डा. जयंतीलाल भंडारी

हम उम्मीद करें कि ईएफटीए के बाद अब भारत के द्वारा ओमान, ब्रिटेन, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, अमरीका, इजरायल, भारत, गल्फ कंट्रीज काउंसिल और यूरोपीय संघ के साथ भी एफटीए को शीघ्रतापूर्वक अंतिम रूप दिया जा सकेगा। हम उम्मीद करें कि

हम उम्मीद करें कि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद देश वैश्विक आर्थिक संगठनों की रिपोर्टों के मुताबिक वर्ष 2027 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

हम उम्मीद करें कि हाल ही में डब्ल्यूटीओ के 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में जिस तरह भारत ने खाद्य सुरक्षा व एमएसपी का मुद्दा प्रभावी तरीके से उठाया है, उससे दुनिया के अन्य देशों का समर्थन बढ़ेगा और इसका स्थायी समाधान होगा। साथ ही हाल ही में लांच की गई बड़ी खाद्यान्न भंडारण योजना से लाभ मिलेगा...

हम उम्मीद करें कि भारत की नई पीढ़ी अपने डिजिटल कौशल और अपनी प्रतिभा से रोजगार और स्वरोजगार के मौकों को अपनी मुठ्ठियों में लेते हुए आगामी तीन-चार वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और वर्ष 2047 तक भारत को दुनिया का विकसित देश बनाने में अहम भूमिका निभाते हुए दिखाई देगी...

ऐसे में अब भारत के तेज विकास और भारत को विकसित देश बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के मद्देनजर भारतवंशियों व प्रवासियों द्वारा तन-मन-धन से आगे सहयोग करने के संकल्प के अभियान को इंडियास्पोरा द्वारा दुनियाभर में आगे बढ़ाया जा रहा है। हम उम्मीद करें कि इस समय यूएई की तरह दुनिया के कोने-कोने के देशों में प्रवासी भारतीय आर्थिक और तकनीकी क्षेत्रों में अपना प्रभावी योगदान देते हुए वैश्विक मंच पर भी भारत के हितों की जोरदार हिमायत के सा

भारत के द्वारा वर्ष 2023 में की गई जी-20 की सफल अध्यक्षता से नए आर्थिक लाभों की ऐसी अभूतपूर्व संभावनाएं मिली हैं जिससे इस वर्ष 2024 में भारत से निर्यात, भारत में विदेशी निवेश, भारत में विदेशी पर्यटन और भारत के डिजिटल विकास का नया क्षितिज सामने आते हुए दिखाई देगा। ग्लोबल सप्लाई

हम उम्मीद करें कि अब लॉजिस्टिक लागत में लक्ष्य के अनुरूप कमी करके इस समय वैश्विक व्यापार में भारत का जो हिस्सा दो फीसदी से भी कम है, उसे वर्ष 2030 तक बढ़ाकर करीब तीन गुना करने के साथ-साथ निर्यात मूल्य का आकार भी बढ़ाकर 2000 अरब डॉलर किए जाने के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को भी मुठ्ठी में लिया जा सकेगा। इससे देश 2047 तक विकसित देश बनने की डगर पर आगे बढ़ते हुए दिखाई देगा...

नए अंतरिम बजट से ऐसे विभिन्न जरूरतमंद वर्ग जो तत्काल रियायतों की अपेक्षा कर रहे थे, उन्हें अवश्य कुछ निराशा हुई है। इनमें वेतनभोगी (सेलरीड) वर्ग के लाखों छोटे आयकरदाता और मध्यम वर्ग के लोग भी हैं...

एक फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने वाले वर्ष 2024 के अंतरिम बजट की तैयारियों का अंतिम चरण 24 जनवरी को हलवा वितरण समारोह के साथ आरंभ हुआ। पिछले तीन पूर्ण बजट की तरह नया अंतरिम बजट भी पूरी तरह से पेपरलेस होगा। वस्तुत: इस समय पूरे देश की निगाहें वित्तमंत्री के द्वारा पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट की ओर लगी हुई हंै। वस्तुत: देश में जिस साल लोक

युवाओं के लिए रोजगार के मौके जुटाने के लिए डिजिटल शिक्षा के रास्ते में दिखाई दे रही कमियों को दूर करना होगा, वहीं उन्हें कौशल प्रशिक्षण के साथ नए स्किल्स सिखाए जाने होंगे...