प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ रहा अत्याचार

By: Oct 26th, 2021 12:01 am

इस साल नौ महीने में 2017 से अधिक मामले दर्ज, 2018 से 2020 तक सालाना दर्ज मामलों का आंकड़ा 1600 से ज्यादा

जयदीप रिहान—पालमपुर

प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध के मामलों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। यह आंकड़ा चिंताजनक तौर पर किस तरह बढ़ रहा है इसका अंदाजा इन आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि 2017 में पूरे साल में क्राइम अंगेस्ट वूमन की विभिन्न धाराओं के तहत 1260 मामले दर्ज हुए थे वहीं, इस वर्ष नौ माह में ही यह आंकड़ा 1278 तक जा पहुंचा है। क्राइम अंगेस्ट वूमन श्रेणी के तहत दर्ज होने वाले मामलों का ग्राफ 2018 के बाद से तो चिंताजनक तौर पर बढ़ रहा है। 2018 से 2020 के तीन वर्षों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के दर्ज मामलों का आंकड़ा सालाना 1600 से अधिक रहा है। क्राइम अंगेस्ट वूमन के तहत 2018 में 1617, 2019 में 1640 और 2020 में 1654 मामले सामने आए तो इस साल सितंबर माह तक ही यह ग्राफ 1278 तक जा पहुंचा है। पिछले कुछ वर्षों से महिलाओं के साथ क्रूरता के दो सौ से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं।

2019 में इस श्रेणी में 229 मामले दर्ज हुए तो 2020 में यह आंकड़ा 258 रहा तो इस साल नौ माह में ही यह आंकड़ा 170 हो गया है। 2006 तक जहां क्राइम अंगेस्ट वूमन का आंकड़ा प्रदेश में एक हजार से कम रहता था वहीं 2007 के बाद से यह ग्राफ सालाना एक हजार के आंकड़े को पार कर रहा है। पिछले तीन वर्षों के दौरान तो प्रदेश में हर दिन महिलाओं के खिलाफ अपराध के औसतन चार से अधिक मामले दर्ज हो रहे हैं। इस वर्ष भी यह आंकड़ा कम होता नजर नहीं आ रहा है और नौ माह के दौरान ही औसतन हर महीने करीब 142 मामले सामने आए हैं। (एचडीएम)

हर माह छेड़छाड़ के औसतन 40 मामले

प्रदेश में महिलाओं से छेड़छाड़ के हर माह औसतन 40 मामले दर्ज हो रहे हैं। इस वर्ष सितंबर माह तक छेड़छाड़ के मामलों का ग्राफ 350 तक जा पहुंचा है। इनमें सबसे अधिक 62 मामले जिला कांगड़ा में दर्ज किए हैं। वहीं, जिला मंडी में 57, जिला शिमला में 42 और जिला सिरमौर में 30 मामले सामने आए हैं। इस वर्ष महिलाओं के प्रति क्रूरता के भी हर माह औसतन करीब 20 मामले सामने आए हैं।


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