दो साल के बच्चों पर भी ट्रायल, तीसरी लहर की आशंका पर कोवैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक की बड़ी तैयारी
एजेंसियां — कानपुर
कोरोना वायरस की तीसरी लहर बच्चों के लिए सबसे ज्यादा घातक बताई जा रही है। तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। दो साल के बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल कानपुर में किया जा रहा है। अभी तक दुनिया में इतने छोटे बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल कहीं नहीं किया गया है। बच्चों को तीन ग्रुप में बांटकर वैक्सीन का ट्रायल कानपुर में किया जा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। भारत बायोटेक की को-वैक्सीन ने बच्चों पर ट्रायल शुरू किया है। कानपुर के प्रखर हॉस्पिटल में बच्चों पर ट्रायल शुरू किया गया था।
वैक्सीन ट्रायल के लिए बच्चों को तीन ग्रुप में बांटा गया है। पहले ग्रुप में दो साल से छह साल, दूसरे ग्रुप में छह साल से 12 साल और तीसरे ग्रुप में 12 साल से 18 साल के बच्चों को रखा गया है। वैक्सीन ट्रायल के पहले दिन 12 साल से 18 साल के 40 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। इसमें से 20 बच्चे वैक्सीन के लिए फिट पाए गए। उन बच्चों को वैक्सीन लगा दी गई। बीते बुधवार को छह साल से 12 साल के 10 बच्चों का पहले मेडिकल चैकअप किया गया। जिसमें से वैक्सीन के लिए पांच बच्चे फिट पाए गए। उन्हें भी वैक्सीन लगा दी गई। इसके बाद 45 मिनट तक बच्चों को आब्जर्वेशन में रखा गया, जिसमें से दो बच्चों के इंजेक्शन लगने वाले स्थान पर हल्के से लाल निशान पड़े थे, जिसे सामान्य बात मानी जाती है।
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