मुख्यमंत्री के द्वार पहुंचे अध्यापक

By: Sep 23rd, 2021 12:01 am

शिक्षक महासंघ ने स्थायी नीति, प्रोमोशन, पेंशन, आदि पर मांगी राहत

टीम-शिमला, सुंदरनगर

प्रदेश शिक्षक महासंघ का एक शिष्टमंडल शिक्षकों से जुड़ी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिला। मीडिया प्रभारी दर्शन लाल ने जानकारी दी कि विभिन्न वर्गों के शिक्षकों से जुड़ी मांगों के समाधान के लिए शिक्षक महासंघ द्वारा अपना पक्ष रखा । इसमें प्रमुख रूप से 2010 से पहले नियुक्त टीजीटी को पदोन्नति में मुख्याध्यापक और प्रवक्ता दोनों ऑप्शन बहाल करने की मांग की गई है। इसके साथ प्रदेश में नर्सरी अध्यापिकाओं की भर्ती के लिए निश्चित आर एंड पी रूल्स बनाने की बात कही गई है, ताकि भविष्य में नियमों की आड़ में अध्यापकों का शोषण न हो। नर्सरी के लिए एनटीटी का प्रशिक्षण प्राप्त अध्यापिकाओं को प्राथमिकता के आधार पर भर्ती करने, शिक्षा विभाग में 20 वर्ष से कार्यरत कम्प्यूटर शिक्षकों के लिए तर्कसंगत नीति बनाकर शिक्षा विभाग में शामिल करने, प्रवक्ता न्यू के स्थान पर सीधे प्रवक्ता पदनाम बहाल करने, वर्ष 2012 से पहले जेबीटी से पदोन्नत हुए मुख्य शिक्षकों को वेतन वृद्धि प्रदान करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के साथ प्रधानाचार्यों को पदोन्नति का नियमित लाभ प्रदान करने समेत अन्य बिंदु सरकार के समक्ष रखे गए हैं। उपाध्यक्ष डा. मामराज पुंडीर ने बताया कि विभिन्न वर्गों के शिक्षकों की मांगों से जुड़ी वित्तीय और नियमों से संबंधी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा विभागीय स्तर पर विभिन्न कमेटियां गठित की गई हैं। इसमें विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए विधिवत रास्ता निकाला जाएगा। मुख्यमंत्री ने शिक्षक महासंघ को शिक्षकों से जुड़ी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। शिष्टमंडल में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री महेंद्र कपूर अखिल भारतीय संयुक्त मंत्री पवन मिश्रा शिक्षक महासंघ के उपाध्यक्ष डा. मामराज पुंडीर कॉलेज शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष रविंद्र कुमार शामिल रहे।


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