परीक्षा का तनाव और विद्यार्थी

परीक्षा के दिनों के दौरान छात्र उन दिनों और समय को कभी याद न करें जिन्हें आपने अपने पूरे शैक्षणिक सत्र में बर्बाद किया था। यह आपको परीक्षा में अधिक तनाव देगा। अब इसके बारे में सोचने का कोई फायदा नहीं है। तनाव कम करने के लिए छात्र उन दिनों को याद करने की कोशिश करें जिनमें आपने अपनी पुस्तकों का अध्ययन किया है। यह आपको प्रोत्साहित करेगा और आपका आत्म-विश्वास बढ़ाएगा कि आपने अभी तक परीक्षा में अच्छा करने के लिए बहुत कुछ सीखा है…

इस समय अनेक राज्यों में स्कूल बोर्ड परीक्षा शुरू हो चुकी है। छात्रों के लिए परीक्षा का समय काफी तनावपूर्ण होता है। बोर्ड परीक्षा के दौरान छात्रों को तनाव होना आम बात है, लेकिन कई बार यह तनाव छात्रों के साथ उनके अभिभावकों को भी हो जाता है। परीक्षा को लेकर तनाव और घबराहट होना आम बात है। हर व्यक्ति की तनाव झेलने की क्षमता अलग होती है और हर व्यक्ति इसके लिए अलग तरह से रिएक्ट करता है। हालांकि कई बार छात्रों के लिए परीक्षा के इस तनाव को झेलना बेहद मुश्किल हो जाता है। परीक्षा में तनाव के कई कारण हो सकते हैं जैसे बहुत सारा सिलेबस याद करना होता है, परीक्षा में आने वाले सवालों को लेकर हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है। तनाव की यह सीमा कई बार सामान्य से ज्यादा भी होती है। ऐसे में घबराने या डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि इस तनाव का सामना करने की जरूरत है। परीक्षा के अलावा प्रदर्शन की अपेक्षाएं, समय सीमा, कार्यभार आदि जैसे कारक तनाव को प्रेरित कर सकते हैं। परीक्षा का तनाव कई तरीकों से छात्रों को प्रभावित करता है। यह छात्रों को परीक्षा के दौरान पढ़ाई करने और तैयारी करने से रोकता है। विद्यार्थी को अध्ययन के दौरान अपने विषय पर ध्यान केंद्रित करना कठिन लगता है और वे पुस्तकों को छोड़ भी सकते हैं। यह अच्छी तरह से तैयार छात्र को भी प्रभावित करता है। जिन छात्रों ने अच्छी तैयारी की है और उन्हें अपने पाठ्यक्रम को दोहराने की आवश्यकता है, वे भी परीक्षा-तनाव से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकते हैं। गंभीर परीक्षा के तनाव से स्वास्थ्य संबंधी छोटी-छोटी समस्याएं यानी सिरदर्द, बुखार, उल्टी, दस्त हो सकते हैं। परीक्षा हॉल में पेपर लिखते समय तनाव परीक्षा में छात्रों के समग्र प्रदर्शन को प्रभावित करता है।

 वे पेपर में सवाल का जवाब देने के बारे में सब कुछ भूल सकते हैं। हो सकता है कि वे प्रश्न के उत्तर देने में सक्षम न हों क्योंकि वे तनाव के कारण पेपर पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते हैं। परीक्षा का तनाव परीक्षा में आपके स्कोर को कम करता है। परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए कुछ उपाय हैं जिन्हें अपनाकर छात्र परीक्षा संबंधी तनाव को कम कर सकते हैं। सबसे पहले तनाव को हराने के लिए जरूरी है कि छात्र अपने स्कूल की पढ़ाई, असाइनमेंट और कोर्सवर्क में टॉप में रहें। उन्हें पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और आगामी परीक्षा नहीं होने पर भी अध्ययन के समय को अपने दैनिक कार्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिए। उनका उचित अध्ययन कार्यक्रम होना चाहिए और उन्हें उसका पालन करना चाहिए। पढ़ाई के साथ अप-टू-डेट रहने से छात्रों को तनावमुक्त तरीके से सीखने में मदद मिलेगी। छात्रों को यह भी सीखना चाहिए कि समय का सही प्रबंधन कैसे करें। तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए उन्हें समय प्रबंधन तकनीकों को अपनाना चाहिए। बहुत से छात्र अपनी पढ़ाई, शैक्षणिक कार्य या अन्य गतिविधियों में विलंब करते हैं जिससे काम का ढेर लग जाता है और उन पर बोझ व तनाव बढ़ जाता है। इसलिए अनावश्यक तनाव से बचने को सभी काम समय पर पूरे करने चाहिए। छात्रों को तनाव से दूर रहने के लिए मेडिटेशन करना चाहिए। इससे उनका फोकस बढ़ता है और वे किसी काम को बिना तनाव के आराम से पूरा कर सकते हैं। वे चाहें तो अपनी मनपसंद हॉबी के लिए कुछ समय निकाल कर तनावमुक्त रह सकते हैं। छात्रों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे एक स्वस्थ दिनचर्या का पालन कर रहे हैं। उन्हें तनाव कम करने के लिए पर्याप्त आराम मिलना चाहिए। हर दिन कम से कम 6-7 घंटे सोना चाहिए। स्वस्थ भोजन करना और जितना हो सके जंक फूड से दूर रहें। पढ़ाई के दौरान यदि आप ज्यादा तनाव महसूस करते हैं तो आपको ऐसे व्यक्ति से बात करनी चाहिए जिस पर आप तनाव को दूर करने के लिए भरोसा करते हैं।

