नए वर्ष में बेहतर आर्थिक उम्मीदें

श्रम, भूमि, कारोबार, विदेशी निवेश, कौशल, बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्रों में घोषित किए गए सुधारों को कार्यान्वयन की डगर पर तेजी से आगे बढ़ाना होगा।  सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को पटरी पर लाकर रोजगार बढ़ाने के अधिकतम प्रयास किए जाने होंगे। डिजिटल अर्थव्यवस्था के लाभ लेने के लिए डिजिटलीकरण के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया जाना होगा। ऐसे सभी कारगर प्रयासों से नए वर्ष 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाए जाने की संभावनाओं को साकार किया जा सकेगा…

हाल ही में प्रकाशित विश्व प्रसिद्ध ब्रिटिश कंसल्टेंसी सेब्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि नए वर्ष 2022 में जहां दुनिया की अर्थव्यवस्था पहली बार 100 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच जाएगी, वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था भी तेजी से आगे बढ़ते हुए फ्रांस की अर्थव्यवस्था को पीछे करते हुए करीब तीन ट्रिलियन डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकती है। बीते वर्ष 2021 से देश की अर्थव्यवस्था को जो आर्थिक अनुकूलताएं विरासत में मिली हैं, उनके कारण नए वर्ष 2022 में भारत के निर्यात, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), शेयर बाजार, कृषि विकास, औद्योगिक विकास, स्टार्टअप, आउटसोर्सिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट आदि विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों के ग्राफ तेज ऊंचाई लेते हुए दिखाई दे सकते हैं। गौरतलब है कि नए वर्ष 2022 की आर्थिक संभावनाओं के बारे में हाल ही में प्रकाशित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में एक मत से कहा जा रहा है कि नए वर्ष में ओमिक्रॉन को लेकर चिंता के बावजूद 2022 में कोरोना वायरस और ओमिक्रॉन से बचाव के लिए व्यापक टीकाकरण व बूस्टर डोज, उपभोक्ता और उद्योग धारणा में तेज सुधार और महत्त्वपूर्ण आर्थिक संकेतों में सतत प्रगति के कारण भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 9.5 फीसदी की दर से विकास की संभावना बता रही है।

 नीति आयोग का मानना है कि रिकॉर्ड खरीफ फसल और रबी फसल की उज्ज्वल संभावनाओं को देखते हुए चालू वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 10 फीसदी से अधिक वृद्धि संभावित है। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर चालू वित्त वर्ष में 10.5 फीसदी तक रह सकती है। साथ ही नए वर्ष में भारत दुनिया में सबसे अधिक विकास दर की संभावनाओं वाले देशों में उभरकर दिखाई दे सकता है। निःसंदेह नए वर्ष 2022 के लिए देश की अर्थव्यवस्था में लाभप्रद आर्थिक अनुकूलताएं उभरकर दिखाई दे रही हैं। बीते वर्ष 2021 के अंतिम सोपान पर बाजारों में उपभोक्ता मांग में तेजी, विनिर्माण और सर्विस क्षेत्र में बड़ा सुधार और कारोबार गतिविधियों में बेहतरी, अनुमान से बेहतर राजकोषीय नतीजों, जीएसटी संग्रह, बिजली खपत एवं माल ढुलाई में उछाल से पता चल रहा है कि आर्थिक गतिविधियों में तेज सुधार हुआ है। नवंबर 2021 में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) कलेक्शन 1.30 लाख करोड़ रुपए से अधिक का रहा है। निश्चित रूप से वर्ष 2022 में विदेश व्यापार बढ़ेगा और निर्यात की ऊंचाई बढ़ेगी। 23 दिसंबर को फेडरेशन ऑफ एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन (फियो) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत से दुनिया की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं के खुलने की वजह से भारत से किए जाने वाले निर्यात में तेजी का दौर रहा है। अप्रैल से दिसंबर 2021 तक के नौ महीनों में भारत से करीब 300 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया गया है और चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर का रिकॉर्ड निर्यात लक्ष्य प्राप्त होने की पूरी संभावना है। पिछले वर्ष 2020-21 के दौरान भारत ने करीब 290.63 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया था। वर्ष 2021 में जिस तरह दुनिया के प्रमुख देशों के साथ विदेश व्यापार के नए समझौते हुए हैं तथा कोरोना काल में जिन 150 से अधिक देशों का भारत से कोरोना की दवाई, कोरोना वैक्सीन और खाद्य आपूर्ति की गई है, उनमें से अधिकांश देशों में नए वर्ष 2022 में भारत विदेश व्यापार तेजी से बढ़ते हुए दिखाई देगा। यह कोई छोटी बात नहीं है कि कोरोना और ओमिक्रॉन की चुनौतियों के बीच भी पूरी दुनिया में इस समय भारत को निवेश अनुकूल देश के रूप में चिह्नित किया जा रहा है।

 पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में देश में एफडीआई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2020-21 में इक्विटी, पुनर्निवेश आय और पूंजी सहित कुल एफडीआई बढ़कर 81.72 अरब डॉलर हो गया। इतना बड़ी एफडीआई की राशि पहले कभी नहीं आई है, चूंकि अब प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना एफडीआई की मंजूरी हेतु एकल खिड़की की भूमिका निभाएगी। 19 मंत्रालयों ने इसे अपनाया है। नए वर्ष 2022 में एफडीआई का कुल प्रवाह और बढ़ेगा। नए वर्ष में देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच सकता है। दिसंबर 2021 के अंत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 635 अरब डॉलर से अधिक की ऊंचाई पर पहुंच गया है। भारत दुनिया में चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला देश बन गया है। अब विदेशी मुद्राकोष में और वृद्धि होगी। वर्ष 2022 में घरेलू निवेशकों के दम पर भारत का शेयर बाजार तेजी से नई उड़ान भर सकता है। पिछले एक वर्ष में भरपूर नकदी उपलब्ध होने के कारण शेयर बाजार पिछले 12 वर्ष की सबसे शानदार तेजी बनाते हुए दिखाई दिया है। ज्ञातव्य है कि 23 मार्च 2020 को जो बाम्बे स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) सेंसेक्स 25981 अंकों के साथ ढलान पर दिखाई दिया था, उसने 13 नवंबर 2021 को 60000 से अधिक की ऊंचाई छू ली है और 2022 में शेयर बाजार की चमकीली ऊंचाई की संभावना है। नए वर्ष 2022 में कृषि एवं ग्रामीण विकास का नया अध्याय दिखाई दे सकेगा।

 कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक कृषि क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कृषि क्षेत्र के लिए दिए गए भारी प्रोत्साहनों के कारण नए वर्ष में ग्रामीण मांग को बढ़ावा मिलेगा और विनिर्माण में सुधार होगा। फसल वर्ष 2021-22 में देश में खाद्यान्न की कुल पैदावार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचते हुए दिखाई देगी। यह बात भी महत्त्वपूर्ण है कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश से 43 अरब डॉलर मूल्य के कृषि एवं संबद्ध उत्पादों का रिकॉर्ड निर्यात लक्ष्य प्राप्त होगा तथा वर्ष 2022 में इसमें और बढ़ोतरी दिखाई देगी। लेकिन नए वर्ष 2022 में कोरोना संक्रमण व ओमिक्रॉन की आर्थिक चुनौतियों के बीच चमकीली आर्थिक संभावनाओं को साकार करने के लिए भारी रणनीतिक प्रयासों की जरूरत होगी। देश भर में कोरोना वायरस और ओमिक्रॉन से बचाव के लिए टीकाकरण और कोविड टीके के बूस्टर डोज अभियान को तेजी व सुनियोजित रूप से संचालित किया जाना होगा। सरकार और जनता दोनों का प्रयास करना होगा कि नए वर्ष 2022 में किसी भी प्रकार के लॉकडाउन की स्थिति निर्मित नहीं हो। श्रम, भूमि, कारोबार, विदेशी निवेश, कौशल, बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्रों में घोषित किए गए सुधारों को कार्यान्वयन की डगर पर तेजी से आगे बढ़ाना होगा।  सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को पटरी पर लाकर रोजगार बढ़ाने के अधिकतम प्रयास किए जाने होंगे। डिजिटल अर्थव्यवस्था के लाभ लेने के लिए डिजिटलीकरण के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया जाना होगा। ऐसे सभी कारगर प्रयासों से नए वर्ष 2022 में एक ओर भारतीय अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाए जाने की संभावनाओं को साकार किया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर ब्रिटिश कंसल्टेंसी सेब्र की रिपोर्ट के मद्देनजर भारतीय अर्थव्यवस्था तीन ट्रिलियन डॉलर की ऊंचाई पर दिखाई दे सकेगी।

डा. जयंतीलाल भंडारी

विख्यात अर्थशास्त्री


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