माफी मांगने पर ही ठंडी होगी आग, मंत्री के बयान पर उखड़े टीचर, सड़कों पर उतरने को तैयार

By: Jul 6th, 2021 12:06 am

सिटी रिपोर्टर — शिमला

जल शक्ति मंत्री के बयान पर अभी भी प्रदेश के 80 हजार शिक्षकों की आग ठंडी नहीं हुई है। सोमवार को भी प्रदेश भर के शिक्षकों की प्रतिक्रियाएं आईं। सोशल मीडिया पर भी मंत्री के इस बयान की खुल खिलियां उड़ रही हैं। शिक्षकों ने तो यहां तक चेताया है कि अगर माफी नहीं मांगी, तो आने वाले समय में सड़कों पर उतर कर नारेबाजी करेंगे। वहीं सख्त आंदोलन का ऐलान भी शिक्षक संघों ने कर दिया है। शिक्षकों का कहना है कि मंत्री जी पहले हमारे सवालों का जवाब दें, उसके बाद ही अब यह मामला ठंडा होगा। उधर, राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ ने भी मंत्री के इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि जल शक्ति मंत्री के बंजार विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए कोराना महामारी पर अध्यापक समाज का जो अपमान किया है, वह असहनीय है।

सी एंड वी संघ ने कहा कि वह इसका समर्थन करते हैं, लेकिन जिस तरह से जल शक्ति मंत्री ने अध्यापक समाज को जनसभा में कहा कि मास्टरों ने घर पर खूब मजे लिए और फ्रंटलाइन वर्कर बन गए, पता नहीं उन्होंने क्या किया ऐसा। प्रदेशाध्यक्ष चमन लाल शर्मा ने कहा कि मंत्री को केवल अपना विभाग ही नजर आता है। शायद इन्हें मालूम ही नहीं कि शिक्षकों ने कोराना काल में दिन में भरी धूप में तो ड्यूटी दी, एमडीएम का राशन बच्चों के घर पहुंचाना तथा कंट्रोल रूम ऑफिस में रात एक एक बजे तक भी सेवा दी है। संघ के महासचिव देवदत शर्मा ने कहा कि आज वो जिस मंत्री पद पर आसीन हैं, तो इसमें भी कहीं न कहीं अध्यापकों के आशीर्वाद से ही यह स्थान उन्हें प्राप्त हुआ है। प्रदेशाध्यक्ष चमन लाल शर्मा ने कहा कि मंत्री जी को अध्यापक समाज से माफी मांगनी होगी, अन्यथा अध्यापक समाज आने वाले चुनावों में चुनाव ड्यूटी का बहिष्कार करेगा।

मंत्र जी! शिक्षकों ने किए ये काम

बॉर्डर पर दी ड्यूटी, चैक पोस्ट पर रखी आने-जाने वालों पर नजर, वैक्सीनेशन सेंटर में ड्यूटी, चुनाव में भी ड्यूटी, जहां इंटरनेट नहीं, वहां पहुंचे घर, पूरा दिन छात्रों को पढ़ाया ऑनलाइन, राशन घर तक दिया, किताबें छात्रों तक पहुंचाईं, छुट्टियों में भी स्कूल आकर कैंपस को किया साफ, छात्रों के हर हफ्ते लिए ऑनलाइन टेस्ट

शिक्षकों का नहीं, समाज का अपमान

शिमला। कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह से शिक्षकों के खिलाफ उनकी अभद्र टिप्पणी पर माफ़ी मांगने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि एक मंत्री ने शिक्षकों का ही नहीं, अपितु सारे समाज का अपमान किया है। उनके बयान से शिक्षकों के प्रति छात्रों में भी एक गलत और अपमानजनक संदेश गया है, जो सहन नहीं किया जा सकता। कुलदीप सिंह राठौर ने कोरोना काल में शिक्षकों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सेवाओं को देखते हुए सरकार ने उन्हें प्रथम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं का दर्जा दिया है, परंतु महेंद्र सिंह की शिक्षकों पर की गई टिप्पणी बहुत ही निंदनीय है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि महेंद्र सिंह हमेशा ही सुर्खियों में रहने के लिये अनाप शनाप बयानबाजी करते रहते है। अधिकारियों, कर्मचारियों व आम लोगों को डराना-धमकाना उनकी आदत है।

मंत्री के बयान से शिक्षक आहत

शिमला। सीटू राज्य कमेटी ने जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर द्वारा शिक्षकों का उपहास उड़ाने वाले बयान की निंदा की है। सीटू ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मंत्री को तुरंत कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग उठाई है। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि महेंद्र सिंह ठाकुर का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है व शिक्षकों का अपमान है। मंत्री ने अध्यापकों को अपमानित करने वाला बयान दिया है।

सुनने-सहने की क्षमता रखे सरकार

शिमला। प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि प्रदेश का कर्मचारी वर्ग उस समय प्रसन्न और गौरवान्वित महसूस करता है, जब हमारे नेता और सरकारें कुछ प्रशंसनीय काम करती हंै। जब उन्हें लगता है कि सरकार ने कुछ गलत किया है, और शासक उनकी बात सुनने को राजी नहीं है, तो वे हैरान, क्रोधित या निराशा महसूस करते हैं, जिसके कारण कर्मचारी वर्ग का रूख सरकार के प्रति आलोचनात्मक हो जाता है। इसे सुनने और समझने की क्षमता सरकार में होनी ही चाहिए, लेकिन शायद इसका सत्ता पक्ष में अभाव है। उन्होंने कहा कि मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर द्वारा अध्यापक वर्ग के प्रति जिस तरह का बयान दिया गया, वह सोचनीय है, इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

सहने योग्य नहीं मंत्री का बयान

शिमला। कांग्रेस महासचिव एवं विधायक विक्रमादित्य सिंह ने जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की शिक्षकों के खिलाफ की गई सार्वजनिक टिप्पणी पर कड़ी आलोचना करते हुए शिक्षकों से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने को कहा है। उन्होंने कहा कि महेंद्र सिंह ने शिक्षकों का घोर अपमान किया है, जिसे सहन नहीं किया जा सकता है।


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