चीन के खिलाफ महागठबंधन, अमरीका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया का नया एंग्लो सैन्य गठबंधन, ‘ऑकस’ दिया नाम

By: Sep 18th, 2021 12:06 am

अमरीका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया का नया एंग्लो सैन्य गठबंधन, ‘ऑकस’ दिया नाम

एजेंसियां — वॉशिंगटन

अमरीका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया ने चीनी दादागिरी के खिलाफ शंखनाद कर दिया है। इन तीनों देशों ने ड्रैगन पर नकेल कसने के लिए एक नए एंग्लो सैन्य गठबंधन का निर्माण किया है। नए त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन को ‘ऑकसÓ (एयूकेयूएस) नाम दिया गया है। आस्ट्रेलिया ने अमरीका और ब्रिटेन के साथ अपने गठजोड़ को मजबूत करने के लिए फ्रांस के साथ 90 अरब डालर के सबमरीन डील को रद्द कर दिया है। इसकी जगह पर आस्ट्रेलिया अब अमरीका-ब्रिटेन की मदद से परमाणु सबमरीन खरीदेगा और उस पर अमरीकी बह्मास्त्र टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें लगी होंगी।

इसके साथ ही अब दुनिया में एक और सैन्य गठबंधन की शुरुआत हो गई है। अमरीका ने रूस पर लगाम लगाने के लिए नाटो का निर्माण किया था और बदली हुई परिस्थिति में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन अमरीका का सबसे बड़ा शत्रु हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसी चीनी खतरे से निपटने के लिए अब बाइडेन ने अफगानिस्तान से अपनी सेना को हटाया है। अमरीकी राष्ट्रपति का अब पूरा फोकस चीन हो गया है।

गठबंधन के बीच भारत ने साधी चुप्पी

भारत ने अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच त्रिपक्षीय सुरक्षा समझौते पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं करने का फैसला किया है। हिंद-प्रशांत में चीन का मुकाबला करने के प्रयास के रूप में देखी जाने वाली साझेदारी, अमरीका और ब्रिटेन को पहली बार परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों को विकसित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया को प्रौद्योगिकी प्रदान करने की अनुमति देगी। जब नई सुरक्षा साझेदारी पर सवाल किए गए तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि फिलहाल इस मुद्दे पर साझा करने के लिए मेरे पास कुछ भी नहीं है।

फ्रांस ने कहा, हमारी पीठ पर छुरा घोंपा

कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका के साथ परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों में निवेश करने का फैसला किया है। इसी के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ अपने करार को रद्द कर दिया, जिसके बाद फ्रांस ने गहरी नाराजगी जताई है। फ्रांस ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने उनकी पीठ में छुरा घोंपने जैसा काम किया है। दरअसल अमरीका के साथ करार होने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ करार को समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि वह फ्रांस की कंपनी डीसीएनएस के साथ दुनिया की सबसे बड़ी पारंपरिक पनडुब्बियों में से 12 का निर्माण करने के लिए अपने करार को समाप्त करती है। साल 2016 में फ्रांस के साथ करार होने के बाद से ऑस्ट्रेलिया ने परियोजना पर 2.4 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर खर्च कर चुका है। फ्रांस ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने उनकी पीठ में छुरा घोंपने जैसा काम किया है। उन पर हमने विश्वास किया था।

आस्ट्रेलिया को पनडुब्बी दी, तो परमाणु हमला

बीजिंग। अमरीका और ब्रिटेन के साथ ऑस्ट्रेलिया का न्यूक्लियर सबमरीन समझौता चीन को नागवार गुजरा है। चीन की स्टेट मीडिया ने चेतावनी दी है कि अगर ऑस्ट्रेलिया इस समझौते को पूरा करते हुए परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों को हासिल कर लेता है, तो इस देश पर परमाणु हमले की संभावना बढ़ सकती है। ग्लोबल टाइम्स ने एक अज्ञात चीनी सैन्य विशेषज्ञ का हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया अपने इस कदम के साथ ही दूसरे देशों के लिए परमाणु हमले का खतरा पैदा कर सकता है, क्योंकि इन नई पनडुब्बियों में अमरीका या ब्रिटेन द्वारा प्रदान किए गए न्यूक्लियर हथियारों को लगाया जा सकता है।


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