Dharamshala Hospital : कोरोना महामारी नहीं फिर भी बिगड़ी धर्मशाला अस्पताल की हालत
दो ओपीडी पर लटके ताले; डाक्टरों की खाली कुर्सियां देख मरीजों में पनप रहा रोष, समय पर नहीं मिल पा रही सुविधा
नरेन कुमार-धर्मशाला
कोरोना महामारी के दो साल स्वास्थ्य सुविधाओं के हाल दयनीय भी रहे और उनमें सुधार के लिए बड़े स्तर पर प्रयास भी हुए, लेकिन हैरत करने वाली बात यह है कि कोविड-19 को देखते हुए स्वास्थ्य संस्थानों को सुदृढ़ किए जाने और बेहतर इलाज की सुविधाएं प्रदान करने को बड़े-बड़े दावे भी हो रहे हैं, लेकिन प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला में जो कि स्मार्ट शहर भी है के जोनल अस्पताल धर्मशाला की कोविड न होने के बाबजूद हालत बिगड़ी हुई है। इतना ही नहीं धर्मशाला अस्पताल की हालत दिन-प्रतिदिन गंभीर भी होती जा रही है।
क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला में दो ओपीडी में कई माह से पूरी तरह से ताले लटक हुए हैं, जबकि आधा दर्जन बाहरी रोग विभाग ओपीडी एकमात्र डाक्टर के सहारे चल रही है, जिसमें डाक्टरों की इमर्जेंसी डयूटी व अवकाश पर जाने पर मरीजों का मर्ज अधिक बढ़ रहा है। जिला मुख्यालय धर्मशाला के साथ-साथ जिला के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के स्वास्थ्य का जिम्मा जोनल अस्पताल पर है, लेकिन लगातार ओपीडी में ताले लटकने के कारण धौलाधार की पहाडिय़ों में दूरदराज के क्षेत्रों में बसे गांवों के लोगों को धर्मशाला अस्पताल पहुंचने पर मायूसी ही हाथ लग रही है। मरीजों को टांडा मेडिकल कालेज संग निजी अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
स्मार्ट शहर धर्मशाला के अस्पताल में मौजूदा समय में सर्जन विशेषज्ञ एक भी उपलब्ध नहीं है, जबकि ईएनटी में कुछ समय पहले तक तीन-तीन डाक्टरों की संख्या भी कई माह से जीरों पर पहुंच गई है, जिससे दोनों ही महत्त्वपूर्ण विभागों में ताले लटके हुए हैं। ऐसे में नाक, कान, गल्ले सहित छोटे से छोटे ऑपरेशन के लिए भी अन्य स्वास्थ्य संस्थानों को रैफर की स्थिति बन रही है। ऐसे में एक फिर धर्मशाला अस्पताल को रैफरल अस्पताल के नाम से ही पुकारे जाने लगा है। इसके अलावा महत्त्वपूर्ण ओपीडी एकमात्र विशेषज्ञ के सहारे चल रही हैं, जिसमें आर्थो, मनोचिकित्सक के अलावा अल्ट्रासाउंड विभाग में भी एक रेडियोलोजिस्ट व ऐनिथिसिया का भी एक ही विशेषज्ञ मौजूद है। (एचडीएम)
मरीज-तामीरदार परेशान
क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला पहुंचने वाले मरीजों व तामीरदारों को हर दिन परेशान होना पड़ रहा है। नरेंद्र, गौरव, नीरज, अभिषेक, किरण, विनोद , सुनील, सुरेंद्र व बिहारी लाल का कहना है कि अस्पताल में पहुंचने पर कुछेक ओपीडी एक माह से अधिक समय से बंद है।
क्या कहते हैं एमएस
जोनल अस्पताल धर्मशाला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. राजेश गुलेरी ने बताया कि अस्पताल में कुछ ओपीडी में अभी डाक्टर नहीं है, और कुछ एक विशेषज्ञ के सहयोग से बेहतर चलाने का प्रयास किया जा रहा है। डा. राजेश गुलेरी ने बताया कि स्वास्थ्य निदेशालय को बंद ओपीडी व एक-एक विशेषज्ञ के स्थान पर विशेषज्ञों की नियुक्ति किए जाने बारे लिखा गया है। उन्होंने बताया जैसे ही निदेशालय से रिक्त पद भरे जाएंगे, लोगों को बेहतरीन सुविधा मिल पाएगी।
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