अफगानिस्तान में बढ़ी भुखमरी, अलगाव के चलते तालिबानी हुए लाचार, अब सिर्फ चीन पर टिकी हैं उम्मीदें
एजेंसियां — काबुल
पिछले अगस्त में काबुल को अपने कब्जे में लेने के बाद से तालिबान लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना अलगाव खत्म करने की कोशिशों में जुटा रहा है। लेकिन उसके ये प्रयास सफल नहीं हुए हैं। इसका नतीजा है कि अफगानिस्तान में आर्थिक मुश्किलें बढ़ती चली गई हैं। उससे देश में अब भुखमरी जैसे हालात बनने लगे हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अमरीका और दूसरे पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों के कारण अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था जर्जर हो गई है। इसके बीच तालिबान की पाकिस्तान और आर्थिक चीन से मदद मिलने की उम्मीद भी पूरी नहीं हुई है।
इन दोनों देशों ने भी अब तक काबुल में स्थित तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। बीते सितंबर में चीन ने तीन करोड़ 10 लाख डॉलर की खाद्य सामग्री, दवा, कोविड-19 वैक्सीन और अन्य सहायता देने का एलान किया था। लेकिन तालिबान नेतृत्व वाली सरकार के शरणार्थी मंत्रालय के मुताबिक चीन ने अब तक आधी सहायता ही भेजी है। पाकिस्तान ने दो करोड़ 80 लाख डॉलर की सहायता देने का वादा किया है, लेकिन वह मदद भी अभी अफगान जनता तक नहीं पहुंची है। ‘अफगानिस्तान इस्लामी अमीरातÓ सरकार के सूचना मंत्रालय के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने हाल में चीन के साथ तालिबान के रिश्ते को ‘रहस्यमयÓ बताया।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App