कैंची पर झपटा काल, बुझ गए तीन घरों के चिराग

By: Dec 2nd, 2021 12:55 am

लाशें देखकर बिलख-बिलख कर रोते नजर आए परिजन

बीआर चौहान- यशवंतनगर

शलेच कैंची के पास बुधवार को हुए हादसे ने तीन घरों के चिराग बुझा दिए। हादसे की सूचना मिलते ही सीमा पर ठियोग तहसील के बलग क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। क्षेत्र से असंख्य लोग अपने वाहन दौड़ाकर दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए। माहौल इतना गमगीन था कि इनके शव देखकर हर व्यक्ति की आंखों से आंसू टपक रहे थे। बता दें कि बीते माह इसी स्थल पर देवठी मझगांव के युवक की कार बझेथु खड्ड में गिर गई थी और उस युवक की लाश भी तीन दिन बाद मिली थी और यह दूसरा हादसा इसी स्थल पर घटित हो गया। अगर इस स्थल पर क्रैश बैरियर लगा होता तो शायद तीनों व्यक्तियों की जान बच सकती थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार यशपाल व संदीप कुमार ठियोग तहसील के बलग के रहने वाले थे और दोनों अविवाहित बताए जा रहे हैं। जिसमें संदीप अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। इनके परिजन अपने बेटों के शव देखकर बिलख-बिलख कर रो रहे थे। अपने बेटे संदीप का क्षत-विक्षत शव देखकर पिता बेली राम बेहोश हो गए और अपने इकलौते चिराग के बुझने से इनकी मानसिक स्थिति बहुत खराब हो गई। बता दें कि बझेथु खड्ड से शवों को निकालने के उपरांत चीख-पुकार से माहौल बहुत गमगीन हो गया था। जानकारी के अनुसार मुंडु बलग निवासी यशपाल गाड़ी के मालिक थे। संदीप कुमार एपीएमसी बैरियर नेरीपुल में सुरक्षा गार्ड के पद पर तैनात थे और अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। इसी प्रकार सिरमौर के कमरऊ के खजान सिंह भी इस हादसे का शिकार हो गए हैं। पुलिस के अनुसार खजान सिंह अपनी लेबर के साथ बलग-बासाधार सड़क में काम करते थे अर्थात तीनों व्यक्ति आपस में अच्छे दोस्त बताए जाते थे। खजान सिंह यशपाल के घर में बतौर किराएदार रहते थे। सूत्रों के अनुसार तीनों व्यक्ति मंगलवार की रात्रि को किसी कार्य से पिकअप में गिरिपुल अर्थात यशवंतनगर गए थे और बुधवार की सुबह जब वह वापिस लौट रहे थे कि करीब आठ बजे शलेच कैंची के पास काल का ग्रास बन गए। बता दें कि शलेच कैंची के साथ बहती बझेथु खड्ड ने अब तक न जाने कितने वाहनों को अपना ग्रास बना दिया है।

आए दिन हो रहे हादसों से लोक निर्माण विभाग की नींद नहीं खुल पाई है। सबसे अहम बात यह है कि विभाग द्वारा इस सड़क के ब्लैक स्पॉट पर सुरक्षा की दृष्टि से कोई क्रैश बैरियर इत्यादि नहीं लगाए गए हैं। प्रशासन द्वारा बीते कई वर्षों से सनौरा से नेरीपुल सड़क को एक्सीडेंटल जोन का नाम दिया गया है। हर वर्ष सेब के सीजन में इस रोड पर काफी दुर्घटनाएं होती हैं। गिरि नदी के साथ-साथ इस सड़क के होने के कारण हादसे के दौरान बचाव की संभावनाएं बहुत कम रहती हैं। हालांकि पुलिस द्वारा इस रोड के ब्लैक स्पॉट बारे अनेकों बार लोक निर्माण विभाग को अवगत करवा दिया गया है, परंतु दुर्घटना संभावित स्थल पर विभाग द्वारा कोई सुरक्षा उपाय नहीं किए गए हैं। पुलिस प्रभारी शीलाबाग एएसआई अमित राजटा के अनुसार बीते दो माह के दौरान इस रोड पर पांच हादसे हो चुके हैं। इनका कहना है कि जिस जगह पर बुधवार को हादसा पेश आया है अगर वहां पर क्रैश बैरियर लगा होता तो तीनों व्यक्तियों की जान बच सकती थी। जबकि करीब एक माह पहले इसी जगह पर एक निजी कार हादसे का शिकार हो गई थी। एचडीएम


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