न तो किसी पटवारी द्वारा जमीन संबंधी सही रिपोर्ट की गई है तथा न ही नगर काउंसिल के अधिकारियों द्वारा सही जांच की गई। यही नहीं फूड सप्लाई दफ्तर के अधिकारियों द्वारा गलत लोगों के कार्ड बनाकर सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में गलत जांच करके स्मार्ट कार्ड बनाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए उनको पद से हटाया जाए और गलत कार्ड का लाभ उठाने वाले लोगों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाए।
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