कश्मीर में लगभग 5 लाख लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन उद्योग-कारोबार में रोजगार मिला हुआ है। इनमें से अधिकांश के लिए टैक्सी सर्विस, होटल, गाइड, हस्तशिल्प और पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां जीविका का साधन है। अब इस आतंकी हमले के बाद कश्मीर में रिकार्ड तोड़ती पयर्टकों की संख्या दम तोड़ते हुए दिखाई दे रही है। बड़ी संख्या में पर्यटक अपनी होटल व फ्लाइट बुकिंग कैंसिल करा रहे है। इसका सीधा असर स्थानीय कश्मीरी लोगों और वहां के पर्यटन उद्योग और कारोबार पर दिखाई देने लगा है...
इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि इस समय देश का अनुमानित खाद्यान्न उत्पादन 33 करोड़ टन से अधिक है, जबकि भंडारण क्षमता कुल उत्पादन का आधे से भी कम है, ऐसे में अनाज बर्बाद होने से बचाने के लिए अनाज भंडारण की नई क्षमता विकसित करनी होगी...
चूंकि अब दुनिया में नए डिजिटल दौर की नई संपत्तियों से विकास की मंजिलें तय होंगी, अतएव ऐसी सबसे कीमती संपत्तियों के विकास पर भारत को ध्यान देना होगा। अब भारत में भारी पूंजी वाले उद्योगों को सबसिडी देने के बजाय शिक्षा और कौशल विकास पर अधिक निवेश किया जाना अधिक लाभप्रद होगा। भारत को सेवा क्षेत्र की नई चमकीली राजधानी बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना होगा...
भारत की बढ़ती घरेलू मांग, नए व्यापार समझौते, रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन, बढ़ता खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और बढ़ता कृषि व खाद्य प्रसंस्करण निर्यात और घरेलू आर्थिक घटक भारत के लिए मजबूत और असरकारक आर्थिक हथियार के रूप में उपयोगिता देते हुए दिखाई देंगे...
अमेरिका के द्वारा भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए जाने की नई चुनौती के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौतों और नए मुक्त व्यापार समझौतों की वार्ताओं को शीघ्रता से अंतिम रूप देने की नई रणनीति के अच्छे परिणाम बहुत जल्द सामने आते जाएंगे...
यद्यपि खाद्य कीमतों में तेज गिरावट और कम मुख्य मुद्रास्फीति के कारण नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश बनती है, किन्तु घटती महंगाई और बढ़ते खाद्य उत्पादन को देखकर सरकार को कृषि क्षेत्र में लंबे समय से पसरी हुई चुनौतियों से नजर हटाने से बचना होगा। मौसम की अतिकारी घटनाओं तथा जलवायु परिवर्तन से निर्मित होने वाली समस्याओं पर लगातार ध्यान देना होगा। किसानों को मिलने वाली कीमत और उपभोक्ताओं द्वारा चुकाए जाने वाले मूल्य में भारी अंतर, भंडारण तथा गोदामों की कमी के कारण फसलों की बरबादी, खेत और मंडियों के बीच दूरी और खस्ताहाल सडक़ों जैसी रुकावटों को दूर करने पर निरंतर ध्यान देना होगा...
हर देश चाहता है कि उसके साथ विशेष व्यवहार किया जाए। हमें उसी रास्ते पर चलना होगा तथा देश की मजबूत घरेलू मांग और मध्यम वर्ग की चमकती हुई क्रय शक्ति का आधार बनाकर दुनिया के विभिन्न देशों के साथ आर्थिक और कारोबारी संबंधों को नई दिशा देना होगी। नि:संदेह ट्रंप की टैरिफ संबंधी नई चुनौतियों के बीच भारतीय नीति निर्माताओं के द्वारा ट्रंप प्रशासन की नीतियों से भारत पर होने वाले प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभावों का सतत मूल्यांकन करते हुए मजबूत घरेलू मांग की ताकत के आधार पर रणनीतिक रूप से आगे बढऩा होगा...
भारत के लिए ट्रंप की चुनौतियों के बीच वैश्विक कारोबार के नए अवसर भी निर्मित हो रहे है। एक ओर अमरीका में भारत के निर्यात बढ़ सकते हैं, वहीं दूसरी ओर भारत को वैश्विक निर्यात में भी बढ़त मिल सकती है। अब चीन पर अमरीका के द्वारा भारी टैरिफ लगाने से अमरीका चीन टैरिफ वॉर के कारण जिन क्षेत्रों में चीन अमरीका को प्रमुखता से निर्यात करता है, उनमें से कई क्षेत्रों में अमरीका को भारत अपना निर्यात सरलता से बढ़ा सकता है। इस परिप्रेक्ष्य में भारतीय निर्यातकों को अमरीका बाजार में पहुंच बढ़ाने के लिए वर्ष 2025-26 के बजट में स्वीकृत किया गया एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन अहम भूमिका निभाएगा...
नए आयकर विधेयक में गलत या अधूरी जानकारी देने पर भारी जुर्माना सुनिश्चित किया गया है। जानबूझकर टैक्स चोरी करने वालों पर मुकदमा चलाया जा सकता है। बकाया टैक्स का भुगतान न करने पर अधिक ब्याज और पेनल्टी है। आय छिपाने पर अकाउंट सीज और संपत्ति जब्त करने के अधिकार होंगे। इन सबसे आयकर संग्रहण बढ़ेगा और ईमानदार करदाताओं को लाभ होगा। निश्चित रूप से एक अप्रैल 2026 से लागू होने वाले नए आयकर कानून की वास्तविक सफलता
आखिर में यह कहना चाहूंगा कि हमें तय करना होगा कि छात्र सिर्फ परीक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि अपने जीवन के लिए भी तैयार हों। मश्विरा है कि हर छात्र को मजबूत भविष्य बनाने के लिए कोई स्किल सीखना चाहिए, फिर चाहे वह किसी भी कोर्स से जुड़ा हो। याद रहे कि व्यावहारिक शिक्षा, व्यवस्थित सुधार एवं कौशल विकास के द्वारा ही युवाओं को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सकता है। महात्मा गांधी जी ने शिक्षा के विषय में कहा था कि शिक्षा का अर्थ बच्चों में सारी शारीरिक, मानसिक और नैतिक शक्तियों का विकास करना होता है। शिक्षा, एकेडमी के दायरे से बढक़र होनी चाहिए, छात्रों को रोजगार क्षमता पर ध्यान देना चाहिए...