टेलीकॉमसेक्टर में बिना सरकारी मंजूरी हो सकेगा 100 फीसदी विदेशी निवेश

By: Sep 16th, 2021 12:05 am

प्रीपेड से पोस्टपेड कनेक्शन के लिए अब नहीं भरना होगा केवाईसी फार्म

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

भारी वित्तीय दबाव के तले दबी दूरसंचार कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने उन पर शुल्क, ब्याज और दंड ब्याज के प्रावधानों में भारी राहत देने तथा कारोबार सुगमता के लिए कई दूरगामी निर्णयों की बुधवार को घोषणा की। टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई को भी मंजूरी मिल गई है। इस सेक्टर में नौ बड़े संरचनात्मक बदलाव करने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि दूरसंचार कंपनियों के सकल समायोजित राजस्व (एजीआर) को पुनः परिभाषित करते हुए इसमें दूरसंचार से इतर के राजस्व को हटाने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही कंपनियों को लाइसेंस फीस और अन्य शुल्कों के बकायों के भुगतान के लिए चार साल की मोहलत के साथ दस वर्ष का समय दिया गया है। कंपनियों पर दंड ब्याज माफ करने के साथ-साथ ब्याज के बोझ को हल्का करने का भी फैसला किया गया है। सरकारी राजस्व के बचाव के लिए राहत की अवधि में कंपनियों को बकाए पर स्टेट बैंक की एमसीएलआर (धन की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर) से दो प्रतिशत ऊंची दर से ब्याज देना होगा।

 पहले यह दर एमसीएलआर से चार प्रतिशत ऊंची थी। कंपनियों को यह राहत एजीआर संबंधी बकायों पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय, कानूनी व्यवस्था और सरकार के राजस्व को संरक्षित रखते हुए किया गया है। इससे कंपनियों के लिए धन का प्रवाह बढ़ेगा और वे 4 जी तथा 5 जी प्रौद्योगिकियों पर निवेश बढ़ा सकेंगी और इससे उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि छूट संबंधी फैसले अगली तिथि (पहली अक्तूबर) से लागू होंगे। कंपनियों को अब स्पेक्ट्रम बीस के बजाय तीस वर्ष के लिए आबंटित किया जाएगा, लेकिन यदि वे चाहें तो इसे दस वर्ष बाद लौटा सकती हैं। सरकार ने साथ ही हर वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में स्पेक्ट्रम आबंटन के लिए नियमित व्यवस्था करने का भी फैसला किया है। कारोबार में सुगमता तथा उपभोक्ताओं की आसानी के लिए केवाईसी प्रक्रिया को ऐप आधारित बनाने और कागजी रिकार्ड की जरूरत को खत्म करने का भी फैसला किया गया है।

ड्रोन को उत्पादन आधारित सहायता मिलेगी

नई दिल्ली। सरकार ने देश में ड्रोन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 120 करोड़ रुपए का उत्पादन आधारित प्रोत्साहन देने की घोषणा की है। सरकार के इस फैसले से दुनिया के मुकाबलेे देश में आधुनिक तकनीक उपलब्ध हो सकेगी। इस क्षेत्र में अगले तीन साल में 5000 करोड़ रुपए के निवेश का अनुमान है और करीब 1500 करोड़ रुपए के उत्पादन की उम्मीद है। ड्रोन क्षेत्र में अभी करीब 80 करोड़ रुपए का कारोबार है। ड्रोन के निर्माण से छोटे और मध्यम उद्योगों को लाभ होगा और स्टार्टअप को भी सहायता मिलेगी।

देश के हर जिला में होगी हैल्थ लैब

आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना के लिए 64 हजार करोड़ रुपए

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

केंद्र सरकार ने बुधवार को आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना स्कीम के लिए 64 करोड़ रुपए को मंजूरी दी। कैबिनेट की बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि योजना के तहत देश के हर जिला और 3382 ब्लॉक में इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब खोले जाएंगे। सरकार ने भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो उद्योग, ऑटो, घटक उद्योग, ड्रोन उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार ने ऑटो सेक्टर के लिए 25,938 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन, हाइड्रोजन फ्यूल व्हीकल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। वही, 7.60 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App