कोरोना ने काम बिगाड़ा, अब नवरात्र में मिलेगा सहारा

By: Sep 28th, 2021 12:17 am

दस से चार करोड़ रुपए तक सिमटा रोजाना का कारोबार, दुकानों में काम करने वाले वर्कर हो गए बेरोजगार

प्रदेश का अग्रणी मीडिया हाउस ‘दिव्य हिमाचल हर सोमवार को किसी एक शहर खास विषय को पाठकों के लिए ला रहा है। इस नई सीरीज के पहले अंक में हमने हमीरपुर जिला के तहत शहर की समीक्षा की है। कोरोना काल की दोनों वेव में इस शहर की आर्थिकी पर बुरा असर हुआ है। इसके लिए लोकल व्यापार मंडल ने क्या प्रयास किए हैं, यह बता रहे हैं हमीरपुर से हमारे सहयोगी सुरेंद्र ठाकुर

स्टाफ रिपोर्टर—हमीरपुर
कोरोना की दोनों वेव ने हमीरपुर बाजार के कारोबार पर बहुत बुरा असर डाला है। वैश्विक महामारी की दस्तक से पहले हमीरपुर बाजार में होने वाला आठ से दस करोड़ का कारोबार अब मात्र तीन से चार करोड़ तक सिमट कर रह गया है। कोरोना की दोनों लहरों न सिर्फ व्यापारी वर्ग की कमर तोड़ी, बल्कि दुकानों पर काम करने वाले सैकड़ों लोगों का रोजगार छीनकर इन्हें बेरोजगार कर दिया है। संक्रमण फैलने से पहले जहां दुकानों पर पांच से छह वर्कर्ज काम करते थे, अब वहां सिर्फ एक या दो कर्मचारियों से ही काम चलाया जा रहा है। कई दुकानदार वैश्विक महामारी का दौर नहीं झेल सके। मजबूरी में इन्हें दुकानें बद करनी पड़ी हैं। इनमें स्कूल ड्रेस, स्कूल सूज सहित स्पोट्र्स सामग्री उपलब्ध करवाने वाली दुकानें शामिल हैं। हालांकि लोकल व्यापार मंडल ने कोरोना काल में मानवता का फर्ज अदा करते हुए अपने सार्थक प्रयास जारी रखे। व्यापार मंडल द्वारा कोविड-19 महामारी के दौर में फ्रंटलाइन वर्कर्ज जिनमें हैल्थ वर्कर्ज, सफाई कर्मचारी, पुलिस कर्मचारी सहित अन्य शामिल हैं, उन्हें पैकड फूड उपलब्ध करवाया।

इसके साथ ही दुकानदारों की भी हौसला अफजाई की गई। व्यापार मंडल की सभी दुकानदारों को मोरल सपोर्ट रही। बता दें कि हमीरपुर शहर में दो हजार से अधिक दुकानें हैं। यहां पर बड़े व छोटे शोरूम का आंकड़ा 50 के लगभग है। बाजार में कोरोना संक्रमण से पहले एक दिन में आठ से दस करोड़ का कारोबार होता था। वर्तमान में कारोबार तीन से चार करोड़ के बीच सिमट कर रह गया है। इसका मुख्य कारण ग्राहकों का खरीददारी की तरफ रुझान कम होना माना जा रहा है। इसका मुख्य कारण भी कोरोना ही रहा है। संक्रमण के इस दौर में कई लोग नौकरियों से हाथ धो बैठे हैं। कभी बड़े मासिक पैकेज पर नौकरी करने वाले लोग अब मामूली तनख्वाह की नौकरी कर रहे हैं। इस कारण हरेक किस्म के कारोबार पर विपरीत असर पड़ा है। वर्तमान में कोरोबार पर 60 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की जा रही है। नवरात्र या नए त्योहारी सीजन के लिए तैयारियों की बात करें, तो दुकानदार अब दुकानों में सामान रखने से भी कतराने लगे हैं। त्योहारी सीजन में कितना सामान उतारा जाए इसके लेकर भी दुकानदारों में असमंजस की स्थिति है। कारण साफ है कि ग्राहकों का रुझान कम होने के बाद दुकानदार त्योहारी सीजन में भी घाटे को लेकर चिंतित रहते हैं। हालांकि नवरात्र को लेकर दुकानदार सामान जरूर उतारेंगे। नवरात्र के नजदीक आते ही सामग्री दुकानों में सज जाएगी। (एचडीएम)

शहर में खुलेंगे और शोरूम

हमीरपुर बाजार में सात से आठ नए शोरूम खुलने जा रहे हैं। हालांकि ये शोरूम बड़े व्यापारियों द्वारा खोले जा रहे हैं। शहर में कोई नई दुकान नहीं खुल रही है। कोरोना काल में कई दुकानों में शट्टर लग चुके हैं। ऐसे में कोई नई दुकान खोलने के बारे में नहीं सोच रहा है। जब तक हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाते, व्यापारी वर्ग की चिंता समाप्त नहीं होगी। इसके साथ ही व्यापारी वर्ग की माने तो जहां कोरोना की दोनों लहरों ने व्यापार पर विपरीत प्रभाव डाला है, वहीं ऑनलाइन कारोबार ने भी स्थायीदुकानदारों को हानि पहुंचाई है।

क्या कहते हैं व्यापार मंडल के अध्यक्ष

व्यापार मंडल के अध्यक्ष अनिल सोनी का कहना है कि कोरोना की दोनों लहरों ने व्यापार पर विपरीत असर डाला है। पहले की अपेक्षा अब व्यापार 40 फीसदी ही रह गया है। जहां कोरोना ने व्यापारियों के व्यापार पर बुरा असर डाला है, वहीं ऑनलाइन कारोबार ने भी हानि पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि व्यापार मंडल ने कोविड-19 के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर के लिए पैक्ड फूड उपलब्ध करवाया था। इसके साथ ही दुकानदारों को भी व्यापार मंडल की मोरल सपोर्ट रही। व्यापार मंडल व्यापारी वर्ग के हित में कार्यरत है।


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