महिलाओं का सहारा बना सखी वन स्टॉप सेंटर

By: Jan 3rd, 2022 12:01 am

प्रदेश भर में बलात्कार-घरेलू-दहेज प्रताडऩा से तंग पीडि़तों को दिला रहा न्याय

स्टाफ रिपोर्टर—शिमला

प्रदेश में घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं अब ऐसे अपराधों के खिलाफ महिला आयोग और पुलिस में तो शिकायत कर ही सकते हैं, लेकिन इसके अलावा सरकार ने उनके लिए सखी वन स्टॉप सेंटर सेवा भी शुरू की है। प्रदेश के 12 जिलों में सखी वन स्टॉप सेंटर बनाए गए हैं, जहां पर ये महिलाएं किसी भी स्थिति में संपर्क कर सकती हैं। सखी वन स्टॉप सेंटर स्कीम का मतलब है एक ऐसी व्यवस्था है, जहां हिंसा से पीडि़त कोई भी महिला सभी तरह की मदद एक ही छत के नीचे एक साथ पा सकती है। इन सेंटर्स को अस्पतालों में चलाया जा रहा है, जहां मेडिकल, लीगल, अस्थायी रूप से रहने के लिए जगह, केस फाइल करने के लिए मदद व काउंसिलिंग सब कुछ एक ही जगह पर उपलब्ध होती है। कई बार ये देखा गया है कि घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को एकदम से मद्द की जरूरत रहती है। उन्हें पुलिस की मदद लेने में भी समय लग जाता है, लेकिन इन सेंटर में वे किसी भी समय जाकर तुरंत सहायता प्राप्त कर सकती है।

इस सेंटर में किसी भी तरह की हिंसा झेल रही महिला, बलात्कार, लैंगिक हिंसा, घरेलू हिंसा, एसिड अटैक विक्टिम विच हंटिंग, दहेज संबंधित हिंसा, बाल यौन शोषण, बाल विवाह, भ्रूण हत्या जैसे मामलों से पीडि़त कोई भी महिला यहां जा सकती है। इस योजना को निर्भया फंड के जरिए फंडेड किया जा रहा है। केंद्र सरकार की इस योजना के तहत राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनों को 100 फीसदी फंड की मदद की जा रही है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित वन स्टाप सेंटर योजना सखी महिलाओं के लिए मददगार साबित हो रही है। पांच दिनों तक महिलाओं का यहां काउंसलिंग के लिए रखा जाता है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के नंबर 01975-22489 और 96181-15932 पर भी सपंर्क किया जा सकता है।


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