वन अधिकार अधिनियम-2006 पर जगाया अलख

By: Apr 8th, 2022 12:55 am

मोहिंद्र नेगी— रिकांगपिओ

वन अधिकार अधिनियम-2006 के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए किन्नौर प्रशासन द्वारा हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिप्पा) के सहयोग से रिकांगपिओ में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने कार्यशाला का आरंभ करते हुए बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य वन अधिकार अधिनियम-2006 के तहत गठित जिला स्तरीय व जिले के तीनों उपमंडल की उपमंडल स्तरीय समीतियों के सदस्यों व इस कार्य से जुड़े विभागों के अधिकारियों को वन अधिकार अधिनियम-2006 की बारीकियों के बारे में जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य के लिए हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान शिमला के विशेषज्ञों के अलावा एफआरए से जुड़े हिमाचल प्रदेश सरकार में उपसचिव राजस्व सुदेश मोगटा को स्त्रोत पर्सन के रूप में आमंत्रित किया गया है, जो अधिनियम की बारीकियों के बारे में जागरूक करेंगे। उपसचिव राजस्व सुदेश मोगटा ने इस अवसर पर बताया कि वन अधिकार अधिनियम-2006 अनुसूचित जनजाति व अन्य परंपरागत वन निवासियों को उनके वन पर आधारित अधिकारों को प्रदान करता है, जिसे भारत की संसद द्वारा वर्ष 2006 में पारित किया गया है।

यह कानून वन व वन भूमि पर निर्भर समुदायों के मौजूदा वन अधिकारों को कानूनी मान्यता देता है और रिकॉर्ड व दस्तावेजीकरण करता है। यह कानून लोगों को वन भूमि पर व्यक्तिगत और सामूहिक वन अधिकारों के साथ वनों के रख-रखाव और वन भूमि पर स्थानीय विकास का भी अधिकार देता है। इस कानून की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता है कि यह अधिकारों की मान्यता की पूर्ण निर्णय प्रक्रिया में हर कदम पर लोगों और उनके स्थानीय प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित करता है। इस कानून के माध्यम से अनुसूचित जातियों और अन्य परंपरागत वन निवासियों के अधिकारों को पहली बार कानूनी मान्यता प्राप्त हुई है, जिससे उनकी आजीविका की सुरक्षा हो रही है। हिप्पा के पाठ्यक्रम निदेशक डा. प्रवेश कुमार ने बताया कि वन अधिकार अधिनियम-2006 पहली जनवरी, 2008 में प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों पर लागू किया गया। छह सितंबर, 2012 में इस कानून में संशोधन कर इसे पूरे प्रदेश भर में लागू किया गया है। कार्यशाला में वनमंडलाधिकारी किन्नौर रजनोल्ड रॉयस्टन, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पूह अश्वनी कुमार, उपमंडलाधिकारी कल्पा स्वाति डोगरा, सहायक आयुक्त मुनीष कुमार शर्मा, आईटीडीपी की परियोजना अधिकारी बिमला वर्मा, जिला स्तरीय समिति के सरकारी तथा गैरसरकारी सदस्य, उपमंडल स्तर के सरकारी तथा गैरसरकारी सदस्य, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी व अन्य उपस्थित थे। (एचडीएम)


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