 अंदर ही अंदर तनाव विकसित करने से अच्छा है कि आप अपने विचारों को बाहर आने दें। कभी-कभी परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताना तनाव के स्तर को कम करने में मददगार होता है। समय के अनुसार पढ़ना शुरू करें और बीच-बीच में ब्रेक लें। टाइम टेबल के अनुसार पढ़ें। हर एक-दो घंटे बाद दस मिनट का ब्रेक लें। ग्रुप में पढ़ें, ग्रुप में पढ़ने के बहुत से फायदे होते हैं। अगर आपके सवाल या समस्याएं हैं तो आप एक दूसरे के साथ इन्हें हल कर सकते हैं। अपने कमजोर अध्यायों पर ध्यान दें। नोट्स बनाकर एक-दूसरे के साथ शेयर करें। जब आप पढ़ने के लिए तैयार हों, टाइम टेबल बनाकर पढ़ना शुरू करें। ध्यान रखें हर विषय पर अलग तरह से ध्यान देने की जरूरत होती है। कई बार तनाव होने के कुछ ऐसे कारण होते हैं जिनका आपकी असल जिंदगी से कुछ लेना-देना नहीं होता है। आप ऐसे कारणों को पहचानें। कई बार निगेटिव सोच आपको तनाव में डाल देती है। ऐसे में आपको निगेटिव से ध्यान हटाकर पॉजिटिव सोचना है। जिस तरह निगेटिव सोच आपके आने वाले समय को निगेटिव कर देती है, उसी तरह सकारात्मक सोच आपके आने वाले समय को पॉजिटिव एनर्जी से भर देगी। परीक्षा खराब होगी, यह सोचने से अच्छा है कि यह सोचें कि मेरी परीक्षा बहुत अच्छी जाएगी और मेरे बहुत अच्छे अंक आएंगे। केवल ऐसा सोचना भर ही आपके अंदर आत्म-विश्वास पैदा कर देगा। तनाव हमेशा निराशावाद का उत्पाद है। जब आप चीजों के नकारात्मक पक्ष पर सोचते हैं तो आप अपने आपको अध्ययन के अधिक अधीन करते हैं। अपने परीक्षा तनाव को दूर करने के लिए आपको अपनी परीक्षा के बारे में आशावादी होना चाहिए। इसका मतलब है कि अपनी परीक्षा में सफलता के बारे में सोचें। परीक्षा में असफलता के नकारात्मक विचारों के बारे में कभी न सोचें जिसके परिणामस्वरूप परीक्षा का तनाव होता है। आप यह सोचकर खुद को प्रोत्साहित कर सकते हैं कि आप एक अच्छे छात्र हैं और आसानी से परीक्षा में अच्छा स्कोर करेंगे।

 परीक्षा के दिनों में अधिकांश छात्र अपने दोस्तों को कॉल या मैसेज करते हैं और उनसे परीक्षा के लिए उनकी तैयारी की स्थिति के बारे में पूछते हैं। जब कभी आपको पता चलता है कि आपके दोस्त ने बहुत तैयारी की है और आपने अभी तक कुछ नहीं किया है, तो यह एक चिंता का विषय बन जाता है। यदि आपको पता चलता है कि आपने अपने मित्र की तुलना में बहुत कम तैयारी की है तो यह आपके भीतर समय पर पढ़ाई पूरी न करने का डर पैदा करेगा। आपको केवल उस समय के बारे में सोचना चाहिए जो आपने अपने पढ़ाई के समय में उचित उपयोग किया था और उस समय के बारे में कभी नहीं सोचें जो आपने बर्बाद किया था। परीक्षा के दिनों के दौरान छात्र उन दिनों और समय को कभी याद न करें जिन्हें आपने अपने पूरे शैक्षणिक सत्र में बर्बाद किया था। यह आपको परीक्षा में अधिक तनाव देगा। अब इसके बारे में सोचने का कोई फायदा नहीं है। तनाव कम करने के लिए छात्र उन दिनों को याद करने की कोशिश करें जिनमें आपने अपनी पुस्तकों का अध्ययन किया है। यह आपको प्रोत्साहित करेगा और आपका आत्म-विश्वास बढ़ाएगा कि आपने अभी तक परीक्षा में अच्छा करने के लिए बहुत कुछ सीखा है। अंत में परीक्षा टाइम में छात्र कभी भी मानसिक दबाव न लें और अपने आप पर भी यकीन रखें कि आप बेहतर करोगे और आपने जो कुछ पढ़ा है, वो आपके लिए काफी है।

डा. वरिंदर भाटिया

कालेज प्रिंसीपल

ईमेल : hellobhatiaji@gmail.com


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