सेना में अग्निवीर-1

By: Jun 18th, 2022 12:02 am

देश में पिछले चंद दिनों से जो दो विषय चर्चाओं में है उनमें एक है ईडी और दूसरा अग्निपथ पर चलने वाला अग्निवीर। जिस तरह से ईडी ने पहले हिमाचल में पांव पसार रही आम आदमी पार्टी के राज्य प्रभारी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की और उसके बाद इस सप्ताह के शुरू से देश के एक बड़े राजनीतिक घराने जिसके यहां से देश के तीन-तीन प्रधानमंत्री बन चुके हैं, उस परिवार के एक सदस्य को पूछताछ के लिए जब बुलाया तो  सारी कांग्रेस पार्टी इसके विरोध में सड़कों पर आ गई और इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और कांग्रेस के युवा एवं वरिष्ठ नेताओं के आपसी व्यवहार के जो वीडियो वायरल हो रहे हैं उससे ईडी  राजनीतिक गलियारों में चर्चा का मुख्य बिंदु बनी हुई है। पिछले 2 दिन से भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है कि सेना में भर्ती के माध्यम से अब सैनिकों की जगह अग्निवीर प्रवेश करेंगे और इस योजना के अनुसार यह युवा मात्र 4 साल के लिए सेना में सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगे। सरकार का कहना है कि इस तरह के युवा सैन्य प्रशिक्षण वाले कुशल युवा होंगे जिनके  रोजगार के लिए निजी कंपनियों के दरवाजे हमेशा खुले होंगे। निजी कंपनियां भी एक सैन्य प्रशिक्षित और अनुशासन प्रिय युवा को लेने में खुश रहंेगी, पर इस फैसले के बाद भी जैसे देश के आम नागरिक को सीएए, किसान बिल समझ नहीं आया था उसी तरह यह फैसला भी देश के युवाओं को अच्छा नहीं लगा और इस फैसले की घोषणा के बाद युवाओं ने सड़कों पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है और कहीं-कहीं यह प्रदर्शन हिंसक और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाला भी बन चुका है।

सेना में सिर्फ 4 वर्ष के लिए अल्पकालिक सेवाएं देने की योजना प्रस्तावित करने वाला भारत मात्र अकेला देश नहीं, बल्कि इससे पहले दुनिया के बहुत सारे देशों में इस तरह की प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है, जैसे इजरायल, तुर्की आदि ऐसे बहुत सारे देश हैं जहां लड़के ही नहीं लड़कियों को भी अल्पकालिक सेवा के लिए सेना में शुरुआती 2 से 4 वर्ष के लिए भेजा जाता है, पर विदेशों में लागू की गई इस तरह की योजना और भारत की अग्निवीर योजना में थोड़ा फर्क है। भारत के लिए इस तरह की योजना के फायदे या नुकसान तब पता चलेंगे जब अगले 5 साल तक इसका पहला बैच अपना कार्यकाल पूरा कर लेता है तो सेना की तैनाती के दौरान अग्निवीरों का व्यवहार और आचरण कैसा रहेगा, इस पर तभी उचित आकलन होगा। इस वक्त जो कयास लगाए जा रहे हैं उनमें चीजें पॉजिटिव कम तथा नेगेटिव ज्यादा लग रही हैं। सबसे पहले एक सैन्य प्रशिक्षित युवा मात्र 21 साल में जब बेरोजगार हो जाता है और अगर उसे उसकी मनचाही नौकरी नहीं मिलती है तो उस उम्र में अगर वह सरकार का विरोध या विद्रोह कर देता है तो इस तरह के प्रशिक्षित युवा पर नकेल कसना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा। सरकार को यह लिखित आश्वासन देना चाहिए कि जितने भी युवा सेना में जाएंगे, 4 साल बाद इनकी शत-प्रतिशत रोजगार गारंटी होगी। इनमें से किसी भी सैनिक को सेवानिवृत्ति के नाम पर घर नहीं भेजा जाएगा, बल्कि 4 साल के बाद उनको सीधा किसी न किसी कंपनी चाहे वह प्राइवेट हो या सरकारी, उसमें सीधे नौकरी दी जाएगी।  

                                           -क्रमशः

कर्नल (रि.) मनीष

स्वतंत्र लेखक


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