बिना पीईटी-डीपीई कैसी नई खेल नीति

By: Jan 31st, 2022 12:01 am

अमन वर्मा — शिमला

हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश में नई स्पोट्र्स पॉलिसी लागू तो कर दी है। नई स्पोट्र्स पॉलिसी में खिलाड़ी विजेताओं को तो करोड़ों के इनाम भी रख दिए हैं, लेकिन खिलाड़ी कैसे तैयार होंगे, खिलाडिय़ों की संख्या प्रदेश में कैसे बनाई जाएगी, क्या प्रदेश के सभी स्कूलों पीईटी और डीपीई व कालेजों में शारीरिक विषय सह आचार्य के पद दिए जाएंगे, इसका पॉलिसी में कुछ भी साफ नहीं है। ऐसे में केंद्र सरकार के बजट से प्रदेश की नई स्पोट्र्स पॉलिसी पर उम्मीद जुड़ी है। प्रदेश के माध्यमिक और उच्च विद्यालयों में पीटीई के करीब दो हजार पद रिक्त और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में डीपी के करीब 380 पद स्वीकृत नहीं हंै। प्रदेश के 200 के लगभग कालेजों में से 160 कालेजों में शारिरिक सह आचार्य के पद ही स्वीकृत नहीं हैं। वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों व कालेजों में तो छात्रों की संख्या सैकड़ों में होती है, जबकि स्कूल व कालेजों में शारीरिक विषय भी पढ़ाया जाता है। इसके साथ अन्य खेलकूद प्रतियोगिताएं व अन्य कार्यक्रम भी होते हंै। स्कूलों में सैकड़ों की संख्या में डीपीई के पद और कालेजों में शारीरिक सह आचार्य के पद रिक्त होंगे, तो प्रदेश सरकार की नई स्पोट्र्स पॉलिसी धरातल स्तर पर कैसे कारगर सिद्ध हो पाएगी। जैसे फिट इंडिया मूवमेंट के तहत प्रत्येक स्कूल व कालेजों में शारीरिक गतिविधियों को करवाना अनिवार्य है, इतनी बड़ी संख्या में रिक्त पद होंगे, तो इन खेल गतिविधियों को कौन करवाएगा। पिछले वर्ष से ही नई एजुकेशन पॉलिसी लागू कर दी गई। इस पॉलिसी में शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य किया, लेकिन धरातल स्तर पर कुछ नहीं है और अब स्पोट्र्स पॉलिसी भी लागू हो गई है, तो क्या पॉलिसी कागजों तक ही सीमित रह जाएगी।

जैसे फिट इंडिया मूवमेंट की कार्यक्रम जब तक स्कूल व कालेज स्तर पर शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा, तब तक ऐसी हजारों पॉलिसियों आ जाए, ये सिर्फ कागजों में धूल फांकती रहेंगी और धरातल स्तर लागू नहीं हो सकती। प्रदेश की नई खेल नीति के तहत खिलाडिय़ों को तीन करोड़ तक की पुरस्कार राशि और सभी विभागों में रोजगार में प्रथम व द्वितीय श्रेणी की नियुक्तियों का तीन प्रतिशत स्पोट्र्स कोटे का प्रावधान किया गया है। नौकरी की आवश्यकता में ओलंपिक विषयों को प्राथमिकता मिलेगी। हिमाचल प्रदेश स्वर्णिम जंयती खेल नीति के तहत पुरस्कार और प्रोत्साहन प्रतिस्पर्धात्मक खेलों में भागीदारी को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए विभिन्न राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में पदक विजेताओं को नकद प्रोत्साहन में पर्याप्त वृद्धि की गई है। बहरहाल नई स्पोर्ट्स पालिसी में खिलाड़ी विजेताओं के लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं के लिए केंद्र सरकार के बजट पर उम्मीद है। केंद्र सरकार की मदद से ही प्रदेश सरकार से नई स्पोट्र्स पॉलिसी धरातल पर उतर सकती है। (एचडीएम)


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