Russia-Ukraine war: यूक्रेन ने मारियुपोल में मानी हार, युद्धक मिशन बंद करने का ऐलान

By: May 18th, 2022 12:08 am

स्टील फैक्टरी से 260 सैनिक निकाले, युद्धक मिशन बंद करने का ऐलान

एजेंसियां — मारियुपोल

मारियुपोल शहर में रूस की कई दिनों से जारी भीषण बमबारी के बाद अंतत: यूक्रेन ने हार मान ली है। यूक्रेन ने मारियुपोल में अपने युद्धक मिशन को बंद करने का ऐलान किया है। साथ ही यूक्रेन ने शहर से बाहर बनी स्टील फैक्टरी में पिछले कई दिनों से रूसी सेना को जोरदार जवाब दे रहे अपने सैनिकों को निकालना शुरू कर दिया है। सबसे पहले 260 सैनिकों को बाहर निकाला गया है, जो बुरी तरह से घायल थे, लेकिन रूसी हमले के कारण उन्हें निकाला नहीं जा सका था। रणनीतिक रूप से बेहद अहम बंदरगाह शहर मारियुपोल पर अब पूरी तरह से रूसी सेना का नियंत्रण है, जो पुतिन के लिए यूक्रेन की जंग में सबसे बड़ी जीत की तरह से है। यूक्रेन की सेना के जनरल स्टाफ ने एक बयान जारी करके कहा कि मारियुपोल की रक्षा के लिए तैनात सेना ने अपने लड़ाकू मिशन को पूरा कर लिया है। सुप्रीम मिलिट्री कमांड ने अजोवस्तल स्टील फैक्टरी में मौजूद कमांडरों को आदेश दिया है कि वे अपने सैनिक की जान बचाएं।

मारियुपोल के रक्षक हमारे समय के हीरो

यूक्रेन की सेना ने कहा कि मारियुपोल के रक्षक हमारे समय के हीरो की तरह से हैं और इतिहास में याद रखा जाएगा। इसमें विशेष अजोव यूनिट शामिल है। यूक्रेन के उपरक्षा मंत्री हन्ना मालियर ने सोमवार रात को कहा कि 53 बुरी तरह से घायल सैनिकों को रूस के नियंत्रण वाले नोवोअजोवस्क कस्बे और 200 अन्य लोगों को ओलेनिवका से निकाला गया है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि इस स्टील फैक्टरी में अभी कितने सैनिक मौजूद हैं, लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि हम अपने सैनिकों की रक्षा करने की आशा करते हैं।

जेलेंस्की ने कहा, ‘मैं यह रेखांकित करना चाहता हूं कि यूक्रेन को अपने हीरो को ज?िंदा लाना जरूरी है। यह हमारा सिद्धांत है।’ यूक्रेन के अपने सैनिकों को स्?टील फैक्?ट्री से वापस निकाले जाने से यूक्रेन की जंग में अब तक के सबसे खूनी और लंबे युद्ध का खात्?मा हो गया है। वहीं यह यूक्रेन की सेना के लिए एक बहुत अहम हार और पुतिन के लिए बड़ी जीत की तरह से है। मारियुपोल शहर खंडहर में बदल चुका है और यूक्रेन का दावा है कि रूसी सेना ने कब्?जा करने से पहले हजारों की तादाद में लोगों को मार डाला।

स्टील फैक्टरी रूसी हमले के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक बनी

वहीं यूक्रेन के लोगों के लिए स्?टील फैक्?ट्री रूसी हमले के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक बन गई थी जहां शहर पर रूसी सेना के कब्?जे के बाद भी 3 हजार जवान हार नहीं मान रहे थे और जोरदार जवाबी कार्रवाई कर रहे थे। ऐसे आरोप हैं कि रूसी सेना ने यूक्रेन के इन सैनिकों का मनोबल तोडऩे के लिए फास्?फोरस बम का इस्?तेमाल किया। अजोव रेजिमेंट का निर्माण राष्?ट्रवादी समूहों की ओर से रूस के क्रीमिया पर कब्?जे के बाद किया गया था।

कीव में भारतीय एंबेसी ने शुरू किया कामकाज

यूक्रेन की राजधानी कीव में रूसी हमले कम हो गए हैं। कई देशों की एंबेसी ने फिर काम करना शुरू कर दिया है। वहीं भारतीय एंबेसी ने भी कीव में मंगलवार से काम करना शुरू कर दिया। इसे लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास, जो अस्थायी रूप से वारसॉ (पोलैंड) से चल रहा था, 17 मई से कीव में अपना संचालन फिर से शुरू कर दिया।


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