अब घंटों की मशक्कत के बजाय चंद मिनटों में तैयार होंगे मिट्टी के बर्तन

By: Feb 12th, 2022 12:04 am

हिमाचली होनहार सुमन प्रजापति ने सच किया पीएम मोदी का ‘लोकल फॉर वोकल का नारा
बिलासपुर के युवा ने देशी जुगाड़ से तैयार की हाईटैक मशीन

नरेन कुमार— धर्मशाला
लाखों रुपए खर्च कर हाईटैक मशीन खरीदने की बजाय हिमाचल के बिलासपुर जिला के युवा हुनरबाज सुमन प्रजापति ने देशी जुगाड़ से मिट्टी के बर्तन बनाने की हाइटेक मशीन तैयार कर ली है। अब कुम्हारों को घंटों की मेहनत के बजाय जुगाड़ की इलेक्ट्रिक मशीन व्यवसाय को संवारने का काम करेगी। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस आत्मनिर्भर भारत की नींव रखते हुए लोकल फॉर वोकल का नारा दिया है, वह पहाड़ी राज्य में स्वीकार होते हुए नज़र आ रहा है। बिलासपुर के युवा कारीगर सुमन प्रजापति ने कमाल की मशीन बनाई है।

यह नई खोज हिमाचल संग देश भर के लिए मिशाल बन रही है। मशीन में दिन भर कुम्हारों की ओर से मिट्टी के बर्तन के लिए लगने वाले समय की बजाय अब कुछ ही मिनटों में काम हो रहा है। इतना ही नहीं सुमन इसी तकनीक पर आधारित अन्य मशीनें बनाकर हिमाचल के मिट्टी का काम करने वाले लोगों को भी देना चाहते हैं, ताकि उनका काम भी आसान हो सकें। साथ ही विलुप्त होते मिट्टी के बर्तनों व कारीगरों को एक बार फिर नई ऊर्जा मिल सकें। वह इलेक्ट्रिक तकनीक से चलने वाले पुराने ही औजारों से तैयार नई मशीन उनके कामों को आसान बना सकें। सुमन प्रजापति, गांव ठप्पर, डाकघर बलघाड़, तहसील झंडूता जिला बिलासपुर के रहने वाले हैं।

उन्होंने बिजली से चलने वाले चाक पर जुगाड़ से एक मशीन बनाई है, जो मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों के लिए वरदान साबित होगी। इस मशीन से कुम्हारों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा होगा। साथ ही मिट्टी के बर्तन बनाने का घंटों का काम चंद मिनटों में हो जाएगा। इससे समय की बचत और स्मार्ट वर्क हो पाएगा। इस मशीन के प्रयोग से मेहनत कम और मुनाफा ज्यादा होगा। कौशल रहित और हुनरमंद युवाओं के लिए स्वरोजगार के द्वार खुल गए हैं। बेरोजगार युवा इस कम लागत वाली जुगाड़ू मशीन से अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। सीएसआर-सीजीसीआरआई खुर्जा बुलंदशहर उत्तर प्रदेश के टेक्रिकल ऑफिसर विपन कुमार का कहना है कि प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए महंगी मशीन की बजाय अपने साधनों से अच्छी मशीन तैयार करने के सुमन के प्रयास सराहनीय है। मशीन की टस्टिंग करके आगामी समय में अन्य स्थानों पर भी इससे ही काम किए जाएंगे। (एचडीएम)

बेरोजगार युवाओं को बनाएंगे हुनरमंद
बता दें कि गत दिनों सुमन प्रजापति पुश्तैनी धरोहर मिट्टी के बर्तन बनाने की कला सीखने के लिए देश के प्रतिष्ठित संस्थान सीएसआर-सीजीसीआरआई खुर्जा बुलंदशहर उत्तर प्रदेश में गए थे। वहां महंगी-महंगी मशीनें देखकर उनसे ही प्रेरित होकर जुगाड़ से मशीन बना डाली, जिसे परिणाम सफल पाए गए, जो मील का पत्थर साबित हुई है। वहीं युवा सुमन प्रजापति का कहना है कि मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों को इस व्यवसाय से जोडऩे के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन और प्रशिक्षण देना है, ताकि बेरोजगार युवाओं को हुनरमंद बनाया जा सकें।


